Eid-Ul-Azha 2023: ईद-उल-अजहा पर मस्जिदों मे हुई नमाज, देश में अमन के लिए हुई दुआ

Id-Ul-Ajha 2023: पूरे देश में ईद-उल-अजहा (बकरीद) का त्योहार बड़े ही धूमधाम व शांति के साथ मनाया जा रहा है। इसी क्रम में वाराणसी में भी गुरुवार को ईद-उल-अजहा पर ईदगाह समेत शहर की मस्जिदों में अकीदतमंदों ने विशेष नमाज अदा कर मुल्क की खुशहाली और अमन के लिए दुआ की। खुदा की बारगाह में सिर झुकाकर सजदा किया गया।
नमाज के बाद खुदा की बारगाह में अमन के लिए एक साथ हजारों हाथ उठे। ईदगाह में नमाजियों की भारी भीड़ देखने को मिली। नमाज के बाद मुसलमानों ने घर-घर में खुदा की राह में कुर्बानी कराई, बताते चले कि यह कुर्बानी का दौर तीन दिन तक चलेगी। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था जहां चाक चौबंद रही वहीं प्रमुख मस्जिदों में नमाज को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की गई थी।
वाराणसी में आज ईदगाह के प्रांगण में हर्षोल्लास के साथ ईद उल अजहा की नमाज पढ़ी गई तो कुर्बानी का पर्व बकरीद की मुबारकबाद की सदा गूंज उठी। ईदगाह समेत शहर ही सभी छोटी-बड़ी मस्जिदों में अकीदत के साथ ईद-उल-अजहा की विशेष नमाज सुबह 7 बजे से शुरू हुई थी जो 10:30 बजे तक चली।
ईद उल अजहा की नमाज मुख्य काजी के निर्देशन में पढाई गई तो मुस्लिम बंधुओं ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाईयां भी दी। बच्चों से लेकर बड़ों तक नए नए परिधानों में गले मिलकर एक-दूसरे को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद पेश कर रहे थे।
हजरत इब्राहीम और हजरत इस्माइल की सुन्नत पर अमल करते हुए घरों में जहां बकरों, भेड़ों और दुम्बों को राहे खुदा में कुर्बान किया गया। वहीं बड़े जानवरों की कुर्बानी निर्धारित जगहों पर ही की गई। नमाज के दौरान शांति और आपसी सद्भाव का संदेश दिया गया।
नमाज का सिलसिला सुबह छह बजे से शुरू हुई और अंतिम नमाज नई सड़क स्थित लंगड़ा हाफिज मस्जिद में 10:30 बजे अदा कि गई। नगर निगम ने भी कुर्बानी के बाद साफ-सफाई के लिए तैयारियां कर रखी हैं। बुधवार देर शाम तक मस्जिदों के आसपास साफ-सफाई और चूने का छिड़काव कराया गया था।
बकरीद पर्व को लेकर जिला प्रशासन भी सतर्क रहा, नमाज के समय कड़ी सुरक्षा के साथ पुख्ता इंतजाम रहे। वही मस्जिदो के बाहर पुलिस बल भी तैनात किए गए थे। वहीं सभी थाना प्रभारी अपने अपने क्षेत्रो में सुरक्षाबल के साथ सुरक्षा व्यवस्था पर सतर्क दृष्टि बनाए हुये थे। मस्जिद और ईदगाह के बाहर किसी भी दशा पर नमाज न पढ़ने का अनुपालन प्राथमिकता पर किया गया।
जामा मस्जिद बर्नापुर 7.00 बजे, मस्जिद ज्ञानवापी 7.30 बजे, जामा मस्जिद नदेसर 7.15 बजे, मस्जिद आलमगीरी धरहरा 8.00 बजे, मस्जिद नवाब टोंक गिलटबाजार 8.30 बजे, मस्जिद लंगड़े हाफिज नई सड़क 10.30 बजे के अलावा शिया मस्जिदों में दरगाह फातमान लल्लापुरा में 10 बजे, सदर इमामबाड़ा में 10.30 बजे नमाज अदा करने तक फोर्स तैनात रही। वहीं वाराणसी के जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, अपर पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह के अलावा वरिष्ठ अधिकारी बराबर चक्रमण करते रहे।
इसी क्रम में बकरीद की पूर्व संध्या पर शहर की मस्जिदों में दुआ-ए-अर्फा का आयोजन किया गया। विश्वशांति, सौहार्द और बरकत की कामना के साथ मस्जिदों में अकीदतमंदों ने दुआ ख्वानी की। असर की नमाज के बाद दुआ ख्वानी का सिलसिला शुरू हुआ।
शहर की प्रमुख मस्जिदों लंगड़ा हाफिज, नदेसर जामा मस्जिद, लोहता, मदनपुरा, रेवड़ी तालाब, बेनियाबाग सहित सभी मस्जिदों में दुआख्वानी की गई। मुफ्ती ए शहर अब्दुल बातिन नोमानी ने भी बकरीद पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने और कुर्बानी के बाद साफ-सफाई का खास ख्याल रखने की अपील की। शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता हाजी सैय्यद फरमान हैदर ने कहा कि घर के अंदर ही कुर्बानी करें और सड़क पर नमाज न पढ़ें।
रात भर बिके बकरे और बाजारों में भीड़ - इस्लामी कैलेंडर के अंतिम माह जिल्हिज्जा की 10 तारीख (गुरूवार) से तीन दिवसीय कुर्बानी का पर्व बकरीद मनाया जा रहा है। कुर्बानी के बकरों की खरीददारी भी बुधवार को सारी रात होती रही, अधिकांश मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में बकरों के बाजार लगे थे। सबसे अधिक भीड़ भेलूपुर स्थित ललिता सिनेमा परिसर में देखी गई।
इसके अलावा बजरडीहा, रेवड़ी तालाब, नई सड़क, गौरीगंज, शिवाला, जैतपुरा, पीलीकोठी, पठानीटोला, अर्दली बाजार, बड़ी बाजार इत्यादि शामिल हैं। वही कुछ बकरा व्यापारी घूम-घूम कर भी बकरों को बेचते हुये नजर आये।
वहीं बकरीद की तैयारी के सिलसिले में कई स्थानों पर लकड़ी के कुंदे, चटाई, खोआ, सेवईं आदि की भी अस्थाई दुकानें लगी थीं। इन दुकानों पर भी ग्राहकों की भीड़ देखने को मिली। सेवईयों के साथ, तिरंगा फेनी, डबल फेनी व लाल फेनी की बिक्री सबसे अधिक रही। इसके साथ ही खजूर, ड्राइफ्रूट, चॉकलेट की भी बिक्री हुई।
- भुवनेश्वरी मलिक