Agra Building Collapse: आगरा में 4 मकान गिरने के बाद शाम होते ही खाली हो गए कई घर
Agra Building Collapse: कोतवाली के टीला माईथान में गुरुवार को धर्मशाला में बेसमेंट की खोदाई के चलते हुए हादसे के बाद दो दर्जन परिवार दहशत में हैं। अधिकांश लोग गुरुवार की शाम को पलायन कर गए।
मुकेश शर्मा और उनके परिवार ने धर्मशाला में रात गुजारी। वहीं शुक्रवार की सुबह अपने मकानों दरारे आने पर महिलाओं ने सड़क पर जाम लगा कर प्रदर्शन किया। वह मुआवजे की मांग कर रहीं थीं। तीन मकानों और एक मंदिर ढहने के बाद गली के लोग सुबह से ही दहशत में थे। उन्हें बाकी बचे अपने मकानों के गिरने का डर सता रहा था।
गुरुवार की शाम काे रूशाली के अंतिम संस्कार के बाद गली के लोगों ने घरों को खाली कर दिया। बाबी ने बताया कि वह आगे वाली गली में परिवार के साथ किराए के मकान में रहने चले आए। जबकि रूशाली के बाबा मुकेश शर्मा और प्रवीन शर्मा, आरती आदि बराबर में बनी ग्या प्रसाद की धर्मशाला में रहने आ गए। इन परिवारों ने अपनी रात वहीं काटी। गली के लोगों का कहना था कि मंदिर और मकानों के गिरने के बाद दरारें और चौड़ी हो गई थीं।
आगरा में मकानों के गिरने के मामले में सामने आई ADA की लापरवाही
लखनऊ के हजरतगंज में बिल्डिंग हादसे के बाद गुरुवार को ठीक ऐसा ही एक और हादसा आगरा में हो गया। इस हादसे में एक बच्ची की मौत हो गई और कई परिवारों को आशियाना छिन गया। आगरा में हरीपर्वत के घटिया इलाके में सिटी स्टेशन रोड पर बेसमेंट बनाने के लिए खोदे जा रहे गड्ढे के कारण इसके साथ लगते आधा दर्जन मकान भरभराकर ढह गए। गड्ढा खोदने का कार्य राय बहादुर विशंभर नाथ धर्मशाला की जमीन की जमीन पर बेसमेंट बनाने के लिए किया जा रहा था।
इस हादसे में आगरा डेवलपमेंट के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। मामला मुख्यमंत्री योगी तक पहुंच गया है, जिसके बाद एडीए के अधिकारी खुद को बचाने के लिए हेरफेर में जुट गए हैं। यहां तक कि एडीए के अधिकारियों ने बैक डेट का नोटिस भी निकाल दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि जिसके नाम का नोटिस निकाला, नोटिस उसे न देकर किसी दूसरे व्यक्ति को दे दिया।
दरअसल, एडीए के जेई ने खुद को बचाने के लिए मुख्य आरोपी राजू मेहरा की जगह फुलट्टी के रहने वाले एक अन्य राजू मेहरा को जबरन नोटिस भेज दिया, जिस पर हादसे से तीन दिन पहले यानी 23 जनवरी 2023 की तारीख लिखी है। नोटिस में कहा गया कि पहले से बनी धर्मशाला को गिराकर बेसमेंट की खुदाई का कार्य किया जा रहा है, जिसकी मंजूरी नहीं ली गई है। नोटिस मिलते ही काम बंद किया जाए।
फुलट्टी के राजू को जब नोटिस मिला तो उन्होंने घटनास्थल पर जाकर एडीए सिटी से शिकायत की, लेकिन उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, बैकडेट नोटिस निकालने वाले जेई को हटा दिया गया है।
उधर, हादसे के बाद माईथान बस्ती के लोगों का कहना था कि उन्होंने धर्मशाला में निर्माण कार्य की शिकायत नगर निगम में की थी। बेसमेंट की खुदाई से मकान गिरने की आशंका थी। धर्मशाला के पीछे बने अधिकांश मकान 70 से 80 साल पुराने हैं। इसके बावजूद नगर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके चलते गुरुवार की सुबह हादसा हुआ।