Dehradun News: कलयुगी मां ने अस्पताल के शौचालय में दिया नवजात को जन्म, हुई फरार
Dehradun News: कोतवाली अंतर्गत नगर के उप जिला चिकित्सालय में एक मां शौचालय में नवजात को जन्म देकर फरार हो गई। सफाई कर्मी ने जब शौचालय में नवजात को देखा तो अस्पताल के चिकित्सकों को सूचना दी। चिकित्सकों ने नवजात का उपचार किया और प्रेमनगर क्षेत्र के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया।
इस संबंध में उप जिला चिकित्सालय विकासनगर के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. विजय सिंह ने बताया कि बुधवार सुबह करीब सात बजे सफाई कर्मी ने शौचालय में नवजात के पड़े होने की सूचना दी। लेकिन जन्म देने वाली मां कहीं नहीं मिली। नवजात की तबियत खराब थी, लिहाजा उसका उपचार किया गया और उसे प्रेमनगर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूचना पर बाजार चौकी प्रभारी किशन देवरानी मय पुलिस बल के मौके पर पहुंचे। अस्पताल प्रशासन से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और अस्पताल के सीसीटीवी खंगाले। जिसमें एक युवती युवक के साथ अस्पताल से बाहर की ओर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
अस्पताल प्रशासन ने बताया कि 23 वर्षीय युवती जिला उप चिकित्सालय पहुंची, अपना पंजीकरण कराया। उसके बाद वह भर्ती न होकर अस्पताल में बने शौचालय में चली गई और नवजात को जन्म देकर फरार हो गई। वहीं, नवजात का उपचार चिकित्सकों ने किया।
झोलाछाप ने की सिजेरियन डिलीवरी, बच्चे को जन्म देने के बाद महिला की मौत
पकरीबरावां (नवादा)। नवादा के पकरीबरावां थाना क्षेत्र के बस स्टैंड समीप मोहनबिगहा में बुधवार की सुबह एक निजी क्लिनिक में प्रसव के दौरान एक महिला की मौत हो गई। आरोप है कि झोलाछाप द्वारा महिला को बड़ा आपरेशन किया गया था।
प्रसव के बाद बच्चा सही सलामत है, जबकि जच्चा की मौत हो गई। मृतक महिला जसत गांव निवासी मुन्ना केवट की पत्नी रेखा देवी (31 वर्ष) है। महिला की मौत के बाद निजी क्लिनिक संचालक मनोज कुमार मौके से फरार हो गया।
परिजनों ने बताया कि गर्भवती का सिजेरियन डिलीवरी हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसकी स्थिति बिगड़ने लगी और अधिक रक्तस्राव होने से उसकी मौत हो गई। नवजात को किसी तरह बचा लिया गया है। मृतका के स्वजनों ने बताया कि मंगलवार को रेखा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजन उसे लेकर पकरीबरावां बाजार के बस स्टैंड स्थित मोहनविगहा स्थित निजी क्लिनिक ले गए।
यहां क्लीनिक संचालक मनोज कुमार और झोलाछाप ने महिला का ऑपरेशन से बच्चा होने की बात कही और 25 हजार का खर्च बताया। स्वजन 20 हजार देने पर राजी हो गए। झोलाछाप ने एक नर्स की मदद से रात को बड़ा ऑपरेशन कर किया। महिला ने बेटे को जन्म दिया।
हालांकि, डिलीवरी के बाद अधिक रक्तस्राव होने पर मां की हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। हद तो तब हो गई जब महिला के परिजनों को इस बात की जानकारी नहीं दी गई। क्लिनिक के संचालक और झोलाछाप ने सुबह तक महिला के शव को ऑपरेशन रूम में ही रखा और बात दबाकर रखी।
सुबह में भी स्वजन को बरगलाकर रखने की कोशिश की गई, लेकिन जैसे ही स्वजन को इसकी भनक लगी, संचालक फरार हो गया। इसके बाद स्वजन ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। मृतक महिला रेखा देवी के पति मुन्ना केवट ने बताया कि मेरी पत्नी अपने पीछे चार बच्चों को छोड़कर चली गई।
मेरे छोटे-छोटे तीन लड़का व एक लड़की हैं। जो बिना मां के कैसे रहेगा। वहीं स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्वजनों का आरोप है कि यहां किसी प्रकार की सुबिधा नहीं है और डाक्टर द्वारा आपरेशन कर दिया मामला विगड़ने पर रेफर भी नहीं किया गया। वहीं मौत के बाद हमलोगों को इसकी भनक तक नहीं होने दिया और संचालक फरार हो गया।