2024 चुनाव से पहले कांग्रेस के साथ मतभेद खत्म करना चाहती हैं ममता बनर्जी
![Mamta Banerjee wants to end differences with Congress before 2024 elections](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/ee754c640dc6f0996cd9c489c56a5c94.jpg?width=963&height=520&resizemode=4)
शरद पवार ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस को यह लगा था कि कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य में भाजपा की सीटें बढ़ाने के लिए उसकी मदद की थी। यही कारण था कि तृणमूल कांग्रेस के नेता कांग्रेस से बेहद नाराज थे।
2024 चुनाव को लेकर रणनीति बनाने की शुरुआत राजनीतिक दलों की ओर से शुरू की जा चुकी है। भाजपा जहां एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर ही चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।
तो वहीं विपक्ष की ओर से उसका उम्मीदवार कौन होगा, इस पर सवाल बना हुआ है। विपक्ष में कितने मोर्चे होंगे, इस पर भी सवाल बना हुआ है और सवाल यह भी है कि विपक्षी एकजुटता किसके नाम पर बनेगी।
हालांकि, विपक्षी एकजुटता की तैयारी शुरू की जा चुकी है। नीतीश कुमार, के चंद्रशेखर राव, शरद पवार, ममता बनर्जी जैसे नेता लगातार एक दूसरे से मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि, यह बात भी सच है कि सभी के मन में प्रधानमंत्री बनने की प्रबल इच्छा है। भले ही वह खुद से इस बात की चर्चा ना करें।
ममता बनर्जी और के चंद्रशेखर राव उन नेताओं में शामिल हैं जो कांग्रेस के बगैर एक राष्ट्रीय स्तर का मोर्चा तैयार करना चाहते हैं।
हालांकि, नीतीश कुमार और शरद पवार लगातार कांग्रेस के साथ रहकर एक मजबूत और ठोस विपक्ष की बात कर रहे हैं। इन सबके बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा दावा किया है।
शरद पवार ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय हित के लिए कांग्रेस के साथ अपने सभी मतभेद भुलाने और 2024 चुनाव से पहले साथ मिलकर विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाने के लिए तैयार हैं।
हालांकि, मुंबई दौरे के दौरान ममता बनर्जी ने यूपीए पर सवाल उठाया था। साथ ही साथ उन्होंने राहुल गांधी पर भी तंज कसा था।
हालांकि, शरद पवार दावा कर रहे हैं कि ममता बनर्जी ने व्यक्तिगत रूप से उनसे कहा था कि उनके पार्टी राष्ट्रीय हित में सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।
सवाल ये भी है कि अगर कांग्रेस और ममता बनर्जी एक साथ आती हैं तो क्या उस में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी शामिल होगी।
हालांकि, शरद पवार ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान तृणमूल कांग्रेस को यह लगा था कि कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य में भाजपा की सीटें बढ़ाने के लिए उसकी मदद की थी। यही कारण था कि तृणमूल कांग्रेस के नेता कांग्रेस से बेहद नाराज थे।
लेकिन अब ममता बनर्जी ने अपने रुख में बदलाव किया है। जिससे इस बात की उम्मीद बढ़ी है कि वह कांग्रेस के साथ अपने सभी मतभेदों को भुलाने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा शरद पवार ने नीतीश कुमार और फारूख अब्दुल्ला से हुई अपनी चर्चा के बारे में भी बताया।
उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले दलों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर हमने विस्तार से चर्चा की थी। ऐसे कई दल हैं जिनका मत है कि भाजपा के विकल्प के तौर पर कांग्रेस को महत्व दिया जा सकता है।