Gorakhpur News: माफिया राकेश का ध्वस्त हो सकता है आशियाना, इन पर भी तगड़ा एक्शन
![Gorakhpur News: Mafia Rakesh's house may be demolished, strong action will be taken on them too](https://www.bmbreakingnews.com/static/c1e/client/99149/uploaded/7e6fd7dd538c6b3e8751be9e9401feae.jpeg?width=963&height=520&resizemode=4)
Gorakhpur News: गोरखपुर जिले की टॉप-10 और प्रदेश के 61 माफिया की सूची में शामिल माफिया राकेश यादव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पुलिस ने झुंगिया स्थित मकान की जांच के लिए जीडीए को पत्र लिखा है। साथ ही मानक व नक्शे की जांच करने को कहा और नियम विरुद्ध मिलने पर ध्वस्त कराने को कहा है।
वहीं, राकेश पर एक व्यक्ति ने जमीन के लिए रंगदारी मांगने व धमकी का आरोप लगाया है। पुलिस आरोपों की जांच करते हुए केस दर्ज करने की तैयारी में है। राकेश व पत्नी और अन्य रिश्तेदारों व गुर्गों की संपत्ति का ब्योरा जुटा रही है। इसके बाद पुलिस संपत्ति को कुर्क करने की तैयारी करेगी।
पुलिस के अनुसार इस समय राकेश पर अलग-अलग मामलों में 50 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें पीपीगंज में गैंगस्टर समेत चार केस हैं, जिसकी पुलिस प्रभावी पैरवी कर सजा दिलाएगी। बता दें कि राकेश का नाम ओमप्रकाश पासवान हत्याकांड में शामिल था। माफिया राकेश यादव पर कार्रवाई करने के लिए नोडल बनाए गए एसपी उत्तरी ने बताया कि जीडीए को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। प्रभावी पैरवी के लिए चार मुकदमों को चिह्नित किया गया है।
गोरखपुर, जिले की टॉप 10 व यूपी के 61 माफिया की सूची में शामिल 25 हजार का इनामी विनोद उपाध्याय के भाइयों की तलाश में पुलिस ने मंगलवार की पूरी रात कई जिलों में दबिश दी गई। यद्यपि किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। पुलिस विनोद के दोनों भतीजे निहाल व सावन को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
इनकी निशानदेही पर देवरिया जिले के रामपुर कारखाना थाना के बरपार स्थित विनोद की ससुराल में दबिश दी। पुलिस ने जांच में पाया है कि कुर्की के डर से माफिया संपत्तियों को छिपा रहा है। माफिया का एक भाई रेलवे में ठीकेदारी और रीयल एस्टेट का कारोबार संभाल रहा है। दूसरा भाई अन्य कारोबार देख रहा है।
पुलिस अजीत शाही का भी नाम माफिया की सूची में दर्ज कराने की तैयारी में है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही उसका नाम यूपी के 61 और जिले की टाप 10 सूची में दर्ज कराया जाएगा। उसके अवैध कारोबार व संपत्ति समेत उससे संबंध रखने वाले अपराधियों व जमानतदारों का ब्योरा जुटाया जा रहा है।