Delhi Service Bill: कानून बना दिल्ली सेवा विधेयक, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

 
Delhi Service Bill: Delhi Service Bill made law, President approved
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Delhi Service Bill: दिल्ली सेवा विधेयक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी है। इसी के साथ अब यह कानून बन गया है। भारत सरकार की अधिसूचना में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम 2023 को लागू करने की जानकारी दी गई है।

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इससे पहले सरकार ने सात अगस्त को संसद से दिल्ली सेवा विधेयक पारित हो गया था। राज्यसभा ने 102 के मुकाबले 131 मतों से ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ को मंजूरी दी थी। लोकसभा ने इसे तीन अगस्त को पास कर दिया था।

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दरअसल, मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली में जमीन, पुलिस और कानून-व्यवस्था को छोड़कर बाकी सारे प्रशासनिक फैसले लेने के लिए दिल्ली की सरकार स्वतंत्र होगी।

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अधिकारियों और कर्मचारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग भी कर पाएगी। उपराज्यपाल इन तीन मुद्दों को छोड़कर दिल्ली सरकार के बाकी फैसले मानने के लिए बाध्य हैं। इस फैसले से पहले दिल्ली सरकार के सभी अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती उपराज्यपाल के कार्यकारी नियंत्रण में थे।

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हालांकि, कोर्ट के फैसले के एक हफ्ते बाद 19 मई को केंद्र सरकार एक अध्यादेश ले आई। केंद्र ने 'गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ दिल्ली ऑर्डिनेंस, 2023' लाकर प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति और तबादले का अधिकार वापस उपराज्यपाल को दे दिया।

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इस अध्यादेश के तहत राष्ट्रीय राजधानी सिविल सर्विसेज अथॉरिटी का गठन किया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली के मुख्य सचिव और गृह सचिव को इसका सदस्य बनाया गया। मुख्यमंत्री इस अथॉरिटी के अध्यक्ष होंगे और बहुमत के आधार पर यह प्राधिकरण फैसले लेगा। हालांकि, प्राधिकरण के सदस्यों के बीच मतभेद होने पर दिल्ली के उपराज्यपाल का फैसला अंतिम माना जाएगा।

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दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया था, वह केजरीवाल सरकार के पक्ष में था। ऐसे में इसे कानून में संशोधन करके या नया कानून बनाकर ही पलटा जाना संभव था। संसद उस वक्त चल नहीं रही थी, ऐसे में केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर इस कानून को पलट दिया।

छह महीने के अंदर संसद के दोनों सदनों में किसी भी अध्यादेश को पारित कराना जरूरी होता है। इसीलिए सरकार संसद के मानूसन सत्र के दौरान दोनों सदनों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 लेकर आई और इसे पास कराया।