International News: महिलाओं और नाबालिगों को इस देश की सरकार ने दिया खास तोहफा
International News: फ्रांस में अब यौन बीमारियों में कमी लाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। फ्रांस में फार्मेसियों से अब युवाओं को मुफ्त कंडोम उपलब्ध हो सकेगा। इस सुविधा को हेल्थ केयर के क्षेत्र में छोटी क्रांति कहा जा रहा है। ये सुविधा वर्ष 2023 के पहले दिन से फ्रांस भर में लागू हो चुकी है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ‘प्रिवेंटिव हेल्थ केयर में शुरू हुई इस योजना को एक छोटी क्रांति बताया है। इस क्रांति का मुख्य उद्देश्य है कि युवाओं में यौन संचारित रोग को फैलने से रोका जाए। जानकारी के मुताबिक पहले इसे 18-25 वर्ष तक के युवाओं के लिए लागू किया गया था मगर बाद में सरकार ने किशोरों के लिए भी फ्री कंडोम दिए जाने की सुविधा को शुरू कर दिया है।
महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी ऐलान
बीते दिनों सरकार ने जानकारी दी थी कि महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर भी फ्रांस की सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सरकारी प्रवक्ता ओलिवियर वेरन ने एक ट्वीट में कहा था कि एक जनवरी से सभी महिलाएं डॉक्टर के पर्चे के बिना भी गर्भनिरोधक ले सकेंगी।
महिलाओं को मुफ्त में आपातकालीन गर्भनिरोधक दिया जा सकेगा। फ्रांस सरकार ने एक जनवरी 2022 से 26 वर्ष से कम आयु की महिलाओं को भी महिलाओं को गर्भनिरोधक दवाईयां उपयोग करने का अधिकार दिया गया है।
बता दें कि सरकार ने ये कदम इसलिए उठाए हैं कि फ्रांस में बीते दो वर्षों के दौरान यौन बीमरियों में काफी बढ़ोतरी हुई है। फ्रांस के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक फ्रांस में वर्ष 2020 और 2021 के दौरान यौन संचारित रोगों की दर लगभग 30 प्रतिशत तक बढ़ गई थी।
राष्ट्रपति मैक्रों ने बताया क्रांति
स्वास्थ्य के क्षेत्र में फ्रांस में शुरू की गई नई पहल को राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने काफी सराहना की है। बता दें कि फ्रांस में असाधारण महंगाई के कारण गरीबों की हालत काफी खराब हो गई है। ऐसे में बर्थ कंट्रोल और कंडोम को लेकर सराकर की इस पहल से युवाओं को काफी लाभ होने वाला है।
ईरान में देशव्यापी प्रदर्शन के बीच हिरासत में लिए गए दो और लोगों को मृत्युदंड दिया गया
ईरान ने कहा है कि उसने प्रदर्शन के दौरान एक अर्द्धसैनिक बल के जवान की हत्या मामले में दोषी ठहराए गए दो व्यक्तियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई है। ईरान की न्यायपालिका ने मृत्युदंड दिए गए लोगों की पहचान मोहम्मद करमी और मोहम्मद हुसैनी के रूप में की है।
महसा अमीनी की मृत्यु के बाद सितंबर से जारी प्रदर्शन के दौरान अब तक चार लोगों को मृत्युदंड दिया जा चुका है। न्यायपालिका की ‘मिजान समाचार एजेंसी’ के अनुसार इन व्यक्तियों को ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड की बासिज फोर्स के रुहुल्ला अजमियां की हत्या के जुर्म में दोषी ठहराया गया जिनकी तीन नवंबर को तेहरान के बाहरी इलाके करज शहर में मौत हो गई थी।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किस अदालत में इन दोनों व्यक्तियों के मुकदमे की सुनवाई हुई। हालांकि अदालत के बंद कमरों में लोगों को मृत्युदंड सुनाए जाने के लिए ईरान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी हुई है। सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि बंद कमरे में हुई सुनवाई में कम से कम 16 लोगों को मृत्युदंड की सजा सुनाई जा चुकी है।
ईरान में मृत्युदंड के रूप में फांसी की सजा दी जाती है। देश में विरोध प्रदर्शन सितंबर के मध्य में शुरू हुआ था, जब 22 वर्षीय अमीनी को इस्लामी गणराज्य के सख्त ‘ड्रेस कोड’ का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इसके बाद उसकी मौत हो गई थी।