BHU Varanasi: कोरोना काल में सीधे मरीजों को मिली दवाइयां, कैग की रिपोर्ट के बाद अस्पताल ने दी सफाई
BHU Varanasi: बीएचयू अस्पताल में कोरोना काल (सत्र 2019-20 से 2021-22) के दौरान दवाओं, उपकरणों आदि की खरीद में कैग की रिपोर्ट में गड़बड़ी पकड़ में आने के मामले में अस्पताल प्रशासन ने चौंकाने वाली सफाई दी है। चिकित्साधीक्षक कार्यालय में सहायक कुलसचिव ने जो सफाई जारी की है, उसमें बताया है कि कोविड काल में दवाओं की आपूर्ति सबंधित फर्म द्वारा सीधे मरीजों को की जा रही थी।
बिलों की संख्या अधिक होने की वजह से उसको संकलित करने एवं क्रय आदेश एवं भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने में बहुत समय लगा। कोविड काल से संबंधित इस भुगतान को बाद में किया गया। वर्ष 2024 में प्रधान निदेशक लेखा परीक्षा केंद्रीय लखनऊ कार्यालय की ओर से 2019-20 से 2021-22 तक अस्पताल में खरीद से जुड़े लेखा अभिलेखों की जांच के बाद कई तरह की गड़बड़ी की रिपोर्ट जारी की गई थी।
इसमें बीएचयू अस्पताल में दवाओं के साथ ही उपकरणों आदि के खरीद में नियमों की अनदेखी का भी जिक्र है। रिपोर्ट को शिक्षा मंत्रालय को भी भेजा गया है। सहायक कुलसचिव ने जो सफाई जारी की है, उसकी कॉपी आईएमएस बीएचयू निदेशक, कुलसचिव, चिकित्साधीक्षक को भी दी है।
इसमें बताया है कि कोविड काल में वार्डों में प्रवेश प्रतिबंधित था। चिकित्सालय के बहुत सारे कर्मचारी भी महामारी से ग्रसित थे। ऐसे में चिकित्सालय ने अपने सीमित उपलब्ध संसाधनों का उपयोग व्यापक रूप से करके महामारी से होने वाली जनहानि से लोगों को बचाया। अगर ऐसा नहीं किया जाता तो व्यापक राजनैतिक एवं सामाजिक दुष्परिणाम होते।
बीएचयू अस्पताल में एनीस्थीसिया वर्क स्टेशन बनवाने में 1.72 करोड़ रुपये खर्च होने के बारे में सहायक कुलसचिव ने बताया है कि वर्कस्टेशन जो गंभीर मरीजों की जीवन रक्षा के लिये अत्यन्त आवश्यक है। इसलिए उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण का क्रय ई-प्रोक्योरमेंट के माध्यम से उचित प्रक्रिया के तहत किया गया है।
सभी खरीदारी का आदेश बीएचयू वित्ताधिकारी की ओर से पंजीकृत है। हालांकि मानव जीवन अमूल्य है, इस वजह से उससे किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता था। सहायक कुलसचिव ने अपनी सफाई में यह स्पष्ट किया है कि कोविड काल के दौरान हुई व्यापक जनहानि के कारण कोई भी फर्म दवाओं की आपूर्ति करने में असमर्थ थी।
जो भी फर्म आपूर्ति करने के लिए तैयार थी उससे दवाओं का क्रय सरकार की गाइडलाइन के अनुपालन में किया गया। चिकित्सालय में मरीजों को जनहानि से बचाव के लिए समय-समय पर आवश्यक दवाओं की आपूर्ति निर्धारित समय पर प्राप्त करना जरूरी होता है।
यह निश्चित भी नहीं है कि किस रोग में कितनी दवाओं की आवश्यकता होगी, यह तो रोगी के रोग पर निर्भर करता है। यह भी कहा कि गंभीर रोग पीड़ित मरीजों को भी समय पर दवाएं उपलब्ध न होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।