Burnt alive case: बहू ने अपनी मां को फोन कर कहा - आप जल्दी आ जाओ, पति, सास और जेठ मुझे मार डालने वाले हैं

 
Burnt alive case: Daughter-in-law called her mother and said - Come quickly, husband, mother-in-law and brother-in-law are going to kill me.
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बेटे की चाह में पत्नी को जिंदा जलाने वाले पति, सास और जेठ के खिलाफ अपराध दर्ज, पीडि़ता की मां का कहना- दहेज के लिए करते थे प्रताडि़त, हत्या के उद्देश्य से बेटी को जलाने का भी लगाया आरोप, पीडि़ता का गंभीर हालत में चल रहा इलाज

Burnt alive case: सूरजपुर जिले के रामानुजनगर से रविवार को एक युवक द्वारा बेटे की चाह में अपनी पत्नी को जिंदा जलाने का मामला सामने आया था। गंभीर हालत में जल चुकी महिला का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में चल रहा है।

इस मामले में पीडि़ता की मां ने शादी के बाद से ही बेटी को दहेज के लिए प्रताडि़त करने तथा हत्या के उद्देश्य से बेटी को जलाने का आरोप दामाद, सास व जेठ पर लगाते हुए थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इस मामले में पुलिस ने पीडि़ता के पति, सास व जेठ के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी है।

सूरजपुर जिले के रामानुजनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत पियूरी चौक निवासी रेनू गुप्ता पति लवकेश गुप्ता 33 वर्ष को जली अवस्था में सूरजपुर जिला अस्पताल में लाया गया था। यहां से डॉक्टरों ने उसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर के लिए रेफर कर दिया था।

इस मामले में पीडि़ता की मां सूरजपुर के वार्ड क्रमांक-1 गोपालपुर निवासी सुमित्रा देवी पति स्व. अशोक गुप्ता ने दहेज की मांग को लेकर बेटी की हत्या के उद्देश्य से पति लवकेश गुप्ता 35 वर्ष, सास मालती देवी 60 वर्ष व जेठ बडक़ू 37 वर्ष द्वारा जलाने का आरोप लगाते हुए कोतवाली में मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

मामले में पुलिस ने पति, सास व जेठ के खिलाफ धारा 307, 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है। महिला का कहना है कि 9 साल पहले उसने बेटी की शादी रामानुजनगर के पियूरी चौक निवासी लवकेश गुप्ता गया गुप्ता 35 वर्ष से की थी।

शादी के बाद से ही ससुराल पक्ष द्वारा दहेज की मांग को लेकर बेटी को प्रताडि़त किया जाता था। इसकी शिकायत कई बार रामानुजनगर थाने के अलावा एसपी से भी की गई थी। मामले में समझौता होने तथा बेटी रेनू द्वारा अपनी छोटी बेटी के मोह में सबकुछ सहन करते हुए रह रही थी।

उसने बताया कि दहेज की मांग को लेकर बेटी से अक्सर मारपीट की जाती थी तथा बेटी पैदा करने को लेकर ताना भी दिया जाता था। वे कहते थे कि बेटा पैदा क्यों नहीं किया? पीडि़ता की मां का कहना है कि 1 अक्टूबर को बेटी ने फोन कर बताया कि आज मुझे पति, सास और जेठ मार डालेंगे। आपस में बात कर रहे थे जिसे मैंने सुन लिया है। आप जल्दी आ जाओ।

इसके बाद वह अपने बेटे के साथ बेटी के ससुराल जाने घर से निकली। घर के बाहर से बेटी के मोबाइल पर फोन लगाया तो दामाद ने फोन उठाकर कहा कि रेनू की तबियत खराब है। जब 7 साल की नातिन आस्था से बात हुई तो वह भी तबियत खराब होने की बात कहकर रोने लगी।

जब वह सूरजपुर पहुंची तो पता चला कि बेटी को जिला अस्पताल लाया गया है। अस्पताल में बेटी जली हुई थी। उसने बेटी के पति, सास और जेठ के खिलाफ बेटा पैदा नहीं करने को लेकर हत्या के उद्देश्य से जलाने का आरोप लगाया है।

Burnt alive case

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