CJI Chandrachun: SBI ने चुनाव आयोग को सौंपा एलेक्टोरल बांड का डेटा, SBI पहुंचा राष्ट्रपति के द्वार

CJI Chandrachun: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, एलेक्टोरल बांड के माध्यम से किए गए योगदान का डेटा भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंप दिया। चुनाव आयोग अब अदालत के आदेश के अनुसार शुक्रवार शाम 5 बजे इसे जारी करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को डेटा जमा करने की 6 मार्च की डेडलाइन बढ़ाने की एसबीआई की याचिका खारिज कर दी थी। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आदेश न मानने को लेकर बैंक की कड़ी आलोचना की और कार्रवाई की चेतावनी दी थी।
एसबीआई ने दावा किया था कि डेटा को इकट्ठा करने, क्रॉस-चेक करने और जारी करने में काफी समय लगेगा, जिसे गोपनीयता बनाए रखने के लिए दो फाइलो में संग्रहीत किया गया है। 15 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एलेक्टोरल बांड योजना, 2018 को असंवैधानिक करार दिया था और एसबीआई को तुरंत बांड ईशू करने से रोकने का आदेश दिया।
इससे एक दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय में एसबीआई की याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें राजनीतिक दलों के भुनाए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड का ब्योरा देने की समयसीमा 30 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। वहीं, उस याचिका पर भी सुनवाई थी, जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया था।
अदालत ने एसबीआई को राहत देने से इनकार करते हुए कहा था कि एसबीआई कल (मंगलवार) तक ही जानकारी चुनाव आयोग को सौंपे और चुनाव आयोग 15 मार्च तक चुनावी चंदे के विवरण को सार्वजनिक करे। एसबीआई की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे पेश हुए थे।
साल्वे ने अदालत को बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद एसबीआई ने नए चुनावी बॉन्ड जारी करने पर रोक लगा दी है, लेकिन समस्या ये है कि जो चुनावी बॉन्ड जारी हुए हैं, उससे पूरी प्रक्रिया को पलटना होगा और इसमें समय लगेगा।
हालांकि शीर्ष अदालत ने एसबीआई की दलील मानने से इनकार कर दिया और मंगलवार तक ही जानकारी देने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था, 'आप (एसबीआई) कह रहे हैं कि दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों की जानकारी सील कवर के साथ एसबीआई की मुंबई स्थित मुख्य शाखा में है।
मिलान प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन हमने आपको मिलान करने के लिए कहा ही नहीं था और हमने सिर्फ स्पष्ट डिस्क्लोजर मांगा था। मामले पर सुनवाई कर रही संविधान पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे से कहा, 'आपने बताया कि चुनावी बॉन्ड की पूरी जानकारी एक सील कवर लिफाफे में रखी गई है तो आपको सिर्फ सील कवर खोलकर जानकारी ही तो देनी है।'
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष अदिश सी अग्रवाल ने चुनावी बॉन्ड पर फैसले को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। पत्र में वरिष्ठ वकील अग्रवाल ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू को चुनावी बॉन्ड योजना पर अदालत के फैसले पर रोक लगानी चाहिए। पत्र में उन्होंने कहा कि पूर्ण न्याय के लिए पूरे मामले को फिर से सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।