Varanasi Crime: बिल्डर की लापरवाही का शिकार हुआ युवक, लड़ रहा है जिन्दगी और मौत से जंग

 
Varanasi Crime: Youth became a victim of builder's negligence, fighting the battle between life and death
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घायल युवक ट्रामा सेंटर में है भर्ती, लड़ रहा है जिन्दगी और मौत से जंग, स्थानीय पुलिस के द्वारा उक्त तथाकथित बिल्डर नदीम अहमद के खिलाफ क्यों नहीं की गयी कानूनी कार्यवाही 

Varanasi Crime: वाराणसी। जनपद के दालमण्डी इलाके में 29 मार्च दिन बुधवार को एक बिल्डर की लापरवाही का नजारा उस समय देखने को मिला, जब दालमण्डी में स्थित मुस्लिम मुसाफिरखाने के बरामदे में बना हुआ कार्निश का कुछ हिस्सा टूटकर गुजर रहे एक राहगीर युवक के सिर पर गिर गया जिससे वह गम्भीर रूप से घायल हो गया।

Varanasi Crime: Youth became a victim of builder's negligence, fighting the battle between life and death

जिसे इलाज के लिये घटना की जानकारी होने पर पहुंचे पुलिसकर्मियों के द्वारा बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां घायल युवक की हालत अभी भी चिन्ताजनक बनी हुई है। वहीं घटना में घायल युवक का हाल जानने के लिये सहायक पुलिस आयुक्त दशाश्वमेध अवधेश पाण्डेय भी अस्पताल में पहुंचे और घायल का हाल चाल लिया। वहीं घायल युवक के पिता के द्वारा बताया गया कि उनके पुत्र की हालत अभी नाजुक बनी हुई है, और चिकित्सकों के द्वारा कोई साफ बात नहीं बतायी जा रही है।

Varanasi Crime: Youth became a victim of builder's negligence, fighting the battle between life and death

वहीं कार्यवाही के सम्बन्ध में घायल के पिता के द्वारा बताया गया कि पहले बच्चे की हालत में सुधार हो उसके बाद कार्यवाही करवायी जायेगी। वहीं सूत्र बताते है कि घायल युवक के साथ बिल्डर व मुसाफिरखाने के लोगों के द्वारा कुछ लोगों को लगाया गया है, जो घायल युवक के पिता को बराबर भ्रमित कर रहे है, ताकि वो किसी प्रकार की कानूनी कार्यवाही न कर सके।

घटना के सम्बन्ध में बताया जाता है कि 29 मार्च दिन बुधवार की शाम को दालमण्डी में स्थित मुस्लिम मुसाफिरखाने के बरामदे के नीचे बना हुआ कार्निश अचानक गिर पड़ा, जिसकी चपेट में आने से आदमपुर थाना क्षेत्र के कोनिया कज्जाकपुरा निवासी अनिल चौरसिया का पुत्र शशांक चौरसिया उसकी चपेट में आ गया और गम्भीर रूप से घायल हो गया।

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घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर मुसाफिरखाने के सेक्रेटरी व सम्बन्धित थाने की पुलिस भी पहुंच गयी, जिसे आनन फानन में इलाज हेतु बीएचयू ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गम्भीर बनी हुई है।

वहीं घटना की जानकारी मुसाफिरखाने के सेक्रेटरी के द्वारा लगभग दो साल पूर्व उक्त निर्माण कराने वाले बिल्डर नदीम अहमद पुत्र रमजान अहमद निवासी रजा कालोनी, खजुरी वाराणसी को दी गयी और जब बिल्डर मौके पर पहुंचे तो अपने आपको फंसता हुआ देख सारा आरोप बेजुबान बंदरों पर डाल दिया, और कहा गया कि बंदरों ने इसे तोड़कर गिरा दिया।

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जब कि सूत्र बताते है कि उस समय मौके पर कोई भी बंदर मौजूद नहीं था, जिसके उपर इस तरह की बात कहकर बिल्डर नदीम अहमद अपना बचाव करते नजर आ रहे थे, और तत्काल मौके पर गिरे पड़े हुये मलबे को भी वहां से हटवा दिया गया जैसे वहां कुछ हुआ ही नहीं था।

वहीं क्षेत्रीय लोगों की बातों पर यकीन करें तो उक्त निर्माण को कराने में बिल्डर की तरफ से काफी लापरवाही बरती गयी, और कमजोर निर्माण कराया गया था, जिसका परिणाम यह रहा कि उक्त बरामदे का कार्निष दीवार छोड़कर खुद नीचे गिर पड़ा और इस तरह की घटना घटित हो गयी।

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अब यदि बात की जाये तो इसके पूर्व में भी कई ऐसी घटनायें जनपद में घटित हो चुकी है जिसमें कई लोगों ने अपना जान गवां दिया है, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन, वाराणसी विकास प्राधिकरण और इस तरह के तथाकथित बिल्डरों की आंखे खुलने का नाम ही नहीं ले रही है, शायद इन लोगों को और भी जानें जाने का इन्तजार है।

आखिर इस घटना में अभी तक स्थानीय पुलिस के द्वारा उक्त तथाकथित बिल्डर नदीम अहमद के खिलाफ कोई भी कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की गयी। वहीं सम्बन्धित पुलिस को उक्त घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषी के खिलाफ सख्त कार्यवाही किया जाना भी न्यायोचित होगा। फिलहाल तफ्तीश जारी है।