Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मस्जिद और व्यासजी तहखाने के एक प्रकरण में 18 मार्च को होगी सुनवाई

 
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Gyanvapi Case: वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन अश्वनी कुमार की कोर्ट में गुरुवार को ज्ञानवापी से जुड़े में एक और मामले को सुनवाई हुई। इस मामले में वादीगण द्वारा बुधवार को दाखिल आवेदन की प्रति प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया को उपलब्ध कराई गई।

आवेदन में कहा गया था कि व्यासजी के तहखाने की छत पर मुस्लिमों को इकट्ठा होने से रोका जाए। इस मामले में अब 18 मार्च को सुनवाई होगी। प्रकरण के अनुसार, नंदीजी महाराज विराजमान व लखनऊ के जन उद्घोष सेवा संस्था के सदस्य कानपुर निवासिनी आकांक्षा तिवारी, लखनऊ निवासी दीपक प्रकाश शुक्ला, अमित कुमार, सुविद प्रवीण ने अपने अधिवक्ता राजेंद्र मोहन तिवारी, सुभाष चंद्र शर्मा के माध्यम से कोर्ट में वाद दाखिल किया है।

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वाद में कहा गया हैं कि मुस्लिम आक्रांताओं द्वारा मंदिर के स्वरूप को तोड़कर मस्जिद का गुंबद बनाया गया है। उसे हटाया जाए और विश्वनाथ मंदिर को सौंपते हुए मंदिर का रूप दिया जाए। नंदीजी महाराज अपने स्वामी भगवान के इंतजार में प्रतीक्षा रत हैं, उनको मिलवाया जाए।

साथ ही उक्त विवादित परिसर में नमाज करने से रोका जाए और परिसर में मुस्लिमों के प्रवेश पर भी रोक लगाई जाए। दूसरी तरफ, सिविल जज सीनियर डिवीजन प्रशांत सिंह की कोर्ट में आदि विश्वेश्वर मूलवाद मामला (1991) में एएसआई सर्वे की रिपोर्ट पर वाद मित्र विजय रस्तोगी ने बहस की।

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कोर्ट में वाद मित्र ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के केंद्रीय गुंबद के नीचे ही भगवान विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है। यहां गंगा जी का पानी भी आता है। वाद मित्र ने कहा कि इन सारे तथ्यों पर एएसआई की सर्वे रिपोर्ट काफी आवश्यक है। इन तथ्यों पर बहस के लिए कोर्ट ने 12 मार्च की तारीख मुकरर्र की है।

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