Prakash Singh Badal Died: प्रकाश सिंह बादल के निधन से शोक की लहर, राष्ट्रपति व पीएम मोदी ने जताया दुख
![Prakash Singh Badal Died: Wave of mourning due to the death of Prakash Singh Badal, President and PM Modi expressed grief](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/3cdbf080aebd59339a0ea6cd76631766.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
Prakash Singh Badal Died: पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात निधन हो गया। उन्होंने मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनकी उम्र करीब 95 साल बताई जा रही है। उनके बेटे और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के PA ने खबर की पुष्टि की है। उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई दिग्गज राजनेताओं ने बादल के निधन पर दुख जताया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी जताया दुख - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर ट्वीट करके शोक जताया। पीएम मोदी ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दु:ख हुआ। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे। वे एक उल्लेखनीय राजनेता थे, जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक परिश्रम किया और कठिन समय में राज्य को सहारा दिया।
भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति: अमित शाह - केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पंजाब के पूर्व सीएम के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल का निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। प्रकाश सिंह बादल का बेमिसाल राजनीतिक अनुभव सार्वजनिक जीवन में बहुत मददगार रहा।
निधन का समाचार दुखद: राहुल - कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व अध्यक्ष सरदार प्रकाश सिंह बादल के निधन का समाचार दुखद है। वो आजीवन भारत और पंजाब की राजनीति के एक कद्दावर नेता रहे। सुखबीर सिंह बादल समेत उनके सभी शोकाकुल परिजनों और समर्थकों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
बादल साहब माटी के लाल थे: राजनाथ सिंह - रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी प्रकाश सिंह बादल के निधन पर दुख जताया। राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा कि प्रकाश सिंह बादल एक राजनीतिक दिग्गज थे, जिन्होंने कई दशकों तक पंजाब की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
अपने लंबे राजनीतिक और प्रशासनिक जीवन में उन्होंने किसानों और हमारे समाज के अन्य कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कई उल्लेखनीय काम किए। बादल साहब माटी के लाल थे, जो जीवन भर अपनी जड़ों से जुड़े रहे। मुझे कई मुद्दों पर उनके साथ अपनी बातचीत याद है। उनके निधन से मुझे गहरा दुख पहुंचा है। उनका निधन मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। उनके शोक संतप्त परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
नड्डा बोले- भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे - भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन की खबर अत्यंत दुखद है। वह भारतीय राजनीति की एक महान हस्ती थे, जिनका पंजाब के विकास में योगदान अतुलनीय है। उन्हें और उनके काम को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।
भगवंत मान ने कही यह बात - पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन पर ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने लिखा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के निधन का दुखद समाचार मिला... वाहेगुरु दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें और परिवार को दुख सहने की शक्ति दें।
शिंदे-खट्टर ने जताया दुख - महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का निधन दुखद है। उन्होंने अपने कार्यकाल में अच्छा काम किया है। मैं और अपनी पार्टी की तरफ से उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रकाश सिंह बादल एक सुलझे हुए नेता थे। वे दूरदर्शी नेता थे। वे गरीब, किसान के लिए आवाज़ उठाते रहे। वे 20 साल तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। आज एक युग का अंत हुआ। मैं अपनी और हरियाणा की जनता की तरफ से उनको श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भगवान उनकी आत्मा को अपने चरणों स्थान दे।
प्रकाश सिंह बादल का राजनीतिक करियर - पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। वे 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे। उन्होंने 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीते। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने सबसे पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे। वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते हुए जनता ने उन्हें लोकसभा सांसद के रूप में भी चुना। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने।