Varanasi Crime: धर्म नगरी काशी पर मंडरा रहा सट्टेबाजी व नशे का काला साया

 
Varanasi Crime: Black shadow of betting and drugs hovering over the religious city of Kashi
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गरीब व युवा वर्ग फंसा हुआ है इस सट्टेबाजी व नशे के जाल में, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अपराध पर जीरो टालरेंस को चुनौती देते ये सट्टा व नशे के कारोबारी, जनपद के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अवैध सट्टे व नशे का कारोबार चरम पर, सभ्य समाज को बर्बादी के कगार पर ले जा रहे है ये सट्टा व नशा कारोबारी

Varanasi Crime: धर्म व अध्यात्म की नगरी काशी जो पूरे विश्व में जहां धर्म, अध्यात्म व देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्मार्ट सिटी के नाम से जानी जाती है तो वहीं अब इस काशी नगरी की छवि धीरे धीरे धूमिल होने की ओर अग्रसर है, जिसका मूल कारण है इस काशी नगरी में सट्टा संचालकों व नशे के कारोबारियों के द्वारा अवैध कमाई करने का जो जाल बिछाया गया है, जिसमें गरीब वर्ग व युवा वर्ग फंसता ही जा रहा है तो वहीं कई ऐसे परिवार भी है जो बर्बादी के कगार पर पहुंच चुके है।

Varanasi Crime: Black shadow of betting and drugs hovering over the religious city of Kashi

वहीं यदि बात करें तो सभ्य समाज के लोग अब धीरे धीरे बर्बादी के कगार पर जाते हुये नजर आ रहे है। वहीं सवाल यह उठता है कि समाज का मुख्य अंग व कानून व्यवस्था बनाये रखने की जिम्मेदार पुलिस विभाग को क्या इस अवैध कारोबार की जानकारी नहीं है, या इनका खुफिया तंत्र नाकारा हो चुका है या फिर सब कुछ जानते हुये भी पुलिस अपनी आंखों पर गांधारी रूपी पट्टी बांधे हुये है।

Varanasi Crime: Black shadow of betting and drugs hovering over the religious city of Kashi


वहीं सूत्र बताते है कि जनपद के सिगरा, आदमपुर, जैतपुरा, कैण्ट सहित तमाम ऐसे थाने है जिनके क्षेत्रों में अवैध सट्टा व नशे का कारोबार अपने चरम पर है। जहां अवैध सट्टा व गांजा, हेरोईन का काला धंधा जोरों पर है। वहीं बताया जाता है कि ये काला कारोबार करने वाले लोगों की पहुंच उपर तक होने के कारण भी इस अवैध कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। जिसके दबाव में आकर सम्बन्धित थाने की पुलिस भी इन पर कार्यवाही करने से पीछे हटती है।

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वहीं सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो इस सट्टे व नशे के कारोबार में गैंगस्टर, हिस्ट्रीशीटर व गंभीर मामलों के आरोपी अपराधी व असलहा सप्लायर जैसे असामाजिक तत्वों के द्वारा इस कारोबार को किया जा रहा है, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अपराध पर जीरो टालरेंस को खुली चुनौती दे रहे है।

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वहीं यदि वाराणसी के उच्चाधिकारियों की बात करें तो इनके द्वारा अपने मातहतों के साथ अपराध समीक्षा बैठक भी किया जाता है और अपने मातहतों को अवैध कार्यों पर रोक लगाने के लिये भी आदेशित किया जाता है, परन्तु ऐसा लगता है कि उच्चाधिकारियों का आदेश सिर्फ बैठक हाल तक ही सीमित होकर रह जाता है।

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वहीं जब वाराणसी जनपद में पुलिस कमिश्नर के रूप में मुथा अशोक जैन को नियुक्त किया गया तो उनके द्वारा अपराध पर लगाम लगाने के साथ ही नशा, जुआ व सट्टे के कारोबार को पूरी तरह से खत्म कर देने की बात मीडियाकर्मियों से कही गयी थी, परन्तु ऐसा लगता है कि पुलिस कमिश्नर साहब के द्वारा जो ये बाते कही  गयी क्या वह अमल में भी आयेगी या नहीं या ये सब कुछ ऐसे ही चलता रहेगा ये तो भविष्य के गर्भ में है।


आदमपुर चौकी प्रभारी ने किया चार को गिरफ्तार - वहीं यदि बात की जाये तो बीती रात आदमपुर थाना क्षेत्र के आदमपुर पुलिस चौकी के चौकी प्रभारी राहुल रंजन के द्वारा इस पर रोक लगाने के लिये एक प्रयास किया गया और छापेमारी कर चार लोगों दीनानाथ गुप्ता निवासी दीवानगंज आदमपुर, मो. मोहसिन निवासी पड़ाव मुगलसराय, मो. इस्माईल निवासी चैहट्टा लाल खां आदमपुर, अमित कुमार गुप्ता निवासी राजघाट आदमपुर को गिरफ्तार कर जुआ अधिनियम के तहत कार्यवाही की गयी।

वहीं बताया जाता है कि मुख्य सट्टा संचालक व एक राजनैतिक पार्टी से जुड़ा हुआ विनय गुप्ता नामक व्यक्ति को पकड़ने के लिये भी पुलिस के द्वारा प्रयास किया गया, परन्तु वो मौके का फायदा उठाकर फरार हो चुका है, जिसकी पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।