ईरान हिजाब विवाद के बाद विरोध के बीच पश्चिमी शहर में फायरिंग और विस्फोट
इस घटना के बाद से ईरान के कईं शहरों, कस्बों और गांवों में विरोध प्रदर्शन जारी है। पुलिस का कहना है कि अमीनी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और उनके साथ किसी तरह की बदसलूकी नहीं की गई थी।
ईरान में 22 वर्षीय एक महिला की मौत की घटना के बाद से लगातार जारी विरोध प्रदर्शन के बीच सोमवार को एक पश्चिमी शहर की सड़कों पर गोलियों और विस्फोटों की आवाज़ें सुनाई दीं।
साथ ही, पास के एक गांव में एक व्यक्ति कथित तौर पर सुरक्षा बलों द्वारा मारा गया। कार्यकर्ताओं ने यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि नैतिकता पुलिस (मॉरिलिटी पुलिस) ने हिजाब सही तरीके से नहीं पहनने के आरोप में सितंबर में महसा अमीनी को हिरासत में लिया था।
वह थाने में बेहोश हो गईं और इसके तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद से ईरान के कईं शहरों, कस्बों और गांवों में विरोध प्रदर्शन जारी है। पुलिस का कहना है कि अमीनी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई और उनके साथ किसी तरह की बदसलूकी नहीं की गई थी।
अधिकारियों द्वारा इंटरनेट पर प्रतिबंध के बावजूद तेहरान और अन्य जगहों से विरोध प्रदर्शन के ऑनलाइन वीडियो सामने आए हैं।
महिलाओं को बिना हिजाब के सड़कों पर मार्च करते हुए देखा जा सकता है। बीते चार सप्ताह से सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है।
‘हेंगॉ ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स’ नामक एक कुर्द समूह के अनुसार, सोमवार को तड़के ईरान के कुर्दिस्तान प्रांत की राजधानी सानंदज के साथ-साथ इराक की सीमा के पास सालास बाबाजानी गांव में भी हिंसा की कईं घटनाएं हुईं।
महसा अमीनी कुर्द थीं और ईरान के कुर्द इलाकों में उनकी मौत को लेकर खासा आक्रोश है। यहां 17 सितंबर को अमीनी को सुपुर्द-ए-ख़ाक़ किए जाते समय विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे जो देश के विभिन्न हिस्सों में फैलते गए।