Couple Suicide In Up: शादी के बाद दो साल में ही आत्महत्या, सबके जेहन में घूम रहा है बस ये एक सवाल कि ऐसा क्यों ?
Couple Suicide In Up: गोरखपुर के सिविल लाइंस इलाके में बिस्मिल पार्क के सामने रहने वाले शहर के मशहूर मनोचिकित्सक डॉ. रामशरण श्रीवास्तव की बेटी और दामाद ने कुछ घंटों के अंतराल पर खुदकुशी कर ली। दामाद की लाश रविवार सुबह सारनाथ के होटल में फंदे से लटकती मिली।
इसकी सूचना जब गोरखपुर में बेटी को मिली तो उसने भी घर की छत से कूद कर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना पर एसपी सिटी कृष्ण कुमार बिश्नोई मौके पर पहुंच गए। फोरेंसिक टीम ने भी मौके पर छानबीन की है। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल कुछ पता नहीं चला है।
डॉ. रामशरण श्रीवास्तव की दो बेटियां और एक बेटा है। दूसरी बेटी संचिता (30) ने नवंबर 2022 में बिहार के बाढ़ निवासी हरीश बागेश (31) से प्रेम विवाह किया था। संचिता ने दिल्ली पर्ल अकादमी से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की थी, जबकि हरीश ने जम्मू से एमबीए किया था।
सिविल लाइंस इलाके में रहने वाले डॉ. रामशरण श्रीवास्तव की बेटी संचिता शरण और दामाद हरीश की खुदकुशी की खबर से हर कोई हतप्रभ है। संचिता और हरीश ने नवंबर 2022 में प्रेम विवाह किया था। दोनों 2013 से ही एक-दूसरे को जानते थे और अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी एक साथ की तस्वीरें शेयर करते थे, जिसमें दोनों बेहद खुश नजर आते थे।
तो फिर ऐसा क्या हुआ कि शादी के दो साल भी नहीं बीते और दोनों को खुदकुशी करनी पड़ी। यही सवाल सबके जेहन में घूम रहा है, जिसका जवाब जांच के बाद ही सामने आएगा। डॉ. रामशरण के तीन बच्चों में बड़ा बेटा सचित शरण (34) बंगलूरू में पढ़ाई और छोटी बेटी आस्था हैदराबाद में फिल्म इंडस्ट्रीज में काम करती है।
संचिता दूसरे नंबर की थी। उसने पर्ल अकादमी दिल्ली से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई की थी। पढ़ाई के दौरान उसकी पटना बाढ़ निवासी हरीश बागेश से दोस्ती हुई। हरीश ने जम्मू से बीकॉम और एमबीए की पढ़ाई की। कुछ दिन तक उसने कई प्राइवेट बैंकों में भी काम किया।
उसकी अंतिम नौकरी एचडीएफसी बैंक में थी, जिसमें जनवरी 2024 तक उसने फील्ड वर्क किया था। इसके बाद उसने काम छोड़ दिया। तब से हरीश संचिता के साथ सिविल लाइंस स्थित बिस्मिल पार्क के सामने डॉ. रामशरण श्रीवास्तव के घर में रह रहा था।
बताया जा रहा है कि शादी के बाद से ही हरीश और संचिता नौकरी को लेकर काफी तनाव में थे। हरीश ने मुंबई से लेकर कई जगहों पर निजी बैंकों में काम किया लेकिन कहीं वह टिक नहीं पाया। वहीं संचिता भी नौकरी के लिए इधर-उधर प्रयास कर रही थी।
इस बात को लेकर दोनों के बीच नोक-झोंक भी हो रही थी। सूत्रों के अनुसार, हरीश पांच जुलाई को नाराज होकर घर से निकला था। उसने जाते समय बताया था कि वह पटना अपनी बहन से मिलने जा रहा है, लेकिन वह वाराणसी के सारनाथ निकल गया।
हरीश ने एक वेबसाइट की मदद से सारनाथ में अटल नगर कॉलोनी, मवइयां स्थित एक होम स्टे बुक किया था। पुलिस की पूछताछ में होम स्टे संचालक ने बताया कि एक एप के माध्यम से हरीश ने कमरा नंबर-202 बुक किया था। पांच जुलाई की रात वह अपने कमरे में आया था।
हरीश के रिश्तेदार पांडेयपुर निवासी राजू कुमार रविवार की सुबह होम स्टे में आए और उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा न खुलने पर उन्होंने संचालक को सूचना दी। संचालक ने रोशनदान से झांक कर देखा तो हरीश पंखे के हुक से रस्सी के फंदे के सहारे लटका हुआ था।
सूचना पाकर सारनाथ थाने की पुलिस मौके पर आई और दरवाजा तोड़ कर शव को नीचे उतरवाई। उसके कमरे से पुलिस को गांजा, सिगरेट, लाइटर, पर्स और मोबाइल मिला।