मुख्तार के बेटे अब्बास और पत्नी की गिरफ्तारी के लिए ताबड़तोड़ दबिश
सांसद अफजाल अंसारी के गैंगस्टर मामले में यूपी सरकार से जवाब तलब
मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी और बेटे मऊ विधायक अब्बास अंसारी की तलाश में रविवार को मऊ पुलिस ने गाजीपुर में ताबततोड़ दबिश दी।
जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी और बेटे मऊ विधायक अब्बास अंसारी की अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी के लिए मऊ जिले की पुलिस ने रविवार को गाजीपुर में कई स्थानों पर दबिश दी।
मगर उन्हें दोनों में से कोई भी नहीं मिला। मऊ जिले की दक्षिण टोला पुलिस ने मुहम्मदाबाद स्थित गाजीपुर सांसद के आवास फाटक और दर्जी मोहल्ला स्थित मुख्तार अंसारी के घर पर दबिश दी।
आईएस 191 गैंग लीडर मुख्तार अंसारी और उसके परिजनों की मुश्किलें घटने का नाम नहीं ले रही हैं। पुलिस लगातार एक तरफ जहां अवैध रूप से अर्जित बेनामी संपत्तियों को कुर्क कर रही है।
वहीं मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी और पुत्र मऊ विधायक अब्बास अंसारी की तलाश में ताबड़तोड़ दबिश दे रही है।
इसी क्रम में मऊ जनपद के दक्षिण टोला पुलिस टीम प्रभारी निरीक्षक अनिल चंद्र तिवारी के नेतृत्व में गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी के आवास फाटक पहुंची।
जहां उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। वहां मौजूद मुहम्मदाबाद विधायक मन्नू अंसारी से दोनों लोगों के संबंध में पूछताछ की गई।
इस दौरान विधायक ने पुलिस टीम को बताया कि इन लोगों की कोई जानकारी नहीं है। दोनों लोग यहां नहीं रहते हैं। वहीं पुलिस टीम दर्जी मुहल्ला स्थित मुख्तार अंसारी के आवास पर दबिश दी। वहां से भी टीम को खाली हाथ लौटना पड़ा।
इस संबंध में मुहम्मदाबाद कोतवाल अशोक कुमार मिश्रा ने बताया कि दक्षिण टोला थाने में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में न्यायालय द्वारा वारंट जारी किया गया है।
इसी मामले में मऊ पुलिस दोनों की तलाश में मुहम्मदाबाद आई थी। सफलता न मिलने पर वापस लौट गई। मालूम हो कि कुछ दिन पूर्व मऊ पुलिस ने स्थानीय पुलिस के साथ दर्जी मुहल्ला स्थित मुख्तार अंसारी के आवास पर कुर्की की नोटिस चस्पा की थी।
साथ ही मुख्तार की पत्नी को भगौड़ा घोषित करने की घोषणा माइक द्वारा की थी।
बांदा जेल में बंद माफिया व पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और उसकी पत्नी की तलाश में पुलिस 12 विशेष टीमें दो महीने में 135 से अधिक ठिकानों पर छापा मार चुकी हैं, लेकिन दोनों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा है।
पुलिस टीमें मऊ, वाराणसी, गाजीपुर, पंजाब और दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। कई जगह दबिश भी दी है।
इसके अलावा राजस्थान, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद, उत्तराखंड, पंजाब व छत्तीसगढ़ में भी अब्बास की तलाश की जा रही है। लखनऊ महानगर थाने में 2019 में विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ शस्त्र लाइसेंस के दुरुपयोग का मुकदमा दर्ज किया गया था।
पेशी से गायब रहने पर कोर्ट ने गैरजमानती वारंट जारी किया था। बीते 26 अगस्त को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया।
शासन की कार्रवाई का डंडा संगठित अपराध को अंजाम देने वालों के खिलाफ लगातार चल रहा है। आईएस 191 गैंग के लीड मुख्तार अंसारी और उनके करीबियों की अब तक 65 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।
जबकि गैंग से संबंधित 109 करोड़ की संपत्ति को ध्वस्त कराया जा चुका है। यहीं नहीं मुख्तार अंसारी पर तकरीबन तीन दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी के बड़े भाई गाजीपुर सांसद अफजाल अंसारी की अब तक करीब 43 करोड़ की संपत्ति कुर्क की जा चुकी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजीपुर से बसपा सांसद अफजाल अंसारी की गिरोह बंद कानून के तहत कार्यवाही के खिलाफ दाखिल याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए दो हफ्ते का समय दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 14 अक्तूबर को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति समित गोपाल ने अफजाल अंसारी की याचिका पर दिया है। याची की ओर से अधिवक्ता उपेन्द्र उपाध्याय ने बहस की।
याची की ओर से तर्क दिया गया कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्या केस में वह बरी हो चुका है।
इस आधार पर एमपीएमएलए विशेष अदालत में चल रहे गैंग्स्टर एक्ट केस को समाप्त करने की अर्जी दी। जो खारिज कर दी गई। हाईकोर्ट में उसे चुनौती दी गई है।
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल के साथ ही 2007 में अफजाल अंसारी के खिलाफ कृष्णानंद राय कह हत्या का दर्ज हुआ था।
उसी के आधार पर गैंगस्टर का मुकदमा कायम किया गया है। दलील दी गई सिर्फ एक मुकदमे के आधार पर गैंगस्टर अधिनियम में केस नहीं चलाया जा सकता। याचिका में गिरोह बंद कानून के तहत कार्यवाही को रद किए जाने की मांग की गई हैं।