बिल्डर व भवन स्वामी की दबंगई चरम पर
वाराणसी। जनपद में यूं तो अवैध निर्माणों का कार्य काफी जोर शोर से किया जा रहा है, जिसके पीछे का मुख्य कारण है वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों की उदासीनता। वहीं जनपद में कई ऐसे बिल्डर व भवन स्वामी है जो अपनी दबंगई के लिये विख्यात है।
सूत्र बताते है कि इन्हीं में से एक ऐसे बिल्डर भी है, जो कभी एक सम्मानित समाचार पत्र का संचालन भी किया करते थे। जिनके द्वारा चैक थाना क्षेत्र में स्थित भवन संख्या सी.के. 43/22, 18 व 17 के एक बड़े भूभाग पर अवैध निर्माण का कार्य कराया जाने लगा, जिसके भवन स्वामी का नाम अभय कुमार अग्रवाल बताया जाता है और साथ ही यह भी बताया जाता है कि ये शहर के एक बड़े प्रतिष्ठित व्यापारी भी है। जिनके द्वारा इस भूभाग पर अवैध तरीके से बिना किसी नक्शा व परमिशन को पास कराये ही कारोबारी भवन का निर्माण कराया जाने लगा।
जिसमें बताया जाता है कि वाराणसी विकास प्राधिकरण के पूर्व ईमानदार जेई हाशमी के आगे इन कथित बिल्डर की एक भी न चली और उनके द्वारा उक्त अवैध भवन के निर्माण को सीज करने की कार्यवाही करते हुये, उसे सम्बन्धित थाना चौक के अभिरक्षा में सौंप दिया गया था, परन्तु उनका तबादला होने के बाद मानो जैसे युद्ध स्तर पर इस अवैध निर्माण को मानक के विपरित जाते हुये बिल्डर व भवन स्वामी के द्वारा कराया जाने लगा, और महज 3 व 7 फीट की गली में पांच मंजिला अवैध भवन का निर्माण करा दिया गया।
जिससे क्षेत्रीय लोगों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी शिकायत क्षेत्रीय लोगों के द्वारा जब विकास प्राधिकरण को किया गया, तब कहीं जाकर विकास प्राधिकरण की निन्द्रा टूटी और विधिक कार्यवाही करने के लिये दिनांक 3/12/22 को सम्बन्धित थाना चैक को पत्राचार किया गया।
जिसकी जानकारी थाना चौक से लेने पर वहां मौजूद जिम्मेदारों के द्वारा उक्त पत्र की प्राप्ति से अनभिज्ञता जताते हुये कहा गया कि जब यह पत्र मिलेगा तो उस पर कार्यवाही की जायेगी। विकास प्राधिकरण के द्वारा थाना चौक को किये गये पत्राचार में दर्शाया गया है कि अभय कुमार अग्रवाल द्वारा भवन संख्या सीके. 43/22, 18 व 17 मुहल्ला चौक, वार्ड चौक वाराणसी पर अवैध निर्माण कराये जाने पर अनाधिकृत निर्माण के विरूद्ध उ.प्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 27, 26(1) व 28(2) के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुये दिनांक 16/6/22 को सील की कार्यवाही कर थाना चौक के अभिरक्षा में सौंप दिया गया था।
स्थल निरीक्षण किया गया, स्थल पर पक्ष द्वारा उ.प्र. नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की सुसंगत धारा 14 व 15 का खुला उल्लंघन करते हुये उक्त भवन की सील तोड़कर चोरी छिपे अनधिकृत रूप से जी+5 तलों का अनाधिकृत रूप से निर्माण कार्य किया जा रहा है।
उक्त स्थल पर पक्ष द्वारा निर्माण कार्य जारी रखा गया है। क्षेत्रीय अवर अभियन्ता द्वारा बार-बार मना करने के बावजूद निर्माण कार्य बन्द नहीं किया जा रहा है एवं पूर्व में भी इस कार्यालय के पत्रांक- सीके. 13/22नो. दिनांक 3/6/22 के माध्यम से स्थल पर प्रभावी ढ़ंग से निर्माण कार्य को बन्द कराने का अनुरोध किया जा चुका है। इसके बावजूद स्थल पर निर्माण कार्य जारी है।
साथ ही यह भी कहा गया है कि सील तोड़कर किये जा रहे अवैध निर्माण को रोकने एवं निर्माणकर्ता अभय कुमार अग्रवाल द्वारा भवन संख्या सीके. 43/22, 18 व 17 के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही करें।
जिसकी प्रति आर. के. सिंह अवर अभियन्ता चौक वाराणसी विकास प्राधिकरण व पुलिस उपायुक्त काशी जोन को भी दी गयी है। अब देखना यह है कि क्या वाराणसी विकास प्राधिकरण व थाना चौक इस सम्बन्ध में कोई प्रभावी कार्यवाही करती है या फिर मामले को ठण्डे बस्ते में ड़ालकर कुम्भकर्णीय निन्द्रा में पुनः सो जायेगी, फिलहाल यह तो भविष्य के गर्भ में है।