Irani Gang Ali Mama News: चकरा देगी मुंबई के शातिर स्नैचर अली मामा की कहानी, पुलिस को चकमा देने के लिये करता था ये काम
Irani Gang Ali Mama News: एक चेन-स्नैचर को पकड़ने के लिए मुंबई पुलिस को 14 महीने लग गए। पुलिस जब भी दबिश देने जाती वह भाग निकलता। कई बार उसके होने की सूचना के बाद भी पुलिस उसे नहीं पकड़ पाई। तमाम कोशिशों के बाद जब उसे पकड़ा गया तो पुलिस वजह जानकार हैरान हो गई। पुलिस टीमें जब भी जातीं उस तक सूचना पहुंच जाती। उसने सूचना देने के लिए 8 लोगों को काम पर रखा था।
इसके अलावा उसने अपने घाटकोपर झुग्गी घर के पास किसी भी तलाशी दल के बारे में अलर्ट के लिए एक सीसीटीवी सिस्टम लगाया था। वह इतना शातिर है कि हर बार पुलिस को चकमा देकर निकल जाता। महिलाओं और बच्चों से को आगे करके पथराव करवाता।
पुलिस ने कहा कि फैजल अली उर्फ अलीमा शेख उर्फ ईरानी (28) के पास मुखबिर नेटवर्क भी था, लेकिन इस बार वह पकड़ा गया क्योंकि पुलिस ने गुप्त सूचना पर तेजी से कार्रवाई की। एमआईडीसी पुलिस स्टेशन की एक टीम ने अली के घर पर धावा बोला और रविवार रात को उसे गिरफ्तार कर लिया।
एमआईडीसी पुलिस ने करीब 14 महीने बाद घाटकोपर से इस आरोपी फैजल अली उर्फ यूसुफ अली उर्फ अली मामा उर्फ ईरानी (28 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, ईरानी गैंग पहले रेकी करते हैं और फिर फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर अपने शिकार को डराते-धमकाते हैं और लूटपाट कर फरार हो जाते हैं।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, पिछले साल 3 अप्रैल को 70 वर्षीय उर्मिला मिश्रा जब मंदिर में पूजा करने जा रही थी, उसी दौरान एक बाइक सवार वहां आया और खुद को पुलिस का अधिकारी बताते हुए बड़ी ही सफाई से सोने का आभूषण छीन कर फरार हो गया।
उर्मिला ने एमआईडीसी पुलिस में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच की, लेकिन आरोपी का पता नहीं चला। पिछले दिनों क्राइम ब्रांच के पीआई पालवे को घाटकोपर में आरोपी अली के होने की जानकारी मिली। इसके बाद जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया गया।
शातिराना अंदाज से देता था पुलिस को चकमा - पुलिस ने बताया कि शेख स्पोर्ट्स बाइक से लूट करता था। उर्मिला को लूटने के बाद शेख ने अपनी स्पोर्ट्स बाइक पवई में छोड़ दी। शेख ने मौके पर एक मैकेनिक बुलाया और बाइक खराब होने की बात कहकर उसे अपने गैराज में खींचकर ले जाने को कहा। वह कुछ दूरी पर छिपकर इंतजार करता रहा।
पुलिस आई और बाइक के साथ मैकेनिक को पकड़कर ले गई, जिसके बाद वह वहां से आसानी से निकल गया। मैकेनिक ने अपना नाम और पहचान बताई पुलिस ने उसे छोड़ दिया। इधर शेख ने अग्रिम जमानत के लिए सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया। पुलिस ने अदालत को बताया कि शेख के खिलाफ विभिन्न पुलिस स्टेशनों में 56 स्नैचिंग मामले दर्ज हैं तो शेख ने अपनी जमानत याचिका वापस ले ली।
महिलाओं और बच्चों से करवाता था पथराव - शेख नवंबर 2022 में पुलिस से बचने में कामयाब रहा था जब उसकी पत्नी और सात अन्य महिलाओं ने कथित तौर पर एक खोज दल पर हमला किया था। उप-निरीक्षक पालवे ने कहा कि शेख के खिलाफ चार गैर-जमानती वारंट थे और भिवंडी के नारपोली पुलिस स्टेशन में दर्ज डकैती के एक मामले में उस पर मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया था।
शेख को पहले भी स्नैचिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने सीसीटीवी लगाया था और उनके पेरोल पर सात से आठ लोग उनके घर के पास पुलिस की मौजूदगी के बारे में जानकारी देने के लिए मौजूद रहते थे। पालवे ने कहा कि शेख घाटकोपर में पंकेशा बाबा दरगाह के पास रह रहा था। उनके परिवार की महिलाओं के अलावा बच्चों को पुलिस पर पथराव करने के लिए कहा जाता है।
2021 में, शेख को भागने में मदद करने के लिए इलाके में लोगों के इकट्ठा होने के बाद पुलिस को दो राउंड फायरिंग करनी पड़ी थी। आरोपी के पकड़े जाते ही स्थानीय लोगों ने पुलिस का घेराव कर लिया। जब हमलावर पुलिस अधिकारियों ने एसओएस भेजा तो स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए एक अन्य पुलिस टीम मौके पर पहुंची।
मुंबई समेत कई थानों में 56 लूट के मामले दर्ज - अली के खिलाफ मुंबई, नवी मुंबई, कल्याण, पालघर समेत अन्य जिले की 20 पुलिस स्टेशनों में 56 से अधिक मामले दर्ज हैं। कोलसेवाड़ी में 9 केस, मानपाड़ा में 3 केस, डोंबिवली में 2 केस, कासारवडवली में 4 केस, चितलसर में 4 केस, कलवा में 4 केस, राबोडी में 5 केस, पार्क साइट में 4 केस, विक्रोली में 4 केस, नारपोली में 3 केस, मुंब्रा और कोनगांव में 2-2 केस दर्ज हैं। इसके अलावा, गौतम नगर, शील डायघर, भिवंडी, मुलुंड, कांजूर मार्ग, पंतनगर और पवई में 1-1 केस दर्ज हैं। खोपोली पुलिस में वॉन्टेड है, जबकि नारपोली पुलिस ने मकोका लगाया है।
चलाया गया था ऑपरेशन 26 - नॉर्थ रीजन पुलिस ने 26 तेज तर्रार पुलिसकर्मियों का टीम गठित कर आंबिवली से ईरानी गैंग के खतरनाक आरोपी सैयद उर्फ सांगा को गिरफ्तार किया था। जोन 11 की इस टीम ने 2 ऐम्बुलेंस में बैठकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया था। पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर और जॉइंट सीपी सत्यनारायण चौधरी ने टीम को 1 लाख रुपये का ईनाम भी दिया था।
9 साल में करीब 43 बार जेल - इसके अलावा, इस गैंग का 60 वर्षीय आरोपी आसिफ शब्बीर सैयद पिछले 9 साल में करीब 43 बार जेल जा चुका है। आसिफ के साथ जाफर अली सैयद (30) और शेरू जाफरी (60) भी गिरफ्तार हुए थे। तीनों बदमाशों ने फर्जी पुलिस अधिकारी बन कर बोरीवली निवासी शैला शाह (70 वर्ष) से करीब डेढ़ लाख रुपये का आभूषण लूटा था।