Earthquake In Delhi-NCR: जानिये क्यों आता हैं भूकंप और किस जीव को भूकम्प आने की सबसे पहले मिलती है जानकारी?
Earthquake In Delhi-NCR: दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में मंगलवार (3 अक्टूबर) को भूकंप आया। करीब एक मिनट तक भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए और बिल्डिंग हिलती रहीं। नेशनल सेंटर फॉर सेसमोलॉजी (NCS) के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.2 आंकी गई है, जो काफी ज्यादा है।
NCS के मुताबिक जिस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.4 से अधिक रहती है उसकी गिनती खतरनाक भूकंप में की जाती है। भूकंप का पहला झटका 2:25 PM महसूस हुआ, इसकी तीव्रता 4.6 थी। इसके बाद भूकंप 2 बजकर 51 में आया।
जिसकी तीव्रता 6.2 थी। दिल्ली-NCR के अलावा इस भूकंप के झटके राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र भारत का पड़ोसी देश नेपाल था और गहराई धरती से 5 किमी नीचे थी। ऐसे में आइए जानते हैं कि भूकंप क्यों आता है और किस पशु-पक्षी को इसका पता सबसे पहले लगता है?
भूकंप आने का कारण क्या है - धरती के अंदर 12 टैक्टोनिक प्लेट्स होती हैं। ये प्लेट्स बहुत ही धीमी गति से धूमती रहती हैं, हर साल ये प्लेट्स अपनी जगह से 4-5 MM खिसक जाती हैं। खिसकने के दौरान ये प्लेट्स आपस में टकराते हैं। इस टकराने पर जो ऊर्जा निकलती है, उसे ही भूकंप कहा जाता है।
किस पशु-पक्षी को इसका पता सबसे पहले लगता है? - आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि भूकंप आने का आभास सबसे पहले हर घर में पाई जाने वाली चींटी को होता है। वैज्ञानिकों ने अध्ययन में पाया कि जिस झटके को इंसान कभी महसूस नहीं कर पाते, रिक्टर पैमाने पर जिसकी तीव्रता केवल 2.0 होती है, चींटी उसे भी महसूस कर लेती है।
इसका पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों के 3 साल तक रिसर्च किया तब जाकर इस बात का पता चला कि भूकंप का आभास होते ही चींटियां अपना घर छोड़ देती हैं। रिसर्च में पता चला है कि सांप को भी भूकंप की जानकारी आने से पहले ही लग जाती है।
काफी वर्ष रिसर्च करने के बाद वैज्ञानिकों को इस बात का पता लग पाया कि भूकंप के झटके आने से पहले ही सभी सांप अपने बिलों से बाहर आने लगते हैं। सांप की बनावट ही ऐसी है। बता दें कि सांप एक ठंडे खून वाला जीव है,और ठंड का मौसम इन्हें रास नहीं आता।
इसीलिए पूरी सर्दी ये बिलों में ही बिताते हैं, लेकिन भूकंप आने का आभास होते ही वो कंडाके की ठंड में भी बाहर निकल जाते हैं। चींटी और सांप के अलावे मछलियों को भी भूकंप का पता पहले ही लग जाता है। भूकंप की तीव्रता को समुद्र की तल में रहने वाली मछलियां आसानी से जान लेती है।
वैसे भी यह बात सर्वविदित है कि धरती से पहले भूकंप का पता पानी में चल जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ओरफिश भूकंप को महसूस करने में सबसे तेज है। इसकी बनावट रिबन होती है और लम्बाई 5 मीटर होती है। वैसे तो यह मछली समुद्र के तट पर नहीं आती है, लेकिन भूकंप का आभास होते ही ये तटों पर आ जाती है।