Shri Krishna Janmabhoomi Case: ज्ञानवापी की तर्ज पर न्यायालय ने मांगी ईदगाह की अमीन रिपोर्ट
Sri Krishna Janmabhoomi Case: श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में हिंदू सेना के वाद पर सिविल जज सीनियर डिवीजन (तृतीय) न्यायालय ने अमीन सर्वे का आदेश दिया है। अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तिथि तय की है। ऐसा ही आदेश पूर्व में वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के लिए दिया गया था।
8 दिसंबर को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिल्ली निवासी विष्णु गुप्ता और उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह ने सिविल जज सीनियर डिवीजन ("तृतीय), सोनिका वर्मा के न्यायालय में वाद दायर कर श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की थी।
इस मामले में आठ दिसंबर को ही न्यायालय ने अमीन रिपोर्ट मंगाने के आदेश कर दिए। वादी के अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तिथि नियत की है। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में अब तक 13 वाद दायर हो चुके हैं। इनमें दो वाद पूर्व में न्यायालय ने खारिज किए थे।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में जिला जज के न्यायालय उपस्थित न होने के कारण नहीं हो सकी सुनवाई। अब इस मामले में 12 जनवरी की तिथि तय। अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह की अपील पर सुनवाई होनी थी।
महेंद्र प्रताप ने श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से शाही मस्जिद ईदगाह हटाने की मांग की थी। इस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय ने पहले पोषणीयता के बिंदु पर सुनवाई के निर्णय दिया था। इसके विरुद्ध वादी ने जिला जज के न्यायालय में अपील दायर की थी।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामले में ताजा घटनाक्रम में मथुरा जिला अदालत ने शनिवार को मस्जिद परिसर का आधिकारिक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 20 जनवरी, 2023 है।
सिविल जज सीनियर डिवीजन ने हिंदू पक्ष की अपील पर विवादित स्थल के सर्वे का आदेश जारी किया। 20 जनवरी तक कोर्ट को रिपोर्ट देनी होगी। कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को नोटिस जारी किया है। हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि ईदगाह मस्जिद का निर्माण मुगल बादशाह औरंगजेब ने भगवान कृष्ण की जन्मस्थली 13.37 एकड़ जमीन पर एक मंदिर को तोड़कर किया था।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि यह आदेश उसी तर्ज पर है जैसे वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियो-ग्राफिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 20 जनवरी की तारीख तय की है।
8 दिसंबर को हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और दिल्ली निवासी उपाध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने अदालत में दावा किया था कि ईदगाह का निर्माण तत्कालीन मुगल बादशाह औरंगजेब ने भगवान कृष्ण की जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन पर बने मंदिर को तोड़कर किया था।