Kanpur Tower Heater: राहगीरों के लिए रूपम चौराहे पर लगा पहला टॉवर हीटर, एक किलो एलपीजी से जलता है दो घंटे
![Kanpur Tower Heater: The first tower heater installed at Rupam intersection for passers-by, burns for two hours with one kg of LPG](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/afc4fb92ff7330a8ea92b23bedb5c4fb.jpg?width=963&height=520&resizemode=4)
Kanpur Tower Heater: कानपुर में जबरदस्त ठंड में राहगीरों और फुटपाथ पर जीवन गुजारने वाले वाले लोगों के लिए बेकनगंज के रूपम चौराहे पर शहर का पहला टॉवर हीटर लगाया गया है। यह हीटर एलपीजी से शाम छह से सुबह सात बजे तक जलाया जाता है।
नगर निगम की तरफ से अलाव के लिए नियमित लकड़ियां न पहुंचने पर नाजिरबाग वार्ड से क्षेत्रीय पार्षद हाजी सुहेल अहमद ने टॉवर हीटर लगवाया है। इससे रोजाना करीब दो से तीन हजार लोग लाभान्वित हो रहे हैं। इसके चारों तरफ करीब 30 से 35 लोग खड़े होकर गर्माहट ले सकते हैं।
सुहेल अहमद ने बताया कि क्षेत्रीय लोगों ने शिकायत की कि नगर निगम से अलाव के लिए नियमित लकड़ियां नहीं आ रही हैं और आती भी हैं, तो कम होती हैं। इसकी आग तीन से चार घंटे में खत्म हो जाती है। इस पर एलपीजी से चलने वाला यह टॉवर हीटर लगवा दिया है।
इसमें एक किलो एलपीजी से दो घंटे हीटर जलता है। इससे शीतलहर में लोगों को राहत मिल रही है। अन्य जगहों पर भी इसे शुरू कराने की योजना है। अभी तक आम लोगों के लिए चौराहे पर लगने वाला यह पहला टॉवर हीटर है। इससे लोगों को काफी राहत मिली है।
कानपुर में ठंड का कहर जारी, 24 घंटे में हार्ट अटैक से 16, ब्रेन स्ट्रोक से तीन की मौत
शीत लहर दिल के कमजोर मरीजों के लिए भारी पड़ रही है। इसके अलावा अनियंत्रित रक्तचाप और मधुमेह के मरीजों को भी परेशानी हो रही है। सोमवार को हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आने से 19 मरीजों की मौत हो गई। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में 44 और एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में ब्रेन स्ट्रोक की चपेट में आए 12 मरीज भर्ती हुए हैं।
हृदय रोग संस्थान के निदेशक प्रो. विनय कृष्ण ने बताया कि बीते 24 घंटें में 16 मरीजों की मौत हुई है, जिसमें हार्ट अटैक के तीन मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया, जबकि 13 मरीज हार्ट अटैक पड़ने के बाद मृत अवस्था में लाए गए।
एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में सुबह से लेकर शाम तक तीन मरीज मृत अवस्था में आए, जिन्हें डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि ने बताया कि अनियंत्रित मधुमेह व हाइपरटेंशन के मरीज गंभीर स्थिति में आ रहे हैं।
कोरोना से कमजोर दिल, अब पड़ रहा अटैक
सर्दी बढ़ने से हाइपरटेंशन, मधुमेह पीड़ित, दिल के मरीजों की दिक्कत गई है। अधिक सर्दी पड़ने से दिल से खून की आपूर्ति करने वाली नसें सिकुड़ने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। दिल की खून की नसों में कोलेस्ट्राल जमने से 40 प्रतिशत तक रुकावट वाले मरीजों को सर्दी में सीने में दर्द, एंजाइना और हार्ट अटैक के लक्षण भी उभर आते हैं।
कोरोना की पहली, दूसरी और तीसरे लहर के संक्रमण से दिल की नसें पहले ही कमजोर हो गईं, अब ऐसे मरीज हार्ट अटैक व हार्ट फेल्योर की समस्या लेकर लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान की ओपीडी और इमरजेंसी में आ रहे हैं। सोमवार को 698 मरीज आए, जिसमें ओपीडी में 550 और इमरजेंसी में 148 मरीज थे, उसमें से 44 की गंभीर स्थिति को देखते हुए भर्ती करना पड़ा।
सर्दी में खून की नसें सिकुड़ने से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा
हृदय की नसों में 40 प्रतिशत तक कोलेस्ट्राल जमा होने से सामान्य दिनों में मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है। उनमें हृदय रोग के कोई लक्षण भी नहीं होते हैं। इन्हीं मरीजों की सर्दी में नसें सिकुड़ने से यह रुकावट 80 प्रतिशत से अधिक हो जाती है।
ऐसे में इन्हें एंजाइना, हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा कोरोना वायरस की बार-बार लहर आने से दिल की नसें पहले से ही कमजोर हो चुकी हैं। सर्दी में ऐसे मरीज हार्ट अटैक और फेल्योर के साथ आ रहे हैं। आपात स्थिति में करें संपर्कहृदय रोग संस्थान ने हेल्पलाइन नंबर 7380996666 जारी किया है।
दिल से संबंधित किसी प्रकार की समस्या या आपात स्थिति होने पर फोन कर सकते हैं। सहायता प्रदान की जाएगी। शरीर और दिल की नसें बाहरी तापमान के लिए अत्यंत संवेदनशील होती हैं।इसके अलावा कोरोना के संक्रमण से दिल की नसें कमजोर हो गईं हैं।
ऐसे करें बचाव
शरीर को गर्म रखने को अच्छी तरह गर्म कपड़े पहनें। गर्म कमरे से अचानक सर्द तापमान में कतई न जाएं। सर्दी में लगातार गुनगुने पानी का सेवन करते रहें। हल्का भोजन करें, गरिष्ठ भोजन के सेवन से बचें। ब्लड प्रेशर पीड़ित डाक्टर को दिखाकर दवाएं की डोज निर्धारित कराएं। हार्ट के मरीज डिस्प्रिन की गोली जरूर घर पर रखें। सीने में तेज दर्द या हार्ट अटैक पड़ने पर गुनगुने पानी से खा लें। डिस्प्रिन खून पतला करती है, जिससे 25 प्रतिशत तक खतरा कम होता है।