जानिये दाऊद इब्राहिम के बारे में जुटाई जा रही जानकारी में क्या मिले सुराग
केंद्रीय एजेंसियां पिछले कई महीनों से भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोगों पर छापेमारी कर उसके संबंध में जानकारी जुटा रही थी। एनआइए द्वारा वीरवार को उठाया गया कदम इसी खोजबीन का परिणाम माना जा रहा है।
मुंबई। महाराष्ट्र पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता (ATS), एनआइए (NIA) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) जैसी केंद्रीय एजेंसियां पिछले कई महीनों से भगोड़े माफिया सरगना दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) से जुड़े लोगों पर छापेमारी कर उसके संबंध में जानकारी जुटा रही थी।
एनआइए द्वारा वीरवार को उठाया गया कदम इसी खोजबीन का परिणाम माना जा रहा है।
एटीएस ने इन्हें किया था गिरफ्तार
पिछले महीने ही मुंबई एटीएस ने मुंबई के वर्सोवा उपनगर से टेरर फंडिंग मामले में दाऊद इब्राहिम गैंग के एक व्यक्ति परवेज जुबेर मेमन (47) को गिरफ्तार किया था।
एटीएस सूत्रों के अनुसार, परवेज जुबेर ने स्वीकार किया है कि वह नशीले पदार्थों व अन्य अवैध कारोबार से प्राप्त धन आतंकी गतिविधियों में लगे प्रतिबंधित संगठनों को उपलब्ध कराता रहा है। जुबेर को दाऊद के भाई अनीस का करीबी बताया गया है।
एटीएस ने अगस्त के प्रथम सप्ताह में ही अनीस इब्राहिम व कुछ अन्य के खिलाफ भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में आईपीसी की धारा 121(ए) तथा गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) की धाराओं 17, 18 के तहत एफआइआर दर्ज की थी।
दाऊद के करीबियों के ठिकानों पर मारे थे छापे
इसी मामले में चार अगस्त को अनीस के साथी परवेज जुबेर मेमन को गिरफ्तार किया गया था। एटीएस सूत्रों के अनुसार जुबेर ने गिरफ्तारी के बाद खुद स्वीकार किया है कि वह ड्रग्स के कारोबार में लिप्त था, और एमडीएमए, केटामाइन व एलएसडी जैसे नशीले पदार्थों का कारोबार करता था।
इस प्रकार ड्रग के कारोबार से प्राप्त धन आतंकी गतिविधियों में लगे प्रतिबंधित संगठनों को उपलब्ध कराया जाता था। इसी साल फरवरी में भी दाऊद इब्राहिम से संबंध रखने वाले लोगों के 10 ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापे मारकर जांच-पड़ताल शुरू की थी।
इस कार्रवाई में भी एक व्यक्ति को हिरासत में भी लिया गया था। ईडी ने जिन ठिकानों पर छापे मारे थे, उनमें दाऊद के भाई इकबाल कास्कर का घर, छोटा शकील के साले सलीम फ्रूट का घर व दाऊद की बहन हसीना पारकर के बेटे का घर भी शामिल था। ईडी के करीब 70 अधिकारी इस छापेमारी में शामिल थे।
व्यवसायी भी डी कंपनी के साथ थे शामिल
ईडी के सूत्रों के अनुसार, ये छापेमारी दाऊद इब्राहिम, इकबाल मिर्ची, छोटा शकील, हसीना पारकर व जावेद चिकना के विरुद्ध दर्ज मनी लांड्रिंग के मामले में की गई थी।
यह मामला हफ्ता मसूली, ड्रग ट्रैफिकिंग, नागपाड़ा व भिंडी बाजार में जमीनों की खरीद-फरोख्त से प्राप्त पैसों को हवाला के जरिए इधर-उधर भेजे जाने के कारण दर्ज किया गया था। बताया जाता है कि दाऊद परिवार के ज्यादातर लोगों के कराची में रहने के दौरान मुंबई में उसका सारा कारोबार सलीम फ्रूट ही देखता रहा है।
ईडी द्वारा दर्ज किया गया मनी लांड्रिंग का यह मामला फरवरी में ही केंद्रीय जांच एजेंसी एनआउए द्वारा डी- कंपनी के विरुद्ध दर्ज किए गए एक नए मामले का परिणाम था। एनआइए ने इस मामले में दाऊद व उसके कई साथियों पर गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया था।
इस मामले में चार व्यवसाइयों के नाम भी शामिल हैं, जो डी कंपनी के साथ कई तरह के व्यवसायों में शामिल थे।
राजनेताओं व व्यवसाइयों की मदद से मुंबई में अब भी है दाऊद के गुर्गों का दखल
फरवरी में छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सलीम कुरैशी उर्फ सलीम फ्रूट का बयान भी दर्ज किया था। इन छापेमारियों के कुछ सप्ताह बाद ही मार्च के प्रथम सप्ताह में महाराष्ट्र के तत्कालीन वरिष्ठ मंत्री नवाब मलिक को मनी लांड्रिंग के एक मामले में ईडी ने ही गिरफ्तार कर लिया था।
उन्हें अभी भी जमानत नहीं मिल सकी है। केंद्रीय जांच एजेंसियों का मानना है कि भगोड़ा घोषित माफिया सरगना दाऊद अब भी अपने गुर्गों के जरिए मुंबई के अचल संपत्ति व्यवसाय में दखल रखता है। इस काम में उसे कुछ राजनेताओं व व्यवसाइयों की भी मदद मिलती है।