Amarmani Tripathi: अपहरण के मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के पीछे लगी स्पेशल टीम, संपति होगी कुर्क
Amarmani Tripathi case : 22 साल पुराने अपहरण के मामले में हाजिर न होने पर कोर्ट के सख्त रुख को देखते हुए पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के घर की कुर्की की तैयारियां तेज हो गई हैं। पिछली तारीख पर भी कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर एमपी-एमएलए कोर्ट की सख्ती के बाद प्रशासन इस बार पूरी तरह चौकन्ना है।
सीआरपीसी की धारा-82 की कार्रवाई होने के बाद अब 83 (कुर्की) के आदेश का अनुपालन कराने के लिए बुधवार को एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने सीओ सिटी के पर्यवेक्षण में नई विशेष टीम गठित कर दी है।
इसमें मामले के विवेचक एसएचओ कोतवाली, इंस्पेक्टर स्वाट, प्रभारी एसओजी, प्रभारी महिला थाना और चौकी इंचार्ज सिविल लाइन को शामिल किया गया है। कोर्ट ने कुर्की का आदेश देने के साथ ही नई टीम बनाकर कुर्की कराने का आदेश भी दिया था।
बीते दो दिसंबर को सप्तम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए प्रमोद कुमार गिरि की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करने बाद इस मामले में फरार चल रहे अमरमणि के घर के कुर्की का आदेश दिया था।
बचाव पक्ष की ओर से मांगी गई मोहलत को एडीजे ने खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि पुलिस अधीक्षक एक नई स्पेशल पुलिस टीम गठित करके अभियुक्त अमरमणि त्रिपाठी की चल-अचल संपत्ति का पता लगाकर उसकी कुर्की कराकर समूची कार्रवाई का ब्योरा अगली सुनवाई की तिथि पर कोर्ट में पेश करें।
इस प्रकरण की अगली सुनवाई अब 20 दिसंबर को होनी है। छह दिसंबर वर्ष 2001 में बस्ती कोतवाली क्षेत्र के गांधीनगर के धर्मराज गुप्ता के बेटे का अपहरण हो गया था। तत्कालीन विधायक अमरमणि त्रिपाठी के लखनऊ स्थित आवास से पुलिस ने धर्मराज के बेटे को बरामद किया था।
इस मामले में अमरमणि त्रिपाठी समेत नौ लोग आरोपित रहे हैं। इनमें पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के खिलाफ 83 सीआरपीसी और नैनीश शर्मा, शिवम उर्फ रामयज्ञ के खिलाफ कोर्ट ने पहले ही भगोड़ा घोषित कर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।