UP Crime: हाई प्रोफाइल परिवार से है मुर्तजा, मिली फांसी की सजा, जिला जज थे आरोपी के दादा

 
UP Crime: Murtaza is from a high profile family, got death sentence, the grandfather of the accused was the district judge
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गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों पर हमले के आरोप में अदालत ने सोमवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया है। यही मुर्तजा कभी परिवार और मां-बाप की शान हुआ करता था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था।

UP Crime: जिस मुर्तजा के नाम पर परिवार से लेकर रिश्तेदार तक कभी गर्व किया करते थे वह अब बदनामी का सबब बन गया है। परिवार के लोग और रिश्तेदार उससे कोई वास्ता न होने का हवाला दे रहे हैं। कह रहे हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मुर्तजा की दुनिया बदल गई थी। वह घर-परिवार की चिंता छोड़कर खुद में जीने लगा था।

जिस मुर्तजा के नाम पर परिवार से लेकर रिश्तेदार तक कभी गर्व किया करते थे वह अब बदनामी का सबब बन गया है। परिवार के लोग और रिश्तेदार उससे कोई वास्ता न होने का हवाला दे रहे हैं। कह रहे हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मुर्तजा की दुनिया बदल गई थी। वह घर-परिवार की चिंता छोड़कर खुद में जीने लगा था।   बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों पर हमले के आरोप में अदालत ने सोमवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया है। यही मुर्तजा कभी परिवार और मां-बाप की शान हुआ करता था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था।   गोरखपुर में जन्में मुर्तजा के दादा जिला जज हुआ करते थे। उसके पिता अधिवक्ता हैं। मुर्तजा के जन्म के बाद पिता मुनीर अहमद और मां गोरखपुर छोड़कर मुंबई चले गए। मुर्तजा की पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई। मुर्तजा के आधार कार्ड पर नवी मुंबई का पता है। वह परिवार सहित मुंबई के सानपाड़ा इलाके में रह रहा था।  मंदिर पर हमले के बाद उसके पिता ने बताया था कि मुर्तजा बचपन से होनहार था, लेकिन जल्दी घबरा जाता था। वह फुटबॉल और टेनिस का अच्छा खिलाड़ी रहा है। हाईस्कूल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में टॉप किया है। स्कूल बोर्ड पर उसका नाम लिखा हुआ है।  साल 2010 में 12वीं पास करने के बाद उसने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। साल 2015 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद दो निजी कंपनियों में बड़े पद पर काम किया। कोरोना संकट के बीच नौकरी चली गई। इसके बाद परिवार सहित गोरखपुर आ गया। उसके पिता अब भी मुंबई और लखनऊ की कई कंपनियों के कानूनी सलाहकार हैं।    पकड़े जाने से पहले बना रहा था एप  गोरखपुर आने के बाद मुर्तजा ने एप बनाना शुरू किया था। परिवार के मुताबिक मुर्तजा का यह काम घरवालों को अच्छा नहीं लग रहा था। मुर्तजा के कमरे से पुलिस ने एयरगन और छर्रा भी बरामद किया था। पुलिस को घरवालों ने बताया था कि पिछले कुछ समय से वह घर में ही छत और खाली जगह पर एयरगन से निशानेबाजी सीख रहा था। मुर्तजा के कमरे से पहले पुलिस ने अरबी भाषा में लिखी किताब और पैन ड्राइव बरामद की थी।



बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों पर हमले के आरोप में अदालत ने सोमवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया है। यही मुर्तजा कभी परिवार और मां-बाप की शान हुआ करता था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था।

जिस मुर्तजा के नाम पर परिवार से लेकर रिश्तेदार तक कभी गर्व किया करते थे वह अब बदनामी का सबब बन गया है। परिवार के लोग और रिश्तेदार उससे कोई वास्ता न होने का हवाला दे रहे हैं। कह रहे हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मुर्तजा की दुनिया बदल गई थी। वह घर-परिवार की चिंता छोड़कर खुद में जीने लगा था।   बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों पर हमले के आरोप में अदालत ने सोमवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया है। यही मुर्तजा कभी परिवार और मां-बाप की शान हुआ करता था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था।   गोरखपुर में जन्में मुर्तजा के दादा जिला जज हुआ करते थे। उसके पिता अधिवक्ता हैं। मुर्तजा के जन्म के बाद पिता मुनीर अहमद और मां गोरखपुर छोड़कर मुंबई चले गए। मुर्तजा की पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई। मुर्तजा के आधार कार्ड पर नवी मुंबई का पता है। वह परिवार सहित मुंबई के सानपाड़ा इलाके में रह रहा था।  मंदिर पर हमले के बाद उसके पिता ने बताया था कि मुर्तजा बचपन से होनहार था, लेकिन जल्दी घबरा जाता था। वह फुटबॉल और टेनिस का अच्छा खिलाड़ी रहा है। हाईस्कूल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में टॉप किया है। स्कूल बोर्ड पर उसका नाम लिखा हुआ है।  साल 2010 में 12वीं पास करने के बाद उसने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। साल 2015 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद दो निजी कंपनियों में बड़े पद पर काम किया। कोरोना संकट के बीच नौकरी चली गई। इसके बाद परिवार सहित गोरखपुर आ गया। उसके पिता अब भी मुंबई और लखनऊ की कई कंपनियों के कानूनी सलाहकार हैं।    पकड़े जाने से पहले बना रहा था एप  गोरखपुर आने के बाद मुर्तजा ने एप बनाना शुरू किया था। परिवार के मुताबिक मुर्तजा का यह काम घरवालों को अच्छा नहीं लग रहा था। मुर्तजा के कमरे से पुलिस ने एयरगन और छर्रा भी बरामद किया था। पुलिस को घरवालों ने बताया था कि पिछले कुछ समय से वह घर में ही छत और खाली जगह पर एयरगन से निशानेबाजी सीख रहा था। मुर्तजा के कमरे से पहले पुलिस ने अरबी भाषा में लिखी किताब और पैन ड्राइव बरामद की थी।



गोरखपुर में जन्में मुर्तजा के दादा जिला जज हुआ करते थे। उसके पिता अधिवक्ता हैं। मुर्तजा के जन्म के बाद पिता मुनीर अहमद और मां गोरखपुर छोड़कर मुंबई चले गए। मुर्तजा की पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई। मुर्तजा के आधार कार्ड पर नवी मुंबई का पता है। वह परिवार सहित मुंबई के सानपाड़ा इलाके में रह रहा था।

जिस मुर्तजा के नाम पर परिवार से लेकर रिश्तेदार तक कभी गर्व किया करते थे वह अब बदनामी का सबब बन गया है। परिवार के लोग और रिश्तेदार उससे कोई वास्ता न होने का हवाला दे रहे हैं। कह रहे हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मुर्तजा की दुनिया बदल गई थी। वह घर-परिवार की चिंता छोड़कर खुद में जीने लगा था।   बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों पर हमले के आरोप में अदालत ने सोमवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया है। यही मुर्तजा कभी परिवार और मां-बाप की शान हुआ करता था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था।   गोरखपुर में जन्में मुर्तजा के दादा जिला जज हुआ करते थे। उसके पिता अधिवक्ता हैं। मुर्तजा के जन्म के बाद पिता मुनीर अहमद और मां गोरखपुर छोड़कर मुंबई चले गए। मुर्तजा की पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई। मुर्तजा के आधार कार्ड पर नवी मुंबई का पता है। वह परिवार सहित मुंबई के सानपाड़ा इलाके में रह रहा था।  मंदिर पर हमले के बाद उसके पिता ने बताया था कि मुर्तजा बचपन से होनहार था, लेकिन जल्दी घबरा जाता था। वह फुटबॉल और टेनिस का अच्छा खिलाड़ी रहा है। हाईस्कूल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में टॉप किया है। स्कूल बोर्ड पर उसका नाम लिखा हुआ है।  साल 2010 में 12वीं पास करने के बाद उसने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। साल 2015 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद दो निजी कंपनियों में बड़े पद पर काम किया। कोरोना संकट के बीच नौकरी चली गई। इसके बाद परिवार सहित गोरखपुर आ गया। उसके पिता अब भी मुंबई और लखनऊ की कई कंपनियों के कानूनी सलाहकार हैं।    पकड़े जाने से पहले बना रहा था एप  गोरखपुर आने के बाद मुर्तजा ने एप बनाना शुरू किया था। परिवार के मुताबिक मुर्तजा का यह काम घरवालों को अच्छा नहीं लग रहा था। मुर्तजा के कमरे से पुलिस ने एयरगन और छर्रा भी बरामद किया था। पुलिस को घरवालों ने बताया था कि पिछले कुछ समय से वह घर में ही छत और खाली जगह पर एयरगन से निशानेबाजी सीख रहा था। मुर्तजा के कमरे से पहले पुलिस ने अरबी भाषा में लिखी किताब और पैन ड्राइव बरामद की थी।



मंदिर पर हमले के बाद उसके पिता ने बताया था कि मुर्तजा बचपन से होनहार था, लेकिन जल्दी घबरा जाता था। वह फुटबॉल और टेनिस का अच्छा खिलाड़ी रहा है। हाईस्कूल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में टॉप किया है। स्कूल बोर्ड पर उसका नाम लिखा हुआ है। 

जिस मुर्तजा के नाम पर परिवार से लेकर रिश्तेदार तक कभी गर्व किया करते थे वह अब बदनामी का सबब बन गया है। परिवार के लोग और रिश्तेदार उससे कोई वास्ता न होने का हवाला दे रहे हैं। कह रहे हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मुर्तजा की दुनिया बदल गई थी। वह घर-परिवार की चिंता छोड़कर खुद में जीने लगा था।   बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों पर हमले के आरोप में अदालत ने सोमवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया है। यही मुर्तजा कभी परिवार और मां-बाप की शान हुआ करता था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था।   गोरखपुर में जन्में मुर्तजा के दादा जिला जज हुआ करते थे। उसके पिता अधिवक्ता हैं। मुर्तजा के जन्म के बाद पिता मुनीर अहमद और मां गोरखपुर छोड़कर मुंबई चले गए। मुर्तजा की पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई। मुर्तजा के आधार कार्ड पर नवी मुंबई का पता है। वह परिवार सहित मुंबई के सानपाड़ा इलाके में रह रहा था।  मंदिर पर हमले के बाद उसके पिता ने बताया था कि मुर्तजा बचपन से होनहार था, लेकिन जल्दी घबरा जाता था। वह फुटबॉल और टेनिस का अच्छा खिलाड़ी रहा है। हाईस्कूल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में टॉप किया है। स्कूल बोर्ड पर उसका नाम लिखा हुआ है।  साल 2010 में 12वीं पास करने के बाद उसने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। साल 2015 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद दो निजी कंपनियों में बड़े पद पर काम किया। कोरोना संकट के बीच नौकरी चली गई। इसके बाद परिवार सहित गोरखपुर आ गया। उसके पिता अब भी मुंबई और लखनऊ की कई कंपनियों के कानूनी सलाहकार हैं।    पकड़े जाने से पहले बना रहा था एप  गोरखपुर आने के बाद मुर्तजा ने एप बनाना शुरू किया था। परिवार के मुताबिक मुर्तजा का यह काम घरवालों को अच्छा नहीं लग रहा था। मुर्तजा के कमरे से पुलिस ने एयरगन और छर्रा भी बरामद किया था। पुलिस को घरवालों ने बताया था कि पिछले कुछ समय से वह घर में ही छत और खाली जगह पर एयरगन से निशानेबाजी सीख रहा था। मुर्तजा के कमरे से पहले पुलिस ने अरबी भाषा में लिखी किताब और पैन ड्राइव बरामद की थी।

साल 2010 में 12वीं पास करने के बाद उसने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। साल 2015 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद दो निजी कंपनियों में बड़े पद पर काम किया। कोरोना संकट के बीच नौकरी चली गई। इसके बाद परिवार सहित गोरखपुर आ गया। उसके पिता अब भी मुंबई और लखनऊ की कई कंपनियों के कानूनी सलाहकार हैं।

जिस मुर्तजा के नाम पर परिवार से लेकर रिश्तेदार तक कभी गर्व किया करते थे वह अब बदनामी का सबब बन गया है। परिवार के लोग और रिश्तेदार उससे कोई वास्ता न होने का हवाला दे रहे हैं। कह रहे हैं कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद मुर्तजा की दुनिया बदल गई थी। वह घर-परिवार की चिंता छोड़कर खुद में जीने लगा था।   बता दें कि गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात दो सिपाहियों पर हमले के आरोप में अदालत ने सोमवार को अहमद मुर्तजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई है। उसे आतंकी करार दिया है। यही मुर्तजा कभी परिवार और मां-बाप की शान हुआ करता था। पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहता था।   गोरखपुर में जन्में मुर्तजा के दादा जिला जज हुआ करते थे। उसके पिता अधिवक्ता हैं। मुर्तजा के जन्म के बाद पिता मुनीर अहमद और मां गोरखपुर छोड़कर मुंबई चले गए। मुर्तजा की पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई। मुर्तजा के आधार कार्ड पर नवी मुंबई का पता है। वह परिवार सहित मुंबई के सानपाड़ा इलाके में रह रहा था।  मंदिर पर हमले के बाद उसके पिता ने बताया था कि मुर्तजा बचपन से होनहार था, लेकिन जल्दी घबरा जाता था। वह फुटबॉल और टेनिस का अच्छा खिलाड़ी रहा है। हाईस्कूल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई में टॉप किया है। स्कूल बोर्ड पर उसका नाम लिखा हुआ है।  साल 2010 में 12वीं पास करने के बाद उसने आईआईटी मुंबई में दाखिला लिया। केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। साल 2015 में इंजीनियरिंग पास करने के बाद दो निजी कंपनियों में बड़े पद पर काम किया। कोरोना संकट के बीच नौकरी चली गई। इसके बाद परिवार सहित गोरखपुर आ गया। उसके पिता अब भी मुंबई और लखनऊ की कई कंपनियों के कानूनी सलाहकार हैं।    पकड़े जाने से पहले बना रहा था एप  गोरखपुर आने के बाद मुर्तजा ने एप बनाना शुरू किया था। परिवार के मुताबिक मुर्तजा का यह काम घरवालों को अच्छा नहीं लग रहा था। मुर्तजा के कमरे से पुलिस ने एयरगन और छर्रा भी बरामद किया था। पुलिस को घरवालों ने बताया था कि पिछले कुछ समय से वह घर में ही छत और खाली जगह पर एयरगन से निशानेबाजी सीख रहा था। मुर्तजा के कमरे से पहले पुलिस ने अरबी भाषा में लिखी किताब और पैन ड्राइव बरामद की थी।

पकड़े जाने से पहले बना रहा था एप 


गोरखपुर आने के बाद मुर्तजा ने एप बनाना शुरू किया था। परिवार के मुताबिक मुर्तजा का यह काम घरवालों को अच्छा नहीं लग रहा था। मुर्तजा के कमरे से पुलिस ने एयरगन और छर्रा भी बरामद किया था। पुलिस को घरवालों ने बताया था कि पिछले कुछ समय से वह घर में ही छत और खाली जगह पर एयरगन से निशानेबाजी सीख रहा था। मुर्तजा के कमरे से पहले पुलिस ने अरबी भाषा में लिखी किताब और पैन ड्राइव बरामद की थी।

UP Crime: Murtaza is from a high profile family, got death sentence, the grandfather of the accused was the district judge