CM Yogi: 'ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा', वहां त्रिशूल क्या कर रहा है? : CM Yogi
Gyanvapi Mosque Case: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ज्ञानवापी परिसर को मस्जिद नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर ज्ञानवापी को मस्जिद कहेंगे तो विवाद होगा। उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम पक्ष को अपनी ऐतिहासिक गलती स्वीकार करनी चाहिए और समाधान के लिए आगे आना चाहिए।
ज्ञानवापी और काशी विश्वनाथ मंदिर मुद्दे के समाधान के बारे में पूछे जाने पर, उत्तर प्रदेश के सीएम ने एएनआई से कहा कि कहा, "अगर हम ज्ञानवापी को मस्जिद कहते हैं तो विवाद होगा। मुझे लगता है कि लोगों को जांच करनी चाहिए - एक 'त्रिशूल' मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है?
योगी ने आगे कहा कि हमने तो इसे वहां नहीं रखा है। वहां ज्योतिर्लिंग है, भगवान की मूर्तियां हैं, दीवारें चिल्ला रही हैं और मुझे लगता है कि मुस्लिम पक्ष को अपनी ऐतिहासिक गलती स्वीकार करनी चाहिए और समाधान का प्रस्ताव देना चाहिए।
आपको बता दें कि ज्ञानवापी का मामला कोर्ट में है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले में सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। अदालत तीन अगस्त को निर्णय सुनाएगी। तब तक एएसआई सर्वेक्षण पर लगी रोक बरकरार रहेगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर की अदालत में बृहस्पतिवार को अपराह्न तीन बजकर 15 मिनट पर सुनवाई शुरू हुई। चूंकि मुख्य न्यायाधीश की अदालत में नियमित कार्य पूरा हो गया था, इसलिए न्यायमूर्ति दिवाकर ने दोनों पक्षों के वकीलों को बहस करने के लिए कहा।
बताते चले कि ज्ञानवापी मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा बयान दिया है। सीएम योगी ने कहा कि मस्जिद के अंदर त्रिशूल क्या कर रहा था। मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसको दृष्टि दी है वो देखे ना त्रिशूल मस्जिद के अंदर क्या कर रहा है, हमने तो नहीं रखा है ना। ज्योर्तिलिंग है देव प्रतिमाएं हैं। दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह रही हैं।
सीएम योगी ने कहा कि मुझे लगता है कि ये प्रस्ताव मुस्लिम समाज की तरफ से आना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है और उस गलती के लिए हम चाहते हैं समाधान हो। दरअसल, मुख्यमंत्री योगी एएनआई के पॉडकास्ट में अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान ज्ञानवापी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने बड़ा बयान दिया।
इस दौरान एक और अन्य सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन किसी पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं। आपका मत, आपका मजहब, अपने तरीके से होगा, अपने घर में होगा।
अपनी मस्जिद, अपने इबादतगाह तक होगा। सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं और इसको आप जो है किसी भी अन्य तरीके से दूसरे पर थोप नहीं सकते। नेशन फर्स्ट। अगर देश में किसी को रहना है तो राष्ट्र को सर्वोपरि मानना है, अपने मत और मजहब को नहीं।
वहीं, ज्ञानवापी को लेकर सीएम योगी के बयान का संत समाज ने स्वागत किया है। अखिल भारतीय संत समिति महामंत्री स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती कहा कि ज्ञानवापी का संघर्ष लंबा हो चला है, मुस्लिम समाज को पहल करने की जरूरत है।