Atique Ahmed News: उमेश अपहरण केस में अतीक समेत सभी दोषी करार, रोने लगा अशरफ
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Atique Ahmad News: उमेश पाल अपहरण मामले में प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। मामले में अतीक, अशरफ सहित कुल 11 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अतीक अहमद, अशरफ अहमद, दिनेश पासी, जावेद, इसरार, फरहान, खान सौलत हनीफ, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को दोषी करार दिया है।
फैसला सुनते ही अशरफ कोर्ट रूम में रोने लगा। फैसले के बाद कोर्ट मे अपने सिर पर हाथ रख लिया। उमेश पाल अपहरण केस में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने माफिया अतीक अहमद और अशरफ समेत सभी 11 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं।
माफिया से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद को लेकर पुलिस प्रयागराज की MP-MLA कोर्ट पहुंची। कोर्ट के बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई। पुलिस की टीम माफिया अतीक, उसके भाई अशरफ और फरहान को कोर्ट लेकर पहुंच गई है। कोर्ट के बाहर गमहागहमी बढ़ गई है।
एमपी-एमएलए कोर्ट में जाने के लिए अधिवक्ता और पुलिस प्रशासन के बीच नोंकझोक हो गई। अतीक और अशरफ कोर्ट में पेश के लिए जेल से निकल गए हैं। जज दिनेश चंद्र शुक्ल कोर्ट रूम में मौजूद हैं।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक कार्यालय के पास माफिया अतीक अहमद उसका भाई अशरफ और फरहान पहुंच गए हैं। यहीं पर तीनों का मेडिकल कर कागजी कार्रवाई पूरी की जाएगी। सूत्रों की मानें तो अतीक को वज्र से नहीं एंबुलेंस से भेजा जाएगा। अतीक और अशरफ की तरफ से 19 वकील जिरह करेंगे।
उमेश पाल की पत्नी जया पाल ने कहा कि मैं कोर्ट से यही उम्मीद करती हूं कि उसको(अतीक अहमद) फांसी की सज़ा दिलाई जाए। जब तक जड़ खत्म नहीं होगी तब तक कुछ नहीं हो पाएगा। हम डर के साए में जी रहे हैं। उधर, प्रयागराज में उमेश पाल के आवास के बाहर सुरक्षा तैनात की गई है।
फैसले से पहले प्रयागराज में उमेश पाल की मां शांती देवी ने कहा कि मेरे बेटे ने बहुत संघर्ष किया है। जेल उसका (अतीक अहमद) घर है और वहां से वो कुछ भी करा सकता है। प्रशासन ने अभी तक जो भी कुछ किया है उससे हम संतुष्ट हैं। मेरी यही मांग है कि उसको फांसी की सजा हो।
बदमाशों ने 24 फरवरी को उमेश की हत्या की थी
उमेश सुनवाई के बाद तकरीबन साढ़े चार बजे जैसे ही घर पहुंचे, बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी। इस मामले में भी अतीक, अशरफ, अतीक के बेटे सहित उसकी पत्नी को आरोपी बनाया गया। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुशील वैश्य के मुताबिक इस मामले में कोर्ट ने 17 फरवरी को सुनवाई पूरी कर ली थी और 28 फरवरी को फैसला सुनाने की तिथि निर्धारित की है। जिला शासकीय अधिवक्ता अपराध गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि मामला संवेदनशील होने की वजह से पुलिस कमिश्नर से कचहरी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पत्र लिखा गया है।
कोर्ट ने तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए ट्रायल कोर्ट को दो महीने में सुनवाई पूरी करने का आदेश दिया था। उसके बाद से ही उमेश पाल अपहरण कांड में रोजाना सुनवाई होने लगी। 24 फरवरी को जिस दिन उमेश पाल की हत्या हुई, इसी केस के सिलसिले में वह कोर्ट से ही लौटे थे। उस दिन बचाव पक्ष की ओर से बहस हो रही थी।
इसके बाद अभियोजन की ओर से कुल आठ गवाह पेश किए गए। जिसमें खुद उमेश पाल और उसके एक रिश्तेदार के अलावा दो जांच अधिकारियों के साथ छह पुलिस कर्मी शामिल थे। पक्षकारों की तरफ से (अतीक अहमद, अशरफ सहित अन्य आरोपियों) अपने बचाव के लिए कुल 54 गवाह पेश किए गए। केस की सुनवाई में देरी होने पर वादी उमेश पाल ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर केस की सुनवाई जल्दी पूरी करने की मांग की।
धूमनगंज पुलिस ने उमेश पाल की तहरीर पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 364, 323, 341, 342, 504, 506, 34, 120बी और सेवन सीएल अमेंडमेंट एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान जावेद उर्फ बज्जू, फरहान, आबिद, इसरार, आसिफ उर्फ मल्ली, एजाज अख्तर का नाम सामने आया। पुलिस की रिपोर्ट दाखिल होने के बाद कोर्ट ने 2009 में आरोप तय कर दिए।
आरोपी अंसार बाबा की पहले ही मौत हो चुकी है। कोर्ट के आदेश पर बाकी सभी आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके लिए जिला कचहरी परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। मामले में उमेश पाल ने पांच जुलाई 2007 को धूमनगंज थाने में उस समय सांसद रहे अतीक अहमद, उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, दिनेश पासी, खान सौकत हनीफ, अंसार बाबा के खिलाफ अपहरण कर विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले में अपने पक्ष में बयान करने का आरोप लगाया था।
विधायक राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के मामले में 17 साल बाद अदालत अपना फैसला सुनाया। जिला न्यायालय की स्पेशल कोर्ट एमपीएमएलए ने 17 मार्च को सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाने के लिए 28 मार्च की तारीख तय की थी। मामले में अतीक, अशरफ सहित कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था।