मनुष्य के लिए वरदान है इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति : डा.ए. बशर
वाराणसी। इलेक्ट्रो होम्योपैथी बहुत पुरानी चिकित्सा प्रणाली है, जो पूरी तरह से इस विश्वास पर आधारित है कि मानव शरीर खुद को ठीक कर सकता है। भारत के अलावा, यह कई यूरोपीय देशों में भी बहुत लोकप्रिय है। यह चिकित्सा की एक बहुत शक्तिशाली प्रणाली है, जो निश्चित रूप से मानवता के लिए वरदान साबित होगी, क्योंकि ये कोई साइड इफेक्ट नहीं छोड़ती।
डा. ए. बशर ने बताया कि इस उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा विभिन्न प्रकार के पौधों से बनाई जाती है। यह उपचार की वह विधि है, जो प्रकृति के नियम के वैज्ञानिक प्राथमिक सिद्धांतों पर आधारित है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक विश्वसनीय उपचार है, जो हमेशा शरीर को आवश्यक चीजें प्रदान करता है।
उन्होंने बताया कि यह वनस्पति पर आधारित पद्धति है। शरीर में दो चैतन्य पदार्थ रस और रक्त होते हैं। इनमें विकार होने पर रोग उत्पन्न होते हैं। रक्त को शुद्ध करना ही पद्धति का सिद्धांत है। इस पैथी में असाध्य बीमारियों का भी इलाज संभव है।
डा. ए. बशर ने बताया कि बहुत से लोग कई असाध्य रोगों से ग्रस्त हैं, जैसे बच्चादानी की रसोली, पित्ताशय एवं गुर्दे की पथरी, किडनी एवं लीवर संक्रमण, बवासीर, कैंसर, सोरायसिस, गैंगरीन, थायराइड, गांठ आदि इलेक्ट्रो होम्योपैथी इन सभी बीमारियों को जो कि रस एवं रक्त को शुद्ध कर के बिना आपरेशन पूर्णतया जड़ से ठीक करने की शक्ति रखती है।