Gangster Sanjeev Jeeva: संजीव जीवा मर्डर केस में बड़ी कार्रवाई, 6 पुलिसकर्मी सस्पेंड
Gangster Sanjeev Jeeva: संजीव जीवा हत्याकांड में गुरुवार को पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है। कोर्ट के गेट पर तैनात 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। ये पुलिसकर्मी उस गेट पर तैनात थे, जहां से शूटर विजय यादव असलहा लेकर कोर्ट परिसर में घुसा था। उधर, जीवा की हत्या के बाद जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी की की सुरक्षा की समीक्षा की गई है। मुख्तार की बैरक में तैनात हर पुलिसकर्मी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह विभाग ने कहा है कि एक ही पुलिसकर्मी लगातार बैरक में ड्यूटी पर नहीं रहेगा। इसके साथ ही कोर्ट परिसर में पेशी के दौरान हाई प्रोफाइल गैंगस्टर्स से मिलने वालों पर विशेष नजर रखी जाए। सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मी अनजान लोगों को किसी भी अपराधी के पास न भटकने दें। ये आदेश गृह विभाग ने सभी जिलों के लिए जारी किया है।
गृह विभाग ने सभी जिलों के लिए जारी किया ये आदेश - गृह विभाग ने कहा है कि किसी भी न्यायालय परिसर में किसी भी व्यक्ति को शस्त्र लेकर प्रवेश नहीं करने के आदेश का सख्ती से पालन कराया जाए।
सभी जिलों में कोर्ट की सुरक्षा के लिए 71 सुरक्षा प्रभारी इंस्पेक्टर, 22 इंस्पेक्टर, 240 सब इंस्पेक्टर, 522 कांस्टेबल और 1772 हेड कांस्टेबल कॉन्स्टेबल तैनात किए गए गए हैं। इसके साथ ही सभी कोर्ट परिसर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त क्यूआरटी टीमें लगाई गई हैं। इसमें 60 उपनिरीक्षक, 112 हेड कॉन्स्टेबल और 256 कांस्टेबल तैनात किए गए हैं।
विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की कोर्ट में हुई थी हत्या - गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की कोर्ट में बुधवार को शूटर विजय यादव ने संजीव जीवा की हत्या की थी। कोर्ट में मौजूद प्रत्यक्षदर्शी वकील ने बताया था कि कोर्ट में भीड़ थी।
जीवा सुनवाई का इंतजार कर रहा था। तभी एक शूटर आया और उस पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। मौके पर मौजूद एक महिला की गोद में बच्ची थी। इस दौरान मासूम के पीठ पर गोली लगी है, जो पेट से निकल गई।
वहीं, महिला के अंगूठे में गोली लगी. इस दौरान एक पुलिस कांस्टेबल को भी गोली लगी। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि संजीव जान बचाने के लिए अंदर भागा और वह 10 से 15 मिनट तक बेसुध पड़ा रहा। शूटर कह रहा था कि हम जीवा को मारने आए थे और मार दिया।
जीवा पर बीजेपी नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप था, जिन्होंने कभी मायावती की गेस्ट हाउस कांड में जान बचाई थी। जीवा पर जेल से गैंग चलाने और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था।