Wrestlers Protest: प्रियंका गांधी मिली पहलवानों से, सरकार पर साधा निशाना, पूछा- सरकार बृजभूषण को क्यों बचा रही
![Wrestlers Protest: Priyanka Gandhi met wrestlers, targeted the government, asked - why is the government saving Brij Bhushan](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/13182964bb5a16bf7052b74a34429d02.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
Wrestlers Protest: कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ पहलवानों का धरना लगातार बड़ा रूप लेता जा रहा है। शनिवार के दिन कांग्रेस प्रियंका गांधी भी इस धरने में शामिल हुईं। उन्होंने पहलवानों के साथ लगभग एक घंटे बिताए।
इस दौरान उनकी परेशानी सुनी, उन्हें सांत्वना दी और सरकार से सवाल भी किए। उन्होंने पूछा की सरकार बृजभूषण सिंह को क्यों बचा रही है। इसके साथ ही प्रियंका ने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा। पहलवानों के धरने में सातवें दिन सुबह 7.45 बजे प्रियंका गांधी भी शामिल हुईं।
यहां वह लगभघ 50 मिनट तक महिला पहलवानों से बात करती रहीं। उन्होंने विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया से भी बात की। बातचीत के दौरान विनेश भावुक हो गईं तो प्रियंका ने उन्हें सांत्वना भी दी।
पहलवानों से मिलने के बाद क्या बोलीं प्रियंका - पहलवानों से मिलकने के बाद प्रियंका गांधी ने कई सवाल किए। उन्होंने पूछा कि जो एफआईआर दर्ज की गई, उसमें क्या है। इसे सभी के सामने क्यों नहीं लाया जा रहा है। जब ये पहलवान पदक जीतते हैं तो हम सभी ट्वीट करते हैं। गर्व महसूस करते हैं।
आज ये सड़क पर बैठे हैं। इन्हें न्याय नहीं मिल रहा है। ये सभी महिला पहलवान इस मुकाम तक आने के लिए काफी संघर्ष करती हैं और मैं यह नहीं समझ पा रही हूं कि सरकार बृजभूषण को क्यों बचा रही है। बृजभूषण पर इतने गंभीर आरोप हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। सरकार उसे पद से हटाए। उससे इस्तीफा लेना चाहिए।
पीएम मोदी पर साधा निशाना - प्रियंका ने पहलवानों से मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ''मुझे पीएम से कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि अगर उन्हें उनकी (पहलवानों) की चिंता है, तो उन्होंने अभी तक उनसे बात क्यों नहीं की? देश उनके (खिलाड़ियों) साथ खड़ा है। मुझे गर्व है कि पहलवान ऐसी चीज के लिए खड़े हैं और आवाज उठा रहे हैं।''
बृजभूषण बोले मैं इस्तीफा नहीं दूंगा - अपने ऊपर एफआईआर दर्ज होने के बाद बृजभूषण सिंह ने अपनी बात रखी। उन्होंने पहलवानों के धरने और उनकी मांग पर सवाल खड़े किए। साथ ही धरने के पीछे कांग्रेस का हाथ बताया।
उनका कहना है कि अगर उनके इस्तीफा देने से पहलवान घर लौट जाएंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं। उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है और 40-45 दिन में चुनाव होने हैं। ऐसे में वह खुद ही कुश्ती संघ के अध्यक्ष के पद से हट जाएंगे, लेकिन वह एक अपराधी के रूप में इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस और सुप्रीम कोर्ट पर उन्हें पूरा भरोसा है और वह निर्दोष हैं।
बृजभूषण सिंह बोले- दिल्ली पुलिस पर पूरा भरोसा - बृजभूषण शरण सिंह ने अपने खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अपनी बात कही है। उन्होंने न्यायपालिका और दिल्ली पुलिस पर पूरा भरोसा जताया है। साथ ही धरने के पीछे कांग्रेस का हाथ होने के आरोप लगाए हैं। बृजभूषण ने कहा एफआईआर करने की बात आई है। अभी एफआईआर की कॉपी मेरे पास नहीं है।
लेकिन एफआईआर तो हो ही गई होगी। मुझे इसमें कुछ भी गलत प्रतीत नहीं होता। दिल्ली पुलिस पर मुझे पूरा भरोसा है। मुझे कोई शिकायत नहीं है। मैं पूरी तरह निर्दोष हूं। मैं इन आरोपों का सामना करने के लिए तैयार हूं। जांच एजेंसी जहां भी उचित समझेगी, मैं जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं।
मुझे पहले भी भरोसा था, आज भी भरोसा है। सुप्रीम कोर्ट से ऊपर कोई नहीं है। मुझे इस पर पूरा भरोसा है। मुझे और मेरे समर्थकों को न्याय मिलेगी। पिछले कई महीनों से मुझे गाली पर गाली और आरोपों पर आरोप झेलने पड़े हैं। इससे मेरे परिवार और मेरे समर्थकों को कष्ट होता है। शीघ्र ही इस मामल में न्याय हो।
उन्होंने आगे कहा "मुझे देश की न्याय प्रक्रिया पर भरोसा है। अगर इनके पुराने बयान सुनेंगे तो आपको पता चलेगा कि इन्होंने पद से इस्तीफा देने की मांग की थी। मेरा कार्यकाल पूरा हो चुका है। सरकार ने तीन लोगों की कमेटी गठित की है। 40-45 दिन में ही चुनाव होना है। मेरा कार्यकाल वैसे भी समाप्त हो जाएगा। लेकिन इस्तीफे की बात नहीं।
मेरा इस्तीफा वैसे ही हो जाएगा, लेकिन अपराधी की तरह नहीं। इन्हीं के कहने पर जांच कमेटी बनी। इनके कहने पर ही उस व्यक्ति को भी जांच कमेटी में शामिल किया गया, जिस पर मेरी आपत्ति थी। इनको जब आभास हो गया कि जांच कमेटी में कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हो रहे, तो इन्होंने कमेटी की रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं किया और सीधे सुप्रीम कोर्ट चले गए।
ये सुप्रीम कोर्ट में नया मामला लेकर गए हैं। जिन नाबालिगों को लेकर ये लोग गए हैं, वे जांच कमेटी के सामने पेश क्यों नहीं हुए हैं। ये चार-चार महिलाएं मेरे खिलाफ लोगों को भड़काएंगे, उकसाएंगे, और मेरे खिलाफ केस कर देंगे। चलिए मुझे इससे भी समस्या नहीं है। यह जांच एजेंसी का काम है।
बृजभूषण ने पहलवानों पर आरोप लगाते हुए कहा "इनकी मांग भी लगातार बढ़ती जा रही है। पहले एफआईआर की मांग की। फिर इस्तीफे की मांग की। जेल में डालने की मांग की है। तो ये लोकसभा सांसदी मुझे विनेश फोगाट की तरफ से नहीं मिला है।
मुझे उनकी कृपा से कुश्ती संघ का अध्यक्ष पद नहीं मिला है। मुझे यह पद चुनाव लड़कर मिला है। 12 साल तक सिर्फ इनके साथ यौन उत्पीड़न होता है, बाकी खिलाड़ियों के साथ क्यों नहीं। हरियाणा का एक ही परिवार क्यों। एक अखाड़ा, एक फैमिली। हरियाणा, हिमाचल बाकी राज्यों के खिलाड़ी क्यों नहीं। क्यों- क्योंकि मैंने काम किया है।"
ये जो खिलाड़ी धरने पर बैठे हैं, मुझे क्यों बुलाते थे। इस पूरे मामले में एक उद्योगपति और कांग्रेस का हाथ है। मैंने उद्योगपति का नाम नहीं बोला है। कुछ उद्योगपतियों का हाथ है, जिन्हें मुझसे कष्ट है। आज दिखाई भी पड़ गया कि किसका हाथ है। जब इनकी मांग मान ली गई कि एफआईआर दर्ज करना है, तब यह इसको क्यों उठा रहे हैं।
केजरीवाल को, सत्यपाल मलिक को, प्रियंका गांधी को बुलाने की जरूरत क्यों पड़ी? अरे कम से कम कांग्रेस वाले जांच रिपोर्ट का इंतजार कर लेते, तब जंतर-मंतर पहुंचते। ये खिलाड़ियों का धरना नहीं है, कुछ षड़ंयत्रकारी लोग हैं, जो मेरी पार्टी और मुझे नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
आप देख रहे हैं कि खिलाड़ियों के कहने पर ऐसे व्यक्ति को धरने में शामिल किया गया, जिसको शामिल नहीं होना था। क्योंकि उसी ने धरने की अनुमति दी थी। यह मामला सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली पुलिस की निगरानी में है। जांच कमेटी लड़कियों से बात कर रही है। आयोग के सामने जो बच्चे पेश हुए हैं, उनमें वो बच्चा नहीं है, जिसने मेरे खिलाफ एफआईआर की है।
ये कहते हैं कि मुझे कुश्ती को बचाना है। हमारे देश को एशिया जूनियर चैंपियनशिप अलॉट थी। वो इन्होंने चिट्ठी लिखकर कैंसल करवाया। महिलाओं का कैंप चल रहा था। उनकी ट्रेनिंग होनी थी। इनकी वजह से उन्हें जाना पड़ा। क्या ऐसे उन्होंने कुश्ती को बचाया।