Common Civil Code in UP: मुख्यमंत्री योगी का बड़ा ऐलान, UP में लागू होगी सामान नागरिक संहिता

 
Common Civil Code in UP: Big announcement by Chief Minister Yogi, Common Civil Code will be implemented in UP
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उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने समान नागरिक सहिंता यानी UCC लागू करने की सहमति दे दी है। आयोग ने कहा क्रिमिनल लॉ यानी आपराधिक कानून की तरह राज्य में समान नागरिक संहिता को ऐसे लागू करें कि सभी धर्म में स्वीकार हो।

Common Civil Code in UP: भाजपा शासित एक और राज्य उत्तराखंड में कॉमन सिविल कोड पर बात काफी आगे बढ़ चुकी है, उत्तराखंड ने UCC पर एक विशेष समिति का गठन किया था, जिसने राज्य में लाखों लोगों से राय मशविरा करके इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भी राज्य सरकार को सौंप दी है। उत्तराखंड विधानसभा में बिल पारित होते ही राज्य में यह कानून लागू हो जाएगा।

मुस्लिम नेताओं ने किया विरोध - केंद्र सरकार के स्तर पर जब विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता को लेकर अपने सुझाव मांगने की प्रक्रिया शुरू की थी, तब भी मुस्लिम नेताओं ने विरोध किया। कट्टरपंथी मुस्लिम नेताओं का कहना है कि इस्लाम में शरिया कानून के मुताबिक ही निकाह, तलाक और अन्य मामलों का निपटारा किया जाता है।

धार्मिक मामलों में दखलंदाजी नहीं की जानी चाहिए। उत्तर प्रदेश की कुल 25 करोड़ के करीब आबादी में मुस्लिम जनसंख्या 4.5 करोड़ के आसपास है। यूपी के 25 से ज्यादा ऐसे जिले हैं, जहां मुस्लिमों की संख्या 25 फीसदी से अधिक है। जबकि 10 से ज्यादा ऐसे जिले हैं, जहां मुस्लिमों की संख्या करीब 35 से 40 फीसदी तक है।

दरअसल, यूसीसी को लेकर राष्ट्रीय विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश समेत राज्य सरकारों से हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी समेत अन्य धर्म में शादी, तलाक, संपत्ति बंटवारा, उपहार और गोद लेने जैसे मुद्दों की मौजूदा स्थिति पर रिपोर्ट और सुझाव मांगे हैं। राष्ट्रीय विधि आयोग की इस मांग पर यूपी सरकार ने राज्य विधि आयोग से राय मांगी थी।

राज्य विधि आयोग ने एक रिपोर्ट बनाकर उत्तर प्रदेश शासन को सौंप दी है। आयोग का मानना है कि संविधान के अनुच्छेद 37 के तहत, कॉमन सिविल कोड लागू करना सरकार की जिम्मेदारी है। हालांकि आयोग का सुझाव है कि यूसीसी को इस तरह से लागू किया जाए, जिससे किसी धर्म पर बोझ न लगे।

यूसीसी के नियम और शर्तें ऐसी होनी चाहिए जो सभी धर्म में स्वीकार्य हों। वर्तमान समय में धर्म के अनुसार, अलग-अलग कानून होने से अदालत में लाखों मुकदमे लटे पड़े हुए हैं। मुकदमों के निपटारे को लेकर असमंजस और अस्पष्टता की स्थिति बनी हुई है।

यूसीसी लागू होने से भ्रम की स्थिति नहीं रहेगी। मुकदमों का निस्तारण तेजी से होगा। यूपी के विधि और न्याय विभाग में भी अल्पसंख्यक कल्याण और समाज कल्याण समेत तमाम विभागों से कॉमन सिविल कोड को लेकर राय मांगी है।

Common Civil Code in UP: Big announcement by Chief Minister Yogi, Common Civil Code will be implemented in UP

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