Varanasi Crime News: बिल्डर और गुंडों का गठजोड़, कानून पर पड़ रहा भारी
* न्यायालय से स्थगनादेश होने के बावजूद रात के अंधेरे में तोड़वाने लगे विवादित संपत्ति
* सूचना पर पहुंची पुलिस ने काम तो रुकवा दिया, मगर नही किया दोषियों पर कोई कार्रवाई
* दबंगो की दबंगई ऐसी कि माननीय न्यायालय को दिखा रहे ठेंगा
Varanasi Crime News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में दंबग बिल्डरों और बदमाशों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। जो माननीय न्यायालय को भी ठेंगा दिखाने से बाज नही आ रहे है। वहीं ताकत और अवैध पैसों का साथ यानी बिल्डर और गुंडों का गठजोड़ कानून पर भारी पड़ता दिख रहा है।
जिसका जीता जागता उदाहरण बीते 24 जनवरी को चौक थाना क्षेत्र के दालमंडी घुंघरानी गली में स्थित कटरे की दुकानों को रात में जिस तरह से ढहाने की कोशिश की गई वो बताने के लिए काफी है कि बिल्डर व बदमाशो का गठजोड़ किसी तरह से कानून पर भारी पड़ रहा है।
बताते चले कि खासकर दालमंडी सहित आसपास के इलाकों में इनका वर्चस्व कायम है। जहां इन दबंग बिल्डरों व भवन स्वामियों के द्वारा मानक के विपरीत अवैध व्यवसायिक भवनों के निर्माण कराकर लाखो करोड़ो की अवैध कमाई भी की जाती है।
यदि इनका विरोध किसी ने किया तो उसे भी धमकी, मारपीट और जरूरत पड़ने पर जान से मार देना इनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है। बीते डेढ़ दशक पहले पुराने मकानों को ढहा कर कटरा बनवाने यानी 60-40 का खेल आज चरम पर पहुंच चुका है, जहां बिना नक्शा पास कराये संकरी गलियों में कुतुबमीनार की तरह बिल्डिंग को तान देना इस गठजोड़ के लिए कोई बड़ी बात नहीं है।
यहां तनने वाले तकरीबन हर कटरा मकान के पीछे यही कहानी है पैसे की ताकत और गन प्वाइंट के चलते कई ज़बान खामोश है । अगर सही तरीके से मामलों की छानबीन की जाए और खौफजदा जुबानें खुल जाएं तो करोड़ों के मुनाफे के इस गैरकानूनी खेल में कई लोग जेल की सलाखों के पीछे नजर आएंगे।
ताज़ा मामला विगत 24 जनवरी का है जहां थाना चौक दालमंडी घुंघरानी गली स्थित कभी अरविंद सिंह का कटरा नाम से जाने व पहचानने जाने वाले मकान नं सी. के 40/68, 69, 70 के मालिक सईदुर्रहमान उर्फ बाबू पत्ते वाले थे उनके इंतकाल के बाद उनके साहबजादों गुलजार, अंसार, जमाल, कमाल, अफजाल वगैरह ने इलाके के ही बिल्डर हारिस, नफीस, सुल्तान के साथ होकर करोड़ों कमाने का खेल शुरू किया।
सूत्रों की बातों पर यदि यकीन करें तो इसी कटरे बनवाने को लेकर एक बिल्डर एग्रीमेंट नईसड़क के भी एक बिल्डर से किया गया है। इस कटरे में बने दुकानों में तकरीबन 40 साल से आबाद दुकानदार इस राह में बाधा बन रहे थे। दुकानदारों का कहना है उन्हें हटाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से खेल खेला गया।
दुकानदारों को धमकाया - डराया जाने लगा तो दुकानदारों ने अदालत की शरण ली। अदालत ने दुकानदार सुखा देवी बनाम गुलजार अहमद वगैरह, निजामुद्दीन बनाम गुलजार अहमद के मामले में 18 नवंबर 2022 को स्थगनादेश भी दिया है।
अदालत के आदेश की अवमानना करते हुए बीते 24 जनवरी की रात बिल्डर और इलाके के ही दबंग बदमाशों की टोली ने भाड़े के मजदूरों को ले जाकर कटरे में तोड़ फोड़ करना शुरू कर दिया। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे दुकानदारों ने पुलिस को फोन किया। पुलिस मौके पर पहुंची तो मौके पर मौजूद सभी भाग खड़े हुए।
इस घटना के बाद से दुकानदार खौफजदा हैं उनका कहना है कभी भी किसी के साथ कोई अनहोनी हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ दुकानदारों ने मुख्यमंत्री सहित सूबे के आला अधिकारियों को प्रार्थना पत्र भेजकर अपने जान - माल की रक्षा की गुहार लगाई है।
अब देखना यह है कि अदालत और कानून को ठेंगा दिखाने वाले बिल्डरों और इनके काम में हर तरह से मददगार गुंडों के खिलाफ कोई कार्रवाई होती है या नहीं, यह तो भविष्य के गर्भ में है।
फिलहाल तफ्तीश जारी है।