Crime News: उमेश पाल के समर्थकों में आक्रोश का माहौल, बवाल की आशंका को लेकर अलर्ट, शाम को होगा पोस्टमार्टम

 
Crime News: An atmosphere of anger among the supporters of Umesh Pal, alert about the possibility of ruckus, post mortem will be held in the evening
प्रयागराज में उमेश पाल हत्‍याकांड में पोस्‍टमार्टम हाउस और उमेश पाल के घर पर समर्थकों की भीड़ बढ़ रही है। उमेश पाल और गनर संदीप के शवों का एक्स-रे हो रहा है। पोस्टमार्टम शाम को होगा। इस दौरान पुल‍िस और प्रशासन के व‍िरोध में जमकर नारे बाजी भी हुई।

Crime News: विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या से समर्थकों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उमेश पाल के समर्थक बड़ी संख्या में जयंतीपुर स्थित आवास और पोस्टमार्टम हाउस में जमा हैं। उन्हें शांत कराने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ रही है।

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पोस्टमार्टम के बाद उमेश पाल की अंत्येष्टि से पहले समर्थकों द्वारा बवाल की आशंका को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट है। एहतियातन आसपास के जिलों की फोर्स भी बुला ली गई है। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और डीएम संजय खत्री भी पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद हैं। उधर, उमेश पाल के दूसरे गनर राघवेंद्र की हालत गंभीर बनी हुई है।

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उमेश के समर्थकों का कहना था कि पोस्टमार्टम के पहले एक्स-रे कराया जाए, उसके बाद पोस्टमार्टम हो, उनकी इस मांग को प्रशासन ने मान लिया। एक्स-रे की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद दोनों के शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाए जाएंगे।

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कानपुर से सपा नेता व पूर्व सांसद राजा राम पाल अपराह्न डेढ़ बजे उमेश के स्वजनों से मिले। उन्होंने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

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उमेश पाल की हत्या मामले में उनकी पत्नी जया पाल ने अहमदाबाद जेल में बंद माफिया अतीक अहमद, उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन, बरेली जेल में बंद भाई पूर्व विधायक अशरफ, अतीक के बेटों, मोहम्मद मुस्लिम और अतीक के अन्य सहयोगियों के खिलाफ साजिश, हत्या सहित अन्य गंभीर धाराओं में धूमनगंज थाने में एफआइआर लिखाई है।

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पुलिस ने अतीक के दो बेटों को रात में ही हिरासत में ले लिया था। बाकी दो बड़े बेटे उमर और अली पहले से लखनऊ तथा नैनी की जेल में बंद है। बता दें कि कि अतीक के पांच बेटे हैं। सबसे छोटा बेटा अभी नाबालिग है। सूचना मिल रही है कि पुलिस ने माफिया की पत्नी शाइस्ता को भी पकड़ लिया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हो रही है। 

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राजू पाल की हत्या के साथ ही शुरू हो गई थी उमेश और अतीक में दुश्मनी, पहले भी हो चुका था अपहरण

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माफिया अतीक अहमद और उमेश पाल के बीच अदावत राजू पाल हत्याकांड के बाद शुरू हुई। बसपा विधायक राजू पाल की हत्याकांड के बाद उमेश पाल को अतीक गिरोह ने अपना सबसे बड़ा दुश्मन मान लिया। अतीक गिरोह लगातार उमेश को टार्चर करता रहा, लेकिन वह डिगे नहीं, अलबत्ता बिना डरे लड़ते रहे। शुक्रवार को भी वह कोर्ट में अतीक गिरोह द्वारा खुद के अपहरण के मामले में गवाही देने कोर्ट गए थे।

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25 जनवरी 2005 को राजू पाल की सुलेम सराय क्षेत्र में स्वचालित हथियारों से हत्या कर दी गई थी। शूटआउट में राजू के साथ संदीप यादव और देवी लाल भी मारे गए थे। राजू के गनर समेत कई लोग घायल हुए थे।

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इस मामले में राजू की पत्नी पूजा पाल ने तत्कालीन सांसद अतीक अहमद, अशरफ, फरहान, आबिद, रंजीत पाल और गुफरान समेत नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मुकदमे के मुख्य गवाह राजू पाल के बाल सखा और रिश्तेदार उमेश पाल बने थे।

इसी के साथ ही अतीक गिरोह और उमेश पाल के बीच दुश्मनी शुरू हो गई, लेकिन उमेश डरे नहीं। वे लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक अतीक गिरोह से लड़ते रहे। यहां तक कि जब सीबीआई जांच शुरू हुई, तो भी उमेश ही मुख्य गवाह बने थे।

इस बीच अतीक गिरोह लगातार उमेश का टार्चर करता रहा। कभी उनका अपहरण किया गया, तो कभी कचहरी में पकड़कर धमकाया गया। कभी रंगदारी मांगी गई तो कभी हत्याकांड में जबरन नामजद करा दिया गया।

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28 फरवरी 2008 : राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल का अतीक गिरोह ने अपहरण कर लिया। उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर ले जाकर मारा पीटा गया। धमकाया गया कि अगर राजू पाल हत्याकांड में गवाही दी तो जान से मार दिया जाएगा। इस कांड के बाद उमेश बेहद डर गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अतीक, अशरफ समेत गिरोह के कई गुर्गों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करा दी।



11 जुलाई 2016 : उमेश पाल अपहरण के मामले में गवाही देने कचहरी पहुंचे थे, यहीं कचहरी कैंपस में ही उन पर हमला कर दिया गया। उन पर गोलियां चलाईं गईं। संयोग से वह बच गए थे। उमेश ने अतीक, अशरफ, हमजा समेत गिरोह के अन्य शातिरों के खिलाफ हमले की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस हमले के बाद भी उमेश नहीं झुके।

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14 जुलाई 2016 : अतीक गिरोह लगातार उमेश को टार्चर कर रहा था। जब हमले के बाद भी वह नहीं माने तो 14 जुलाई को धूमनगंज के जितेंद्र पटेल की हत्या में उमेश को नामजद करा दिया। उमेश और घर वाले भौचक्के रह गए। उन्हें फरार होना पड़ा, लेकिन जांच में सब साफ हो गया। जितेंद्र की हत्या में उमेश को बाइज्जत बरी कर दिया गया।



फरवरी 2022 : उमेश वकालत करने के साथ साथ प्रापर्टी डीलिंग का भी काम करते थे। फरवरी 2022 में वह धूमनगंज में अपनी साइट पर थे। उसी समय अतीक गिरोह के कई गुर्गे असलहे लेकर पहुंच गए। उन्होंने उमेश को धमकाया कि अतीक ने एक करोड़ मांगे हैं।

अगर नहीं रुपये नहीं दिए तो जान से मरवा दिया जाएगा। अगर प्रापर्टी डीलिंग करनी है तो एक करोड़ देने पड़ेंगे। हालांकि घटना फरवरी की है, लेकिन पुलिस ने इसे अगस्त महीने में दर्ज किया था।

जिले और राजधानी का शायद ही कोई अफसर हो, जिससे उमेश पाल ने अपनी जान पर खतरे का अंदेशा न जताया हो। सबको उन्होंने जान के खतरे की चिट्ठी दे रखी थी। शासन के निर्देश पर उन्हें हथियारों के साथ दो सिपाही सुरक्षा में मिले थे, लेकिन वे भी उमेश की जान नहीं बचा सके।