India & Maldives: भारतीयों ने निकाली मालदीव के टूरिज्म इंडस्ट्री की हवा
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India & Maldives: भारत के प्रति मालदीव के बदले मिजाज की वजह से वहां के टूरिजम इंडस्ट्री को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। भारतीय टूर ऑपरेटर्स और फ्लाइट बुकिंग साइट कंपनियों ने मालदीव की उड़ान सेवाओं और मालदीव के पैकेज पर रोक लगा दिया है। मालदीव का टूअर प्लान कैंसिल होने से मालदीव की पर्यटन इंडस्ट्री को काफी झटका लगा है।
बावजूद इसके वहां की सरकार भारत को लेकर नरमी देखने को नहीं मिल रही है। भारत ही वो देश है जिसने मालदीव को समय समय पर मदद की। एक आंकड़े के मुताबिक 2 लाख से ज्यादा भारतीय पर्यटक हर साल मालदीव की यात्रा पर जाते हैं।
इनमें सबसे ज्यादा सेलिब्रेटीज और ऐसे लोग होते हैं जिनको विदेश की रोमांचकारी यात्री करनी होती है। लेकिन मालदीव का चीन के प्रति बढ़ते आकर्षण और भारत के प्रति बढ़ती नफरत के कारण अब इसका विरोध मालदीव के अंदर भी होने लगा है।
मालदीव और भारत की परंपरा थी कि कोई भी राष्ट्राध्यक्ष चुनाव जीतने के बाद भारत के दौरे पर आता था, या फिर भारत का राष्ट्राध्यक्ष मालदीव के दौरे पर जाता था। लेकिन इस परंपरा से उलट मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मोइज्जू पहले तुर्किये का दौरा किए और अब चीन की यात्रा पर हैं।
मोइज्जू का चीन का दौरा भी विवादों से भरा हुआ है। 1988 से मालदीव में स्थापित भारतीय सेना के 70 जवानों को मालदीव छोडने के विवाद भरे आदेशों की चर्चा के बीच मोइज्जू चीनी मेहमान नवाजी में बीजिंग गए हैं।
आंकड़े गवाह रहे हैं कि चीन ने जिससे दोस्ती की उसी को बर्बाद करके छोड़ा। आज श्रीलंका, पाकिस्तान समेत कई देश इसके उदाहरण हैं। चीन की चाल को मोइज्जू जैसे लोग समझ नहीं पा रहे हैं। भारत विरोधी नफरत की वजह से वो इसे देखकर भी नजरअंदाज करते नजर आ रहे हैं।
इंडिया आउट के चुनावी कैंपेन के साथ सरकार बनाने वाले मोइज्जू का शुरू से ही भारत के प्रति रवैया जलनशील भरा रहा है। यही वजह है कि मोइज्जू भारत की ओर नफरत भरी निगाह से देख रहे हैं। हालांकि इससे भारत का कोई नुकसान नहीं हो रहा है, उल्टा मालदीव ही चीन के चंगुल में फंसता जा रहा है।
इस बात को वहां के विपक्षी नेता भी भांप चुके हैं लेकिन मालदीव के राष्ट्रपति मोइज्जू की भारत के प्रति नफरती सोच की वजह से उन्हें ये दिखाई नहीं दे रहा है। मालदीव में भारतीय सैनिक हिन्द महासागर की निगरानी करते थे। लेकिन नई सरकार के बनने और उसके रवैये के चलते लक्ष्यद्वीप को इंडियन आर्मी अपना बेस के रूप में तैयार कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब लक्ष्यद्वीप की यात्रा पर थे तो वहां की खूबसूरती की तारीफ कर लोगों से लक्ष्यद्वीप की ओर रुख करने का आह्वान किया उन्होंने कहा कि लक्ष्यद्वीप मालदीव से भी खूबसूरत है, एक बार यहां जरूर आये।
पीएम नरेंद्र मोदी ने वहां पर स्कूबा डाइविंग और समुद्री बीच पर बैठक चाय पी और अपना फोटो भी सेशन करवाया। ऐसा करने के से मालदीव की जलन और बढ़ गई। उसके तीन मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहरीली भाषा में बयान दे दिया।
हालांकि तीनों मंत्रियों पर कार्रवाई भी हो गई। लेकिन इस विवाद ने मालदीव की टूरिज्म इंडस्ट्री को चौपट कर दिया। एक आंकड़े के मुताबिक इस विवाद के बाद मालदीव को हर रोज 10000 भारतीय टूरिस्ट मालदीव की यात्रा का प्लान बदल रहे हैं।
भारतीय टूर ऑपरेटर GoAirFlyGo.in जैसे कई टूर ऑपरेटर्स ने मालदीव के पैकेज और यात्राओं पर रोक लगा दी है। अगर आपको मालदीव जाना ही है तो लक्ष्यद्वीप, अंडमान निकोबार, बाली, इंडोनेशिया, थाइलैंड की यात्रा पर जाएं।
इस विवाद के बाद देश के कई सेलिब्रेटी, नेता और लोगों ने #BoycottMaldives ट्रेंड कराया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्यद्वीप दौरे के बाद गूगल पर लक्ष्यद्वीप सर्चिंग ट्रेंड कर रहा है। हर कोई इस नये प्लेस को एक्सप्लोर करना चाह रहा है। जल्द ही लक्ष्यद्वीप की यात्रा के लिए बेहतरीन टूर प्लान भी मार्केट में लॉन्च हो जाएगा।