Atiq Ahmad: अतीक और अशरफ से आमने-सामने बैठाकर होगी असद और शाइस्ता के बारे में पूछताछ

 
Atiq Ahamad: Atiq and Ashraf will be questioned about Asad and Shaista by sitting face to face
Whatsapp Channel Join Now
उमेश पाल हत्याकांड में रिमांड पर लिए जाने के बाद तीन शिफ्ट में माफिया अतीक और अशरफ से पुलिस पूछताछ करेगी। वारदात को 47 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी तमाम सवालों के जवाब पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी है।

Atiq Ahamad: उमेश पाल हत्याकांड में बी वारंट पर लाए गए माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ से पूछताछ के लिए पुलिस अफसरों की स्पेशल टीम तैयार कर ली गई है। कस्टडी रिमांड पर लिए जाने के दौरान उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े राज उगलवाने के लिए उससे पूछे जाने वाले दो सौ सवालों की फेहरिश्त तैयार की गई है।

इस दौरान पुलिस की विशेष टीम दोनों भाइयों से फरार चल रहे पांच लाख के इनामी शूटर असद अहमद समेत अन्य शूटरों व शाइस्ता परवीन के असल ठिकानों का पता पूछेगी। साथ ही सवालों के जरिए हत्याकांड की साजिश के अनसुलझे तारों की गुत्थियां भी खोली जाएंगी।

Atiq Ahamad: Atiq and Ashraf will be questioned about Asad and Shaista by sitting face to face

उमेश पाल हत्याकांड की जांच में जुटी धूमनगंज पुलिस का दावा है कि अब तक कि विवेचना में इस बात के अहम सबूत मिले हैं कि इसकी साजिश साबरमती जेल में बंद अतीक और बरेली जेल में बंद अशरफ ने ही रची। यही वजह है कि अब दोनों को कस्टडी रिमांड पर लिए जाने की तैयारी है। इसके लिए तेज तर्रार अफसरों की टीम बनाई गई है।

Atiq Ahamad: Atiq and Ashraf will be questioned about Asad and Shaista by sitting face to face

सूत्रों का कहना है कि रिमांड पर लिए जाने के बाद तीन शिफ्ट में अतीक और अशरफ से पूछताछ की जाएगी। वारदात को 47 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब भी तमाम सवालों के जवाब पुलिस नहीं ढूंढ़ सकी है। कई ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब ढूंढ़े बिना हत्याकांड की विवेचना पूरी होना पुलिस के लिए आसान नहीं होगा। 

कचहरी परिसर छावनी में रहेगा तब्दील - उधर अतीक व अशरफ की पेशी को देखते हुए बृहस्पतिवार को कचहरी परिसर में कड़े सुरक्षा प्रबंध करने का निर्णय लिया गया है। कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं व वादकारियों को ही जाने की अनुमति होगी। सुरक्षा के मद्देनजर पीएसी के साथ ही आरएएफ की भी तैनाती की जाएगी। इसके अलावा सादे कपड़ों में एलआईयू की टीम भी तैनात रहेगी जो हर गतिविधि की टोह लेती रहेगी। 

Atiq Ahamad: Atiq and Ashraf will be questioned about Asad and Shaista by sitting face to face

उधर दोनों भाइयों को जेल से न्यायालय तक लाने के दौरान भी पुलिस वाहन एस्कॉर्ट में लगाया जाएगा। गौरतलब है कि पिछली बार दोनों की पेशी के दौरान कुछ अधिवक्ताओं की ओर से भी नारेबाजी की गई थी। ऐसे में इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। 

सात से 14 दिनों की मांगी जा सकती है रिमांड - पुलिस सूत्रों का कहना है कि कोर्ट में अतीक व अशरफ को सात से 14 दिनों तक कस्टडी रिमांड पर देने की अर्जी दी जा सकती है। गौरतलब है कि अतीक व अशरफ से पूछताछ के दौरान ही पुलिस को इस मामले में अहम सबूत इकट्ठा कर कड़ी से कड़ी भी जोड़ना है। ऐसे में उनसे गहन पूछताछ बेहद जरूरी है।

Atiq Ahamad: Atiq and Ashraf will be questioned about Asad and Shaista by sitting face to face

हत्या के प्रयास, मारपीट व षड़यंत्र में अतीक के करीबी की जमानत अर्जी खारिज - उधर, इलाहाबाद जिला न्यायालय की विशेष अदालत (एमपीएमएलए) डॉ. दिनेश चंद्र शुक्ल ने हत्या के प्रयास, मारपीट व आपराधिक षड़यंत्र में अतीक के करीबी मोहम्मद अमन पुत्र नफीस की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।

अदालत ने कहा कि याची पर लगाए गए आरोप गंभीर प्रकृति के हैं। उसने आठ लोगों के साथ वादी मुकदमा और उसकी कार पर हमला किया। मामले में याची सहित अन्य सह अभियुक्तों पर सौ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। लिहाजा, वह जमानत का हकदार नहीं है।

Atiq Ahamad: Atiq and Ashraf will be questioned about Asad and Shaista by sitting face to face

मामले में अतीक और उसके पुत्र अली सहित कुल आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है। याची सहित अन्य सभी सह अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने मोहम्मद जीशान और उसके मित्र आचल कुमार भारतीया व नाजिम की कार पर हमला बोल दिया। तीनों ने केले के खेत में भागकर अपनी जान बचाई।

आरोपियों ने जान से मारने की नियत से फायरिंग की। घटना के मामले में वादी मुकदमा जीशान ने थाना पुरामुफ्ती में 31 जुलाई 2022 को प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। याची की ओर से तर्क दिया गया कि उसे झूठा फंसाया गया है। वह निर्दोष है और साजिशन उसका नाम प्राथमिकी में लिखाया गया है।

वादी मुकदमा माफिया अतीक का रिश्तेदार है और कार्रवाई से बचने के लिए प्रशासन के इशारे पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। सहायक शासकीय अधिवक्ता सुशील कुमार वैश्य और वादी मुकदमा के अधिवक्ता विक्रम सिन्हा ने तर्क दिया कि आरोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से जान से मारने की नियत से हमला किया। याची का आपराधिक इतिहास है। लिहाजा, जमानत अर्जी खारिज की जाए।