Varanasi News: यहां है दो-दो व्यापार मण्डल, मगर शौचालय एक भी नही
व्यापार मण्डल के साथ ही क्षेत्रीय पार्षद भी बने हुए है निरंकुश

Varanasi News: वाराणसी। पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी कहे जाने वाली दालमंडी जो व्यापार मंडल के साथ ही क्षेत्रीय पार्षद के भी निरंकुशता का शिकार बनी हुई है। कहने को तो ये पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी कही जाती है, परन्तु यहां एक शौचालय की भी व्यवस्था नही दी गई है। जिसके कारण यहां के व्यापारियों व खरीददारी करने आने वाले ग्राहकों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
वहीं देश के प्रधानमंत्री व वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी के द्वारा स्वच्छता अभियान चलाकर आमजन के हितों के लिये जगह जगह शौचालय की व्यवस्था की गई और वर्तमान में भी किया जा रहा है, परन्तु उन्ही के संसदीय क्षेत्र का यह व्यापारिक इलाका एक शौचालय की बाट जोह रहा है।
बताते चले कि इसी दालमंडी में स्थित गुदड़ी स्कूल के सामने एक शौचालय का निर्माण तो कराया गया, परन्तु सुविधाओ को उससे कोसो दूर रखा गया, साथ ही वहीं आस पास के व्यापारियों के द्वारा उस कब्जा भी किया जा चुका है। वहीं क्षेत्रीय पार्षद अपने इलाके में जनहित में काम करने का छाती तो पीटते है मगर उनके दावो की यह शौचालय पोल खोलता नजर आ रहा है।
वहीं दूसरी ओर इसी दालमंडी व आस पास के क्षेत्र के व्यापारियों के हित की बात करने के लिये एक बनारस व्यापार मण्डल का गठन अर्सा कई साल पहले किया गया, जिसका चुनाव भी विगत माह पूर्व बड़े जोर शोर से हुआ और व्यापारियों ने अपने वोट के जरिये अपना नेता भी चुना, परन्तु चुने गये पदाधिकारी भी इस ओर अपना ध्यान आकृष्ट करना नही चाहते।
वहीं इस व्यापार मण्डल के विरुद्ध एक दूसरा व्यापार मंडल, न्यू बनारस व्यापार समिति का गठन इसी दालमंडी के व्यापारियों व लोगो के द्वारा किया गया जिसमें दर्जन भर से ज्यादा पदाधिकारियों को नियुक्त किया गया, जिनका प्रमुख कार्य बनारस व्यापार मण्डल का विरोध करना ही रह गया, जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यहां सिर्फ दूसरे व्यापार मंडल का विरोध ही करना है न कि व्यापारी हित मे काम करना।
इन सबके बीच यहां का व्यापारी अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहा है। वहीं यदि आप इस मंडी में एक बार सिर्फ घूम आइये तो आपको यहां की कमियां नजर आ जाएंगी।
अब अगर व्यापारियों की बात करे तो कुछ व्यापारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहले की अपेक्षा अब हम लोगो का कारोबार बहुत कम हो गया है जिसका कारण यह है कि इस क्षेत्र में न तो पानी की व्यवस्था है और न ही शौचालय की। आने वाले ग्राहकों को यदि मूत्र त्याग करने की आवश्यकता होती है तो वो दूसरी मार्केट सराय हड़हा का रुख करते है क्योंकि उन्हें वहां पर पानी के साथ शौचालय भी उपलब्ध हो जाता है।
अब देखना यह है कि आखिर कब इस मंडी का कायाकल्प होगा या फिर क्षेत्रीय पार्षद के साथ ही व्यापार मंडल और व्यापार समिति के द्वारा ये व्यापारी अपने आपको ठगा ही महसूस करता रहेगा।