जालसाज ने लखीमपुर की महिला आरक्षी से की 12 लाख की ठगी

लखनऊ में तैनात सिपाही बताकर की 12 लाख की ठगी, प्लाट दिलाने की थी डील

 
The fraudster cheated the lady constable of Lakhimpur of 12 lakhs
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लखीमपुर में तैनात महिला आरक्षी से प्लाट दिलाने के नाम पर 12 लाख की ठगी कर ली गई है। इस मामले में दो सिपाही भी लाइन हाजिर किए गए हैं। आरोपित ने खुद को लखनऊ में तैनात सिपाही बताकर महिला आरक्षी को झांसे में लिया था।

लखीमपुर। मितौली थाने में तैनात महिला आरक्षी गायत्री देवी से 12 लाख रुपये ठगी किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ये ठगी महिला आरक्षी को लखनऊ में प्लाट दिलाने के नाम पर की गई। ठगी करने वाले व्यक्ति ने खुद को लखनऊ में तैनात सिपाही बताकर महिला आरक्षी को झांसे में लिया था।

मामले में मितौली थाने के दो सिपाहियों की भी लापरवाही सामने आई है, जिस पर उन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया है। आइजी लखनऊ रेंज लक्ष्मी सिंह ने मामले का संज्ञान लेते हुए सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने घटना का राजफाश करने के लिए मितौली इंस्पेक्टर सुनीत कुमार को दो दिन का समय दिया है।

महिला आरक्षी सिपाही गायत्री देवी ने बताया कि करीब एक वर्ष पूर्व उसके पास मोबाइल नंबर 7084091065 से फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम राजन वर्मा निवासी मिदनियां, कोतवाली सदर लखीमपुर बताया।

उसने खुद को पुलिस विभाग का आरक्षी बताया और कहा कि वर्तमान में उसकी तैनाती अपर पुलिस महानिदेशक कार्यालय लखनऊ में है।

उसने गायत्री को बताया कि उसके कुछ नजदीकी लखनऊ में जानकीपुरम क्षेत्र के अटल बिहारी चौराहे के निकट फ्री होल्ड प्लाटिंग कर रहे हैं। राजन ने गायत्री को किश्तों पर प्लाट दिलाने का झांसा दिया।

जब गायत्री राजी हो गईं तो राजन वर्मा ने उनसे कहा कि प्लाट की कुल कीमत 80 लाख रुपये है। पहले आठ लाख की व्यवस्था करके दे दो। इस पर गायत्री ने पर्सनल लोन लेकर राजन के बताए अकाउंट नंबर जो किसी महिला आरक्षी शालिनी कटियार के नाम से था, उसमें बीती 25 अगस्त को सात लाख रुपये ट्रांसफर किए।

इसके बाद राजन ने विभिन्न तिथियों में कुल पांच लाख नकद रुपये भी गायत्री से ले लिए। इस दौरान राजन वर्मा अक्सर गायत्री के मितौली स्थित आवास पर भी आता रहा।

बीती 10 अक्टूबर को जब गायत्री ने उससे प्लाट की रजिस्ट्री की बात कही तो उसने अभद्रता करते हुए धमकी देकर प्लाट व पैसा देने से इन्कार कर दिया। तब गायत्री ने मामले की एफआइआर बीते दिनों दर्ज कराई।

मामले में मितौली थाने के जिन दो सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है, उनसे राजन ने खुद को सिपाही बताकर दोस्ती कर ली थी, जिससे अन्य लोगों को भी ये लगा कि राजन भी पुलिस में ही है, जबकि ये सत्य नहीं है। मितौली इंस्पेक्टर को घटना के राजफाश के लिए दो दिन का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक

मामले में मितौली थाने के जिन दो सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है, उनसे राजन ने खुद को सिपाही बताकर दोस्ती कर ली थी, जिससे अन्य लोगों को भी ये लगा कि राजन भी पुलिस में ही है, जबकि ये सत्य नहीं है। मितौली इंस्पेक्टर को घटना के राजफाश के लिए दो दिन का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक  मामले में मितौली थाने के जिन दो सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है, उनसे राजन ने खुद को सिपाही बताकर दोस्ती कर ली थी, जिससे अन्य लोगों को भी ये लगा कि राजन भी पुलिस में ही है, जबकि ये सत्य नहीं है। मितौली इंस्पेक्टर को घटना के राजफाश के लिए दो दिन का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक  मामले में मितौली थाने के जिन दो सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है, उनसे राजन ने खुद को सिपाही बताकर दोस्ती कर ली थी, जिससे अन्य लोगों को भी ये लगा कि राजन भी पुलिस में ही है, जबकि ये सत्य नहीं है। मितौली इंस्पेक्टर को घटना के राजफाश के लिए दो दिन का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक  मामले में मितौली थाने के जिन दो सिपाहियों को लाइन हाजिर किया गया है, उनसे राजन ने खुद को सिपाही बताकर दोस्ती कर ली थी, जिससे अन्य लोगों को भी ये लगा कि राजन भी पुलिस में ही है, जबकि ये सत्य नहीं है। मितौली इंस्पेक्टर को घटना के राजफाश के लिए दो दिन का समय दिया गया है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। - अरुण कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक