National News : दुश्मन के नापाक इरादों का सूरज होगा अस्त, बनाया जा रहा है महादेव का हथियार "महेश्वरास्त्र"

 
National News : The sun will set on the nefarious intentions of the enemy, Mahadev's weapon "Maheshwarastra" is being made
Whatsapp Channel Join Now
रिपोर्ट के मुताबिक, महेश्वरास्त्र को सोलर इंडस्ट्रीज नाम की कंपनी डेवलप कर रही है। मीडिया से बात करते हुए कंपनी के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल ने बताया है कि यह सच है कि हमने इस अस्त्र का नाम भगवान शिव के अस्त्र से लिया है।

National News : देवाधिदेव भगवान शिव के अस्त्र के नाम पर अब भारत में एक रॉकेट सिस्टम बनाया जा रहा है। यह एक लंबी दूरी की निर्देशित रॉकेट प्रणाली है। जिसका नाम महेश्वरास्त्र होगा। पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि महादेव के पास भी ऐसा ही एक अस्त्र था। जिसमें उन्हें तीसरे नेत्र की शक्ति प्राप्त थी। किसी को भी जलाकर भस्म करने की उसमें शक्ति थी। अभी जो रॉकेट तैयार हो रहा है, उसे आप देसी हिमार्स भी कह सकते हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, महेश्वरास्त्र को सोलर इंडस्ट्रीज नाम की कंपनी डेवलप कर रही है। मीडिया से बात करते हुए कंपनी के अध्यक्ष सत्यनारायण नुवाल ने बताया है कि यह सच है कि हमने इस अस्त्र का नाम भगवान शिव के अस्त्र से लिया है।

National News : The sun will set on the nefarious intentions of the enemy, Mahadev's weapon

इसकी ताकत भी उतनी ही होगी। यह एक निर्देशित रॉकेट प्रणाली है। हम इसके दो संस्करण महेश्वरास्त्र-1 और महेश्वरास्त्र-2 विकसित कर रहे हैं। पहले वर्जन की रेंज 150 किलोमीटर होगी, जबकि दूसरे वर्जन की रेंज 290 किलोमीटर होगी। सत्यनारायण नुवाल ने बताया है कि यह हथियार डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जाएगा।

वर्तमान में इस परियोजना पर 300 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं और इसका विकास कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसकी गति इस हथियार की सबसे बड़ी मारक क्षमता है। यह ध्वनि की गति से चार गुना अधिक गति से दुश्मन की ओर छलांग लगाएगा। यानी 5,680 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से।

National News : The sun will set on the nefarious intentions of the enemy, Mahadev's weapon

यानी एक सेकेंड में यह करीब डेढ़ किलोमीटर तक पहुंच जाएगी। आप महेश्वरास्त्र-1 को 'देसी हिमार्स' कह सकते हैं। वहीं, इसका दूसरा वर्जन ब्रह्मोस मिसाइल टक्कर का होगा। जो पलक झपकते ही दुश्मन का सफाया कर देगा।

आपको बता दें कि पिनाका गाइडेड रॉकेट सिस्टम और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल (एसएसएम) के बीच हथियारों की थोड़ी कमी है। पिनाका की रेंज 75 किमी है, जबकि एसएसएम की रेंज 350 किमी है। महेश्वरास्त्र गाइडेड रॉकेट सिस्टम इन दोनों के बीच हथियारों की कमी को पूरा करेगा।

National News : The sun will set on the nefarious intentions of the enemy, Mahadev's weapon

सत्यनारायण नुवाल ने बताया है कि असल में ये गाइडेड मिसाइल ही हैं, लेकिन हम इन्हें रॉकेट कह रहे हैं. ये दोनों मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम से दागे जाने वाले रॉकेट होंगे। इन्हें टैक्टिकल बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम्स के रूप में भी गिना जा सकता है।

यह M142 HIMARS (हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम) जैसा होगा। यानी भारत को इस तरह के कई रॉकेट सिस्टम खरीदने की जरूरत नहीं होगी और जो पहले से मौजूद हैं उन्हें अपडेट किया जाएगा। नए रॉकेट सिस्टम हमारे देश में ही बनाए जाएंगे। इससे रक्षा क्षेत्र का खर्च बचेगा और घरेलू कंपनियों को फायदा होगा।

National News : The sun will set on the nefarious intentions of the enemy, Mahadev's weapon