Afzal Ansari: ऊपर से आया था अफजाल अंसारी को फंसाने का फरमान, हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान वकीलों ने किया दावा
Afzal Ansari: गैंगस्टर की सजा पर गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी के वकीलों की इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही बहस मंगलवार को पूरी हो गई। बुधवार से अभियोजन पक्ष दलीलें पेश करेगा। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की कोर्ट में करीब दो घंटे चली बहस के दौरान अफजाल के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता दयाशंकर मिश्रा और उपेंद्र उपाध्याय ने कहा, अफजाल अंसारी समेत तीन लोगों को फंसाने का फरमान ऊपर से आया था।
जबकि, कृष्णानंद राय हत्याकांड में कुल सात मुल्जिम थे। इसमें से अफजाल अंसारी बरी हो चुके हैं। बाकी दो मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक की मौत हो चुकी है। अफजाल अंसारी ने गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट से गैंगस्टर मामले में मिली चार वर्ष की कैद की सजा पर रोक लगाने जबकि अभियोजन पक्ष की ओर से सजा बढ़ाने की अपील दाखिल हुई है।
इससे पहले अफजाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी ने पक्ष रखते हुए उन्हे बेगुनाह बताया था। तत्कालीन थाना प्रभारी राम दरस यादव के कोर्ट में दर्ज बयानों का हवाला देते हुए दलील दी गई कि अपने बयानों में थाना प्रभारी ने खुद कहा कि उसकी तैनाती के दौरान जनता की ओर से लिखित या मौखिक कोई भी शिकायत नहीं मिली।
गैंगस्टर मामले में ऊपर से आए फरमान के आधार पर गैंग चार्ट तैयार कर उसके अनुमोदन की मांग की गई थी।अफजाल, मुख्तार और बहनोई एजाजुल हक राजनीतिक हस्तियां है। इन्हें जनता ने कई बार प्रचंड बहुमत से चुनाव जिताया है।
इसलिए अभियोजन का यह तर्क कि समाज में इनका भय व्याप्त था, बेबुनियाद और राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। ट्रायल कोर्ट ने थाना प्रभारी के इस बयान का जिक्र अपने दंडादेश में किया ही नहीं। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय के हत्याकांड के एकमात्र मामले के आधार पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है।
जबकि इस मामले में अफजाल अंसारी बरी हो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के फरहाना केस में निर्धारित विधि व्यवस्था के मुताबिक अफजाल के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई नहीं हो सकती। कृष्णानंद राय के भाई राम नारायण राय के बयान के आधार पर गैंगस्टर मामले में सजा सुनाई गई है, जबकि कृष्णानंद राय हत्याकांड के ट्रायल ने इनकी गवाही झूठी करार दी गई थी। इसलिए मौजूदा मामले में इनकी गवाही अविश्वनीय है।