Flood in Agra: 13 साल बाद दिखा यमुना का रौद्र रूप, बटेश्वर के घाट और टूटे मंदिरों तक पहुंचा पानी
![Flood in Agra: After 13 years, the fierce form of Yamuna was seen, water reached Bateshwar ghat and broken temples](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/85356248efdf509c1d9eceb421bbdb10.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
Flood in Agra: आगरा में यमुना नदी के उफान से बटेश्वर की शिव मंदिर शृंखला पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। 1978, 1995, 2010 में आई बाढ़ में बटेश्वर में बने कई मंदिर और घाट यमुना की गोद में समा गए या क्षतिग्रस्त हो गए। 101 शिव मंदिरों में से सिर्फ 44 मंदिर बचे हैं।
उफान लेती यमुना का पानी टूटे हुए घाटों एवं क्षतिग्रस्त मंदिरों के अवशेषों से होकर बहने लगा है। निचले इलाके के बिहारी जी मंदिर के घाट की सभी सीढ़ियां डूब गई हैं। बटेश्वर के अलावा कचौराघाट के शिव मंदिर की दहलीज पर एक सीढ़ी बची थी, सोमवार को वह भी डूब गई। बाह के एसडीएम कृष्णनंद तिवारी ने मंदिर और यमुना के आसपास न जाने की हिदायत दी।
जलस्तर नापने का निशान भी डूबा - बाह में यमुना के जलस्तर के मापन का एकमात्र निशान बटेश्वर में है। सोमवार को यह निशान यमुना के उफान में डूब गया। यहां पर 80 फीट तक का निशान बना था। बटेश्वर के नरेंद्र चन्द्रवंशी ने बताया कि 2010 में भी यह निशान डूब गया था।
बीहड़ के रास्तों में भरा पानी, डूबी फसलें - यमुना में उफान से तलहटी के गांवों में फसलें डूब गई हैं। बीहड़ के रास्तों पर पानी भर गया है। बुढैरा, भौंर, स्याइच, बटेश्वर, कलियानपुर, भरतार, बड़वाया, कोट का पुरा, सिधावली, सुंसार, विक्रमपुर घाट, कछार, चौरंगाबीहड़, कमतरी, कछपुरा, खिलावली, पई, नौगवां, चरीथा, पूठा, गढ़ी बरौली, पुरा चतुुुर्भुज, नगला सुरई, कचौराघाट, फकीरे की मढै़या, पारना आदि गांवों में अधिक समस्या है।
विक्रमपुर के गुल्ल का पुरा क्षेत्र में पशुओं के लिए बनाई गईं झोपड़ियों तक उफान का पानी पहुंच गया है। विक्रमपुर घाट, बड़वाया, चरीथा, पई, खिलावली, चौरंगाबीहड़, सुंसार आदि गांवों के बीहड़ी रास्तों पर पानी भर गया है।
एसडीएम ने किया दौरा - एत्मादपुर के गांव रहनकला, गदपुरा, शीशियां, सुरेरा, छोटा सुरेरा में किसान ओमवीर सिंह, आशाराम, विजय सिंह, रामकिशन की फसलें डूब गई हैं। सुरेरा व सिसिया गांव की सड़कें कट गई हैं। एसडीएम रतन वर्मा एसीपी सौरव सिंह ने गांवों का दौरा कर नुकसान का जायजा लिया। एसडीएम फतेहाबाद विजय शर्मा ने सोमवार को ईधौन, मेवली कला का दौरा किया।
पिनाहट घाट पर 116 मीटर जलस्तर पहुंच गया - चंबल नदी में कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने से धीरे-धीरे नदी का जलस्तर बढ़ने लगा है। पिनाहट घाट पर 116 मीटर जलस्तर पहुंच गया है। कोटा बैराज से करीब 50 हजार क्यूसेक पानी को डिस्चार्ज किया गया है।
पिनाहट में चंबल नदी के किनारे बना शिव मंदिर आधे से ज्यादा डूब गया। वन विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश की छोटी नदियों का पानी भी नदी में पहुंच रहा है। इसके चलते जलस्तर बढ़ रहा है।