Batla House encounter: आतंकी आरिज को नहीं होगी फांसी, दिल्ली हाईकोर्ट ने सजा को बदला उम्रकैद में

 
Batla House encounter
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ट्रायल कोर्ट ने 8 मार्च, 2021 को खान को दोषी ठहराया और कहा कि यह विधिवत साबित हुआ है कि उसने और उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की और उन पर गोलियां चलाईं।

Batla House encounter: दिल्ली हाई कोर्ट ने आरिज खान को दी गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। दिल्ली पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की हत्या के लिए ट्रायल कोर्ट ने खान को मौत की सजा सुनाई थी। यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की पीठ ने सुनाया।

ट्रायल कोर्ट ने 8 मार्च, 2021 को खान को दोषी ठहराया और कहा कि यह विधिवत साबित हुआ है कि उसने और उसके सहयोगियों ने पुलिस अधिकारी की हत्या की और उन पर गोलियां चलाईं। 15 मार्च, 2021 को, इसने खान को मृत्युदंड की सजा सुनाई और उस पर 11 लाख का जुर्माना भी लगाया।

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जिससे यह स्पष्ट हो गया कि शर्मा के परिवार के सदस्यों को 10 लाख तुरंत जारी किए जाने चाहिए। इसके बाद उच्च न्यायालय को खान की मौत की सजा की पुष्टि के लिए एक संदर्भ प्राप्त हुआ। जब कोई निचली अदालत किसी व्यक्ति को मौत की सजा सुनाती है, तो उच्च न्यायालय सजा की पुष्टि के लिए दलीलें सुनकर उसके फैसले की जांच करता है।

ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में बिना किसी उकसावे के पुलिस पार्टी पर गोलीबारी करने के खान के कृत्य को घृणित और क्रूर बताया था और कहा था कि इससे पता चलता है कि वह न केवल समाज के लिए खतरा था, बल्कि राज्य का दुश्मन भी था।

ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि दोषी ने अपने घृणित कार्य के कारण, जीने का अधिकार खो दिया है, ने माना कि खान के खिलाफ साबित हुआ अपराध कोई सामान्य कार्य नहीं था, बल्कि राज्य के खिलाफ अपराध था, और इसे करते समय उसने ऐसा किया।

एक खूंखार और अच्छी तरह से प्रशिक्षित आतंकवादी की तरह जो किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है। खान अपराध स्थल से भाग गया था और उसे घोषित अपराधी घोषित कर दिया गया था। उन्हें 14 फरवरी, 2018 को गिरफ्तार किया गया था। 

शहीद मोहनचंद शर्मा की पत्नी ने जताई हैरानी, बोलीं- इस फैसले से फोर्स का हौंसला होगा कम

दिल्ली समेत देश के चर्चित बटला हाउस एनकाउंटर में शहीद हुए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की पत्नी ने हाईकोर्ट के फैसले पर आश्चर्य जताया है। स्व. इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा की पत्नी माया शर्मा ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि वह अदालत के फैसले से चकित और स्तब्ध हैं।

उन्होंने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले का असर दिल्ली पुलिस के मनोबल पर भी पड़ेगा। अदालत ने इंस्पेक्टर की हत्या के दोषी ठहराए गए आरिज खान की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया है।

आठ मार्च, 2021 को ट्रायल कोर्ट ने आरिज खान को यह कहते हुए दोषी ठहराया था कि यह साबित हो चुका है कि आरिज खान और उसके सहयोगियों ने पुलिस अफसर की हत्या की और उनपर गोली चलाई थी।

अदालत ने कहा था कि यह अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है और इसके तहत अधिकतम सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही अदालत ने आरिज खान को मौत की सजा सुनाई थी।  शहीद की पत्नी माया शर्मा ने हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनका परिवार पूरी तरह से स्तब्ध हैं और चकित हैं।

एक लंबे अरसे तक कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद निचली अदालत ने आरोपी को मौत की सजा सुनाई थी। अदालत ने कहा था कि यह दुर्लभतम केस है। जबकि यह साबित हो चुका है कि वो समाज के लिए खतरा है तो फिर उसकी मौत की सजा को कैसे बदला जा सकता है?

आपको नहीं लगता कि इससे उन पुलिसकर्मियों का मनोबल गिरेगा जो इस तरह के एनकाउंटर में सबसे आगे रहकर अपनी भूमिका निभाते हैं। माया शर्मा ने बताया कि उनके परिवार को लोग फोन कर कह रहे हैं कि इस देश में जस्टिस हो ही नहीं सकता।

जब उनसे पूछा गया कि क्या वो हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। उन्होंने कहा कि हां। मिलने के बाद कोर्ट के आदेश की कॉपी मिल जाने दीजिए, ताकि हम यह देख सकें कि अदालत ने किस आधार पर अपना फैसला सुनाया है।

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