Atik Ahmad: अतीक गैंग को फंडिंग करता है पासर गिरोह का सरगना उस्मान, कई जिलों में है नेटवर्क
Atik Ahmad: पांच-पांच लाख रुपये के इनामी शूटरों की तलाश के साथ ही पुलिस व एसटीएफ की टीम अतीक गैंग से जुड़े हर सदस्य के बारे में छानबीन कर रही है। अब पता चला है कि पूरामुफ्ती थाना क्षेत्र के हटवा गांव का उस्मान छर्रा अतीक गैंग के लिए फंडिंग करता है।
वह बालू, गिट्टी लदे वाहनों को अवैध तरीके से पास कराने वाले (पासर) गैंग का सरगना है। उसका नेटवर्क प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़ समेत कई जिलों में फैला हुआ है। तमाम पुलिस वालों से भी उसके गहरे संबंध हैं, जो उसके ओवरलोड वाहनों को छूट देते हैं।
बताया जाता है कि उस्मान छर्रा के खिलाफ गुजरात में 17 मुकदमे दर्ज हैं। उस पर पोटा के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है। माफिया के साबरमती जेल में निरुद्ध होने के बाद उसने एक फ्लैट भी गुजरात में लिया था, जहां अतीक के गुर्गे ठहरते थे। उस्मान छर्रा करीबियों की अतीक से मुलाकात कराने के साथ ही संरक्षण देने का काम करता था। उमेश पाल और उनके दो सरकारी गनर की हत्या के बाद जब उस्मान छर्रा की तलाश तेज हुई तो वह फरार हो गया।
पुलिस और एसटीएफ को उसके आय के स्रोत, अवैध धंधे, फंडिंग सहित अतीक गैंग से कनेक्शन का पता चला है। यह बात भी सामने आई कि उस्मान से जुड़े कुछ शख्स पूरामुफ्ती, धूमनगंज से लेकर झूंसी थाना क्षेत्र में भी अवैध तरीके से चलने वाले वाहनों को पास कराते हैं।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि करीब चार साल पहले उस्मान छर्रा ने अलग-अलग नाम से 45 ट्रक खरीदे। इसके बाद उन वाहनों को बालू, गिट्टी के अवैध परिवहन व पशु तस्करी के मामले में लगा दिया। उसके वाहनों को पास करने के लिए ‘भाईजान 786’ कोड बोला जाता है। खासकर चेकिंग के दौरान इस कोड का इस्तेमाल किया जाता था। पुलिस व आरटीओ विभाग के कुछ कर्मचारियों से उस्मान की साठगांठ थी।
छानबीन के दौरान यह भी पता चला है कि हाईवे के थानों से उस्मान की अच्छी सेटिंग है। बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, प्रतापगढ़ समेत अन्य जिलों के लिए जाने वाले हाईवे पर उसके वाहनों की चेकिंग नहीं होती है। कोखराज, पूरामुफ्ती, सोरांव, नवाबंज, हथिगवां सहित कई थानों के कारखास पुलिसकर्मियों से उस्मान गैंग से जुड़े लोगों के गहरे संबंध हैं।