Jogira Sara Ra Ra Review: गालिब की कहानी में मिमोह और संजय ने भरे हास्य के रंग, नवाज और नेहा की बीड़ीबाज जोड़ी
![Jogira Sara Ra Ra Review: Mimoh and Sanjay filled the colors of humor in Ghalib's story, Nawaz and Neha's bidibaaz pair](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/fd1056ab4526e96312642aaf09ea2e9b.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
Jogira Sara Ra Ra Review: फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ का सितारा नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं, लेकिन फिल्म में असली चौंकाने वाली अदाकारी है महाक्षय चक्रवर्ती उर्फ मिमोह की। गोल मटोल लल्लू बने मिमोह पूरी फिल्म में अपने मजाकिया अंदाज से लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचते हैं और नेहा शर्मा की ओवर एक्टिंग से लुढ़कती फिल्म को बार बार पटरी पर लाने की पूरी कोशिश करते हैं।
नवाजुद्दीन सिद्दीकी की ये फिल्म तब बनी थी, जब लखनऊ की मशहूर अदाकारा फारूक जफर इस दुनिया में थी। फिल्म में वह अपने चिर परिचित दादी अवतार में हैं। फारुख का निधन दो साल पहले हो चुका है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी की करीब आधा दर्जन निर्माण के अलग अलग चरणों में हैं और इतनी ही फिल्में रिलीज की कतार में भी बताई जाती हैं।
उन्हें कभी इरफान की जगह ले सकने वाले सितारे के रूप में खूब तारीफें मिलीं लेकिन खुद को बतौर कलाकार विकसित करने की कोशिश उन्होंने परदे पर कम ही की हैं। वह अब हर किरदार में नवाजुद्दीन ही दिखते हैं। फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ में वह जोगी प्रताप बने हैं। जोगी शादियों के सारे इंतजाम करता हैं और नॉन वेज भरवा करेला भी बनवाता है।
ऐसी ही एक शादी में घर से भागी एक लड़की उससे टकराती है। संयोग कुछ दिनों बाद उसे इसी लड़की की शादी के इंतजाम की जिम्मेदारी तक ले आता है। दोनों की पुरानी पहचान कहानी में ट्विस्ट लाने की कोशिश करती है और जोगी अपने जुगाड़ से ये शादी तुड़वाने का ठेका ले लेता है।
फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ की कहानी का विचार अच्छा है। गालिब असद भोपाली की मूल कहानी में कितना फेरबदल नवाजुद्दीन और कुषाण ने किया है, ये तो रहस्य ही रहेगा, लेकिन फिल्म देखते समय ये साफ दिखता है कि इसके प्रवाह में कहीं न कहीं बाधा निर्देशन की जरूर रही है।
फिल्म शुरू होते ही आने वाला गाना और फिर रेड लाइट एरिया का गाना फिल्म के विकास की बड़ी दिक्कतें हैं। बिना तड़क भड़क और बिना आइटम सॉन्ग के ये कहानी ऋषिकेश मुखर्जी वाले सामाजिक व्यंग्य की लीक पकड़कर चलती तो इस सीजन की बेहतरीन फिल्म बन सकती थी लेकिन फिल्म के कमजोर निर्देशन ने फिल्म को काफी नुकसान पहुंचाया है।
कुषाण नंदी और नवाजुद्दीन सिद्दीकी की टीम इसके पहले ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ बना चुकी है। तब फिल्म की पहली हीरोइन चित्रांगदा सिंह ने इसी बात पर फिल्म छोड़ दी थी कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी की बीड़ी पीने की आदत से वह सहज नहीं हैं। इस बार फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ के किरदारों ने इतनी बीड़ी पी है कि बीड़ी बनाने वाले इसे अपने उत्पादों के प्रचार में इस्तेमाल कर सकते हैं।
फिल्म के दोनों मुख्य कलाकारों नवाजुद्दीन सिद्दीकी और नेहा शर्मा से बेहतर काम फिल्म के सहायक कलाकारों महाक्षय चक्रवर्ती और संजय मिश्रा ने किया है। महाक्षय का लल्लू अवतार अरसे तक चर्चा में रहेगा तो चौधरी गैंग के लीडर बने संजय मिश्रा ने फिल्म के हास्य का हिस्सा अपने कंधों पर मजबूती से संभाले रखा है।
फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ का बॉक्स ऑफिस पर हाल जैसा भी रहे, एक बात तो ये अच्छी हुई कि ओटीटी संचालकों ने अब इफरात में बनी फिल्मों को आंख मूंदकर खरीदना बंद कर दिया है। जो फिल्में सीधे ओटीटी के लिए नहीं बनी हैं, उन्हें ओटीटी पर रिलीज कराने के इच्छुक रहे निर्माताओं को अब उन्हें सिनेमाघरों में रिलीज करना पड़ रहा है और फिर फिल्म के बॉक्स ऑफिस नतीजों और उनकी रेटिंग के हिसाब से इनके दाम तय हो रहे हैं।
इसी चक्कर में हर हफ्ते थोक के भाव फिल्में रिलीज हो रही है। अब, इसमें से किस पर दर्शक अपना धन और समय सिनेमाघरों में जाकर निवेश करें, उसका पैमाना भी फिल्म ‘जोगीरा सारा रा रा’ तय करती दिखती है। फिल्म का तकनीकी पक्ष सामान्य है, हां हितेश मोदक का संगीतबद्ध किया गाना ‘बबुआ’ काफी अच्छा बन पड़ा है।