Gorakhpur News: जेल से रिहाई के बाद बोला अमेरिकी बंदी, 'गुड बाय गोरखपुर', जानिये क्यों काट रहा था सजा

 
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इस दौरान उसने यहां के बंदियों को अंग्रेजी बोलना सिखाया और खुद हिंदी बोलने की कला सीखी। इतने दिनों में वह भोजपुरी और हिंदी दोनों ही भाषा के कुछ शब्दों को बोलना सीख गया।

Gorakhpur News: वीजा में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में नेपाल बॉर्डर से पकड़ा गया अमेरिकी बंदी स्काॅट बायड क्नोक्स (60) बुधवार को जिला कारागार से रिहा हो गया। जाते समय उसने हाथ जोड़कर सभी को नमस्ते किया, इसके बाद हाथ हिलाकर गुड बाय गोरखपुर बोलते हुए रवाना हो गया। 

एसपी महराजगंज की ओर से गठित पुलिस टीम औपचारिकता पूरी कर दोपहर 12 बजे उसे साथ लेकर गई। एग्जिट काॅर्ड आने तक स्काॅट बायड महराजगंज में ही पुलिस की देखरेख में रहेगा। एग्जिट कार्ड आने पर पुलिस टीम उसे दिल्ली लेकर जाएगी।

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वहां अमेरिकी दूतावास की मदद से उसे उसके घर भेजा जाएगा। अभी कुछ दिन पहले ही अमेरिकी नागरिक के दोस्त ने कोर्ट में जुर्माने की रकम 90 हजार जमा कराई है। इसके अभाव में अमेरिकी बंदी को छह माह अतिरिक्त सजा काटनी पड़ती।

जेलर अरुण कुमार ने बताया कि महराजगंज जेल में स्काॅट बायड ने कमर में दर्द होने की शिकायत की थी। इलाज के लिए उसे बीआरडी मेडिकल काॅलेज रेफर कर दिया गया था। बेहतर उपचार के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर पांच फरवरी 2023 को स्काॅट बायड को महराजगंज से गोरखपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।

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उसे गोरखपुर जेल के अस्पताल में रखा गया था। स्काॅट बायड 26 जून 2015 को भारत आया था। वर्ष 2016 में वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी उसने देश नहीं छोड़ा। तीन जून 2022 को बिहार की रक्सौल सीमा से स्काॅट ने नेपाल जाने का प्रयास किया, लेकिन लौटा दिया गया।

15 जून, 2022 की शाम वह सोनौली सीमा पर पहुंचा। अधिकारियों को पासपोर्ट दिखाया, जिस पर छह जून, 2022 को मुंबई पहुंचने की मुहर लगी थी। संदेह होने पर इमिग्रेशन के अधिकारियों ने छानबीन की तो स्काॅट की जालसाजी का भंडाफोड़ हो गया।

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इमिग्रेशन अधिकारी की तहरीर पर केस दर्ज कर महराजगंज जिले की सोनौली थाना पुलिस ने उसे जेल भिजवा दिया था। अमेरिकी बंदी गोरखपुर जेल में करीब डेढ़ साल तक रहा। इस दौरान उसने यहां के बंदियों को अंग्रेजी बोलना सिखाया और खुद हिंदी बोलने की कला सीखी।

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इतने दिनों में वह भोजपुरी और हिंदी दोनों ही भाषा के कुछ शब्दों को बोलना सीख गया और उनके अर्थ भी समझने लगा। जिला कारागार में अब दो विदेशी वर्तमान में बंद हैं। स्काॅट बायड के जाने के बाद अब जेल में पाकिस्तान और बांग्लादेश के बंदी हैं। उन्हें हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है।