Varanasi Crime: गुण्डाराज खत्म करने में वाराणसी पुलिस फेल ?

 
Varanasi Crime: Varanasi Police failed to end hooliganism?
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योगी आदित्यनाथ के अपराध पर जीरो टाॅलरेन्स की नीति को चुनौती देते वाराणसी में गुण्डे, पुलिस प्रशासन मौन

Vinay Yadav

Varanasi Crime: वाराणसी। जब से उत्तर प्रदेश के मुखिया के तौर पर योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली है, तभी से अपराधियों पर उनके सख्त तेवर व कार्यवाही को देखकर प्रदेश के गुण्डे बदमाश या तो खुद जेल चले गये या प्रदेश छोड़कर फरार हो गये। वहीं योगी सरकार की बुल्डोजर नीति भी अपराधियों के आर्थिक साम्राज्य को खत्म कर उनकी कमर तोड़ने का काम कर रही है। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी कानून व्यवस्था चुस्त दुरूस्त करने के लिये परिवर्तित कर पुलिस कमिश्नरेट में तब्दील करने का भी कार्य किया गया है।

जहां कानून व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिये एसीपी से लेकर कमिश्नर तक लगभग आईपीएस व पीपीएस अधिकारियों की नियुक्ति की गयी है। इसके बावजूद वाराणसी जनपद के कुछ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग जो बड़ा माफिया बनने की ओर अग्रसर है, जो जनपद में अपना आतंक फैलाये हुये है। जिनकी शिकायत पीड़ितों के द्वारा वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस से करने के बाद भी पुलिस कतरा रही है, जिससे इन अपराधियों के हौसले बुलंद है और रोजाना आपराधिक वारदातें करने से बाज नहीं आ रहे है।

Varanasi Crime: Varanasi Police failed to end hooliganism?

साथ ही घटनाओं से सम्बन्धित समाचार प्रकाशित व प्रसारित करने पर पत्रकारों को भी धमकी देने का कार्य करते है। ये वो आपराधिक प्रवृत्ति के लोग है जिनका आतंक जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में जारी है। जो जनपद के हड़हा सराय, दालमण्डी, नईसड़क, लल्लापुरा, बेनियाबाग के रहने वाले भी है।

अब अगर इनके अपराधों पर बात करें इनमें से कुछ ऐसे आपराधिक प्रवृत्ति के लोग है जो सत्ता पक्ष के मंत्री, विधायक के साथ ही पुलिस विभाग में भी अच्छी घुसपैठ बनाये हुये है और जो इन्हीं मंत्री, विधायक और पुलिसकर्मियों के साथ समय-समय पर देखे जा सकते है।

जिसके बल पर शहर की आम भोलीभाली जनता पर अपना रौब दिखाने के साथ ही उनका शोषण करने का भी कार्य करते है और योगी सरकार की कानून व्यवस्था को चुनौती देने का भी काम करते है। वहीं घटनाओं के सम्बन्ध में बात करें तो हमारे सूत्र बताते है कि बीते जनवरी माह में चेतगंज थाना क्षेत्र के पानदरीबा पुलिस चौकी अन्तर्गत आने वाले प्रेम नगर इलाके में अवैध वसूली करने को लेकर हवाई फायरिंग करने का भी कार्य किया गया था, जिसकी शिकायत सम्बन्धित थाने व पुलिस चौकी पर करने पर कोई भी कार्यवाही उक्त आरोपियों पर नहीं की गयी।

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वहीं बताया जाता है कि बीते कुछ माह पूर्व लक्सा थाना क्षेत्र में एक आटो चालक पर भी जानलेवा हमला किया गया था। बताते चले कि बीते 3 सितम्बर को चेतगंज थाना क्षेत्र के पानदरीबा पुलिस चैकी क्षेत्र के सराय गोर्वधन चिकियाने मुहल्ले में इन्हीं अपराधियों सैय्यद शादाब उर्फ राकिब खान, मो. समीर उर्फ समीर बाॅडी बिल्डर, दानिश अहमद, मो. फैज खान उर्फ झुनझुन व हसरत कुरैशी के द्वारा एक व्यापारी बन्धुओं पर जानलेवा हमला किया गया जिसके सम्बन्ध में थाना चेतगंज में मुकदमा भी पीड़ितो द्वारा पंजीकृत कराया गया है।

जिसके सम्बन्ध में मुकदमें के विवेचक के द्वारा इन अपराधियों को पकड़ने के लिये लगातार प्रयास किया जा रहा है, परन्तु यहां एक कहावत भी चरितार्थ होती देखने को मिली कि सांप निकल गया और लोग लाठी पिटते रहे।

वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि चौकी प्रभारी पता नहीं किस तरीके से अपराधियों को पकड़ने के लिये दबिश दे रहे है कि अपराधी इनको मिलते ही नही, जो क्षेत्र में चर्चा का विषय भी बना हुआ है। वहीं ये अपराधी इतने मनबढ़ है कि पुलिस की आंख में धूल झोंकते हुये शुक्रवार 8 सितम्बर को सिगरा थाना क्षेत्र के इंग्लिशिया लाईन चैराहे के पास स्थित एक गरीब चिकन बिरयानी के दुकानदार से भी मारपीट की घटना को अंजाम दे दिया गया जिसका सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

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सूत्र बताते है कि इन अपराधियों के ये वो मामले है जो प्रकाश में आ चुके है, वहीं इन अपराधियों के द्वारा ना जाने कितने अपराध किये गये है जो अभी प्रकाश में नहीं आ पाये है। वहीं ये इतने दबंग और आपराधिक प्रवृत्ति के लोग है कि इनके खिलाफ कोई भी व्यक्ति शिकायत करने नहीं जा पाता जिसके पीछे का मुख्य कारण यह है कि इनके संरक्षणदाता नेता, पुलिस, बिल्डर और कुछ अपने आपको पत्रकार बताने वाले फर्जी लोग पीड़ित से पहले ही थाने चौकी पर पहुंच कर मामले को मैनेज करने का कार्य करते है।

वहीं यदि किसी पत्रकार ने इन अपराधियों के खिलाफ समाचार को प्रकाशित व प्रसारित करने का कार्य कर दिया तो ये अपराधी व इनके संरक्षणदाता उक्त पत्रकार पर भी गलत आरोप लगाने से बाज नहीं आते और सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाकर उक्त पत्रकार के खिलाफ भी अनर्गल पोस्ट को वायरल कर अपने अरदब में लेने का काम करते है।

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अब देखना यह है कि इन अपराधियों पर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट कब तक कोई ठोस कार्यवाही करती है या फिर ये अपराधी प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के अपराध पर जीरो टालरेन्स के मिशन को इसी तरह चुनौती देते रहेंगे, ये तो भविष्य के गर्भ में है ।

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