Bulandshahr Accident : लगा लाशों का ढेर, खून से लाल हुई जमीन, हादसा देख कांप गई रूह
Bulandshahr Accident : उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रविवार सुबह दर्दनाक हादसा हुआ। मेरठ-बदायूं स्टेट हाईवे पर गांव सलेमपुर के पास मजदूरों से भरी पिकअप गाड़ी को डग्गामार बस ने टक्कर मार दी। हादसे में पिकअप सवार 11 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 29 गंभीर रूप से घायल हो गए। बस चालक की लापरवाही और तेज गति ने 11 लोगों की जान ले ली। 29 लोग अस्पताल में जिंदगी और मौत जूझ रहे हैं।
हादसा तब हुआ जब बस चालक दूसरे वाहन को ओवरटेक कर रहा था। सामने से वाहन दिखाई देने पर बस पहले पिकअप में सामने से टकराई और फिर उसका पिछला हिस्सा टकराया। जिससे ड्राइवर साइड की तरफ बैठे अधिकतर लोगों की मौत हो गई। घटनास्थल के हालात देखकर हर किसी की रूह कांप उठी। कई घायल पिकअप के पाइप पर लटके हुए थे। लोगों ने किसी तरह उन्हें उतारा।
पिकअप में सवार घायल धर्मेंद्र ने बताया कि वह पिकअप में पीछे बैठे हुए थे। पिकअप सड़क किनारे बहुत धीरे चल रही थी। सामने से एक तेज रफ्तार बस आती दिखाई दी। इतनी देर में ही धमाका हो गया। धमाके के एक दो मिनट तक तो कुछ पता ही नहीं चला कि क्या हुआ। आंख खुली तो लोग इधर-उधर दौड़ रहे थे। उनके साथ कई लोग सड़क पर तड़प रहे थे। रोने और चीख-पुकार की आवाजें सुनाई दे रही थीं।
अधिकतर लोगों के शरीर से खून निकल रहा था। कुछ पिकअप के पाइप पर लटके हुए थे। धर्मेंद्र के पिता की मौत हो चुकी थी। घायलों को वहां मौजूद लोगों ने सड़क से उठाकर किनारे किया और पुलिस को सूचना दी। प्रत्यक्षदर्शी ओमपाल सिंह, महेंद्र सिंह, राजू, नरेंद्र सिंह ने बताया कि बस चालक बहुत तेजी से बस चला रहा था। चालक ने सलेमपुर चौराहे के पास भी बस की स्पीड को कम नहीं किया था।
इसके 200 मीटर आगे हादसा हो गया। अलीगढ़ के रायपुर खास अहेरिया नगला निवासी सचिन ने बताया कि हादसे में उनके दो भाई बाबू सिंह और गिरिराज सिंह की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि गांव निवासी अच्छेलाल ने दीपावाली पर पिकअप खरीदी थी। उन्होंने सभी से फोन करके कहा कि वह उन्हें रक्षाबंधन के त्योहार पर गाजियाबाद लेने आ जाएंगे। इसके लिए 200 रुपये प्रत्येक सवारी लेंगे।
गांव के सभी लोग इसके लिए तैयार हो गए। उन्होंने बताया कि सभी के लिए इससे सुविधा भी हो जाती है। सचिन ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को दोनों भाइयों के साथ भेज दिया। वह शाम को बाइक से गांव पहुंचते। उनका कहना था कि गांव के सभी लोग गाड़ी से नहीं आते तो शायद कुछ लोगों की जान बच जाती। घटना के बाद बस चालक कन्छिद शर्मा स्टेयरिंग के बीच में फंस गया।
उसने काफी निकलने का प्रयास किया, लेकिन दोनों पैर स्टेयरिंग और सीट के बीच में फंसे होने के कारण वह नहीं निकल पाया। पुलिस ने क्रेन मंगाकर उसे निकाला। उसकी हालत भी खराब है। एक माह की बच्ची देवी के घायल पिता अशोक के पास जब परिवार और अस्पताल के कर्मचारी पहचान के लिए बच्ची के कपड़े दिखाने पहुंचे तो अशोक चीख मारकर रोने लगे। उन्हें लगा कि बच्ची की मौत हो गई है।
बच्ची का उपचार एसएनसीयू वार्ड में चल रहा था। परिवार और अस्पताल के कर्मचारियों ने उन्हें समझाया और बच्ची के सही होने का फोटो दिखाया तब जाकर वह शांत हुए। आपको बता दें कि गाजियाबाद के बुलंदशहर रोड बी-10 स्थित ब्रिटैनिया डेल्टा फूड फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर रक्षाबंधन मनाने के लिए पिकअप से घर जा रहे थे। मजदूर अलीगढ़ के गांव रायपुर खास अहीर नगला के हैं।
सलेमपुर के ठीक सामने बस की टक्कर लगते ही मजदूर उछलकर सड़क पर जा गिरे। बस ड्राइवर स्टेयरिंग में फंसकर गंभीर रूप से घायल होकर बेहोश हो गया। क्रेन की मदद से बस को उठाकर उसे बाहर निकाला जा सका। बस में सवार कई यात्रियों को गंभीर चोटें आई हैं। घायलों के खून से सड़क का एक हिस्सा लाल हो गया। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मदद के लिए आए।
लोगों ने निजी वाहनों से घायलों को अस्पताल पहुंचाया। घायलों में 13 को हायर सेंटर रेफर किया गया है। नौ का जिला अस्पताल और अन्य का उपचार निजी अस्पतालों में चल रहा है। पिकअप अलीगढ़ के गांव अहेरिया नगला के अच्छे लाल की है। वह ही इसको चला रहा था। घायलों ने बताया कि उनसे 200 रुपये प्रति सवारी लिए गए थे। अहेरिया नगला के 27 लोग थे। कई सवारियां रास्ते से ली थीं।
हादसे में अच्छे लाल भी घायल हुआ है। हादसे के बाद मौके पर काफी लोग जमा हो गए। उन्होंने गुस्सा जाहिर करते हुए जाम लगा दिया। उनका कहना था कि डग्गामार वाहनों पर किसी तरह का कोई अंकुश नहीं है। इनकी वजह से आए दिन हादसे हो रहे हैं। लोगों का कहना था कि हादसे के बाद काॅल करने पर भी पुलिस देरी से आई। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें डग्गामार वाहनों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
इस पर लोग शांत हुए। 11 मृतकों में से नौ अलीगढ़ के गांव अहेरिया नगला के हैं। इसमें नगला अहेरिया के मृतकों में मुकुट सिंह, दीनानाथ, ब्रजेश, शिशुपाल, बाबू सिंह, गिरिजा सिंह, सुगड़पाल और जेपी पुत्र वीरेश यादव, सुरेंद्र पुत्र सरजीत निवासी पाली मुकीमपुर अतरौली अलीगढ़ है। जबकि महेश निवासी निबाड़ी थाना रामघाट बुलंदशहर और ओमकार निवासी ऊंचागांव, रामघाट बुलंदशहर हैं।