National: PM मोदी की सुरक्षा में चूक मामले में पंजाब सरकार भेजेगी रिपोर्ट, अधिकारी रख सकेंगे अपना पक्ष
National: पिछले साल पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी द्वारा दोषी ठहराए गए अफसरों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है और पंजाब सरकार ने कमेटी की रिपोर्ट में दोषी ठहराए गए अफसरों को अपना पक्ष रखने को कहा है।
मंगलवार को मुख्य सचिव विजय कुमार जंजुआ ने कहा कि अगले दो-तीन दिन में गृह मंत्रालय को एक अंतरिम रिपोर्ट भेज दी जाएगी, जिसमें सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई का विवरण होगा। उन्होंने कहा कि अफसरों का पैनल अंतरिम रिपोर्ट तैयार कर रहा है। दोषी ठहराए गए अफसरों को अपना पक्ष रखने का मौका देना नियमानुसार है।
जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री के फिरोजपुर दौरे से समय खराब मौसम के बीच किसान आंदोलन के चलते प्रधानमंत्री का काफिला करीब 20 मिनट तक हाईवे पर फंसा रहा था। इस मामले को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी पहलुओं की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया था।
कमेटी ने इस मामले में पंजाब के तत्कालीन मुख्य सचिव और डीजीपी समेत नौ अफसरों को दोषी ठहराया था। कमेटी की इस रिपोर्ट को गृह मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को भेजकर कार्रवाई के लिए कहा गया था।
मुख्य सचिव जंजुआ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने पंजाब में घटनास्थल का दौरा करके जांच रिपोर्ट तैयार की थी। इस दौरान कमेटी ने संबंधित अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की थी कि किस अधिकारी से क्या लापरवाही बरती गई।
कमेटी द्वारा अधिकारियों की लापरवाही के आधार पर ही उन्हें दोषी ठहराया गया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट हमारे पास पहुंच चुकी है और रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई शुरू की गई है। हालांकि कमेटी द्वारा दोषी ठहराए गए किसी भी अधिकारी पर कार्रवाई से पहले नियमानुसार उनका पक्ष अवश्य सुना जाएगा।
दोषी ठहराए गए अफसर
पंजाब के तत्कालीन मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, तत्कालीन डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) नरेश अरोड़ा, एडीजीपी (साइबर क्राइम) जी. नागेश्वर राव, फिरोजपुर रेंज के डीआईजी इंद्रबीर सिंह, फरीदकोट रेंज के डीआईजी सुरजीत सिंह, आईजी (काउंटर इंटेलिजेंस) राकेश अग्रवाल, फिरोजपुर के एसएसपी हरमनदीप सिंह, मोगा के एसएसपी चरणजीत सिंह को दोषी ठहराया गया था।
गृह मंत्रालय ने भी की थी जांच
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी पीएम की सुरक्षा में चूक की घटना के तुरंत बाद तीन सदस्यीय कैबिनेट सचिवालय के सचिव (सुरक्षा) सुधीर कुमार सक्सेना, आईबी के संयुक्त निदेशक बलबीर सिंह और आईजी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप एस. सुरेश की कमेटी का गठन किया था।
कमेटी ने पंजाब में उस फ्लाईओवर का दौरा करते हुए जांच का काम शुरू किया था, जिस पर प्रधानमंत्री का काफिला किसान प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क जाम किए जाने के कारण 15-20 मिनट तक फंसा रहा था।
ज्ञात हो कि 5 जनवरी 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बठिंडा पहुंचे, जहां से उन्हें हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर हेलिकॉप्टर से जाना था। लेकिन बारिश और खराब दृश्यता के कारण यह निर्णय लिया गया कि प्रधानमंत्री सड़क मार्ग से यात्रा करेंगे, जिसमें दो घंटे से अधिक का समय लगेगा।
जाब के शीर्ष पुलिस अधिकारी द्वारा आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था की पुष्टि करने के बाद मार्ग की योजना बनाई गई थी। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से लगभग 30 किमी दूर, जब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर था, तो पाया गया कि प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। सुरक्षा में बड़ी चूक हुई और फ्लाईओवर पर पीएम का काफिला अटका रहा।