Gorakhpur News: कत्ल के बाद मासूम के शव के साथ किया घिनौना काम, बोला - उसकी मां को संपत्ति देकर मैनेज कर लूंगा

गोरखपुर के चिलुआताल में तीन साल की मासूम पटक-पटककर की हत्या

आरोपी ने शव के साथ किया कुकर्म

पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी को कोई पछतावा नहीं 

 
Gorakhpur News: After the murder, abominable work was done with the dead body of the innocent, said - I will manage by giving property to his mother
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आरोपी ने पुलिस से कहा - आप लोग नाहक परेशान हैं, मुझे छोड़ दीजिए, मैं पूरे मामले को मैनेज कर दूंगा। पीड़िता की मां को अपनी संपत्ति लिख दूंगा, वह कोई केस नहीं करेगी।

Gorakhpur News: गोरखपुर के चिलुआताल इलाके के एक गांव में मां के बगल में सोई तीन साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर हत्या के मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया है। पुलिस ने वारदात का पर्दाफाश करते हुए जो बताया, वह रोंगटे खड़ा कर देने वाला है। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने मासूम के साथ दरिंदगी की सारी हदें पार कर दीं।

आरोपी ने पहले मासूम को अगवा किया। इस दौरान वह रोने लगी तो उसे जमीन पर पटक दिया। सिर पर चोट लगने से वह चीखने लगी तो पहले लात-घूसे से पीटा फिर जमीन पर पटक-पटककर मार डाला। शव को ठिकाने लगाने जाते समय उसपर वहशीपन सवार हो गया। उसने बच्ची के शव के साथ कुकर्म किया।

Gorakhpur News: After the murder, abominable work was done with the dead body of the innocent, said - I will manage by giving property to his mother

इसके बाद शव को पास की चहारदीवारी में फेंककर फरार हो गया। आरोपी की पहचान चिलुआताल इलाके के कृतपुरा टोला निवासी मिथिलेश विश्वकर्मा के रूप में हुई है। बुधवार को आरोपी को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बाउंड्रीवाल के पास बच्ची के छिपाए गए अंडरवियर को बरामद कर लिया।

आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी पर रासुका भी लगाया जाएगा। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर व एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस कर घटना का पर्दाफाश कर पकड़े गए आरोपी के बारे में जानकारी दी। 

एसएसपी ने बताया, बीते छह अगस्त की तड़के सुबह पुलिस को एक बच्ची के अपहरण की सूचना मिली थी। पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। इस बीच सोमवार को बच्ची की लाश मिल गई। शुरुआती जांच में पुलिस बच्ची की मां के प्रेमी, पूर्व पति और परिवार में आपसी विवाद को केंद्र बिंदु मानकर जांच कर रही थी।

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इस बीच पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिल गई। पोस्टमार्टम में पिछले नाजुक हिस्से पर चोट के निशान मिले। पुलिस इस बिंदु को भी जांच के दायरे में लाई। इसी दौरान पुलिस को एक ऐसे शख्स के बारे में जानकारी मिली, जो अपनी ही भतीजी से दुष्कर्म कर जेल गया था और पांच अगस्त को ही जेल से जमानत पर छूटा था।

यह भी पता चला कि घटना वाले दिन से ही वह लापता है। पुलिस ने संदेह के आधार आरोपी मिथिलेश की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने राजघाट के लालडिग्गी के पास से अपने बहन के घर छिपे मिथिलेश को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में उसने घटना कबूल कर ली।

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एसएसपी ने बताया कि आरोपी पांच अगस्त को जमानत पर छूटने के बाद घर आया। घर पर शराब पीने के दौरान उसका भाई से विवाद हो गया। भाई ने भतीजी से दुष्कर्म का कसूरवार बताते हुए उसे घर से भगा दिया। मिथिलेश पीड़िता के घर के सामने से गुजर रहा था। इस दौरान उसे बरामदे में बच्ची अपनी मां के साथ सोई नजर आई। उसने बच्ची को अगवा कर लिया।

मां ने दिखाई पुलिस को राह तो खुल गया मामला - पुलिस मासूम का शव मिलने के बाद से ही परिजनों और करीबियों पर संदेह जाहिर कर रही थी। उधर, गांव के कृतपुरा टाेले में पूर्व में भतीजी से दुष्कर्म की घटना के बारे में पुलिस को जानकारी हुई। दरअसल, दुष्कर्म पीड़िता की मां ने मासूम के अपहरण व हत्या के मामले में भी अपने देवर पर संदेह जाहिर किया।

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उसने पुलिस तक सूचना भेजी कि हो सकता है कि उसने ही मासूम के साथ भी दरिंदगी की हो। यह सूचना मिलते ही पुलिस ने उसके बारे में पता किया तो मालूम हुआ कि पांच अगस्त को ही वह जेल से छूटा और उसी रात से गायब है।

फिर एसपी नार्थ मनोज अवस्थी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को दोबारा गहनता से पढ़ा। पता चला कि पिछले हिस्से में चोट है। फिर उन्होंने पोस्टमार्टम करने वाली डॉक्टरों की टीम से वार्ता की और पुख्ता होने पर आरोपी को उठा लिया। पकड़ में आने के बाद आरोपी ने तोते की तरह घटना को उगल दिया।

आरोपी को पछतावा नहीं - पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद आरोपी मिथिलेश के चेहरे पर पछतावा नहीं था। उसने पुलिस से कहा-आप लोग नाहक परेशान हैं, मुझे छोड़ दीजिए, मैं पूरे मामले को मैनेज कर दूंगा। पीड़िता की मां को अपनी संपत्ति लिख दूंगा, वह कोई केस नहीं करेगी। वह मान जाएगी। पुलिस ने सख्ती की तो उसने घटना के बारे में जानकारी दी।

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पता चला कि उसने बाउंड्रीवाल के पास ही ईंट के नीचे अंडरवियर को छिपाकर रखा था। उधर, गांव में आरोपी के पिता को लेकर भी आक्रोश है। गांव वालों का कहना है कि आरोपी जब अपनी भतीजी से दरिंदगी कर सकता है तो उससे कोई सुरक्षित नहीं है। लेकिन फिर भी आरोपी के पिता ने रुपये खर्च कर दरिंदे की जमानत करा दी।

मां बोली - आरोपी को भी ऐसी ही सजा मिले - घटना में शामिल मिथिलेश की गिरफ्तारी के बाद मृत मासूम बच्ची की मां एक बार फिर दहाड़े मारकर रोने लगी। उसने कहा कि जिसने उसकी बेटी की जिंदगी ली, उसे भी ऐसी ही सजा मिलनी चाहिए।

वह पुलिस की कार्रवाई से संतुष्ट हैं, लेकिन आरोपी पर और सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। पुलिस शुरू से ही मदद कर रही थी। घर से हम लोगों को भी बुलाया गया, लेकिन कोई बदसलूकी नहीं की गई। अब बस एक ही चाहत है कि आरोपी को सख्त से सख्त सजा मिले।

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वहीं प्रो. अनुभुति दुबे, एचओडी, साइकोलॉजी विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय ने बताया कि कुछ लोगों के पर्सनॉलिटी में क्रोनिक ऑफेंडर (ऐसा व्यक्ति जो अक्सर नियमों और कानूनों का उल्लंघन करता है) पाया जाता है। उन्हें कानून तोड़ने और किसी को तड़पाना अच्छा लगता है। यह मेंटल से भी बड़ा मामला है।

मेंटल केस में तो आप सुधार कर सकते हैं, लेकिन इसमें मुश्किल है। इन्हें नैतिकता और अनैतिकता के बारे में कुछ नहीं पता होता। ऐसे लोगों में सुधार बहुत मुश्किल है। इन्हें जब भी मौका मिलेगा, वे घिनौना कृत्य जरूर करेंगे। किसी को तड़पाकर ही इनको खुशी मिलती है। ऐसे व्यक्ति को समाज में रखना बहुत ही खतरनाक है।