Gyanvapi Case: ज्ञानवापी-शृंगार गौरी के साथ सात मामलों की सुनवाई आज

Gyanvapi Case: जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में शुक्रवार को वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी शृंगार गौरी के मूल वाद के साथ सात अन्य मामलों की एक साथ सुनवाई होगी। जिला जज ने बीते मई माह में लक्ष्मी देवी, सीता साहू, रेखा पाठक व मंजू व्यास की तरफ से दिए गए आवेदन पर ज्ञानवापी से जुड़े एक ही प्रकृति के सात मामलों को मूल वाद के साथ सुनवाई किए जाने का आदेश दिया था। इसी क्रम में सातों मामलों को राखी सिंह समेत पांच महिलाओं की तरफ से दाखिल मां शृंगार गौरी मूल वाद के साथ समाहित करने का आदेश देते हुए सात जुलाई की तिथि नियत की गई थी।
वैज्ञानिक सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा हिंदू पक्ष - ज्ञानवापी में शिवलिंग जैसी आकृति की वैज्ञानिक सर्वे और कार्बन डेटिंग कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है।
याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई करे, जिसमें एएसआई को शिवलिंग की कार्बन डेटिंग सहित वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया था।
अखिलेश-ओवैसी के मामले में भी होगी सुनवाई - समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने से संबंधित मामले की सुनवाई भी शुक्रवार को होगी। यह मामला अपर सत्र न्यायाधीश नवम विनोद यादव की अदालत में विचाराधीन है।
आरोप है कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी। इस पर सपा प्रमुख और एआईएमआईएम नेता ने टिप्पणी की थी। इससे हिंदुओं की आस्था को चोट पहुंची थी। अब मामले में निगरानी याचिका दाखिल करके कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है।
हिंदू पक्ष का सुप्रीम कोर्ट से आग्रह - ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह ज्ञानवापी मामले वाली याचिका पर जल्द सुनवाई करे। हिंदू पक्ष के लोगों ने कहा है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए।
बता दें कि ज्ञानवापी मामले में श्रृंगार गौरी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना अहम फैसला बीते मई महीने में सुनाया था। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को खारिज करते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को सुनने के योग्य माना था। हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद नियमित पूजा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई का रास्ता साफ हो गया था।
इसके बाद से ही हिंदू पक्ष के लोग याचिका पर जल्द सुनवाई की बात कह रहे थे। अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से भी आग्रह किया है कि इस याचिका पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही वाराणसी जिला कोर्ट को यह तय करना था कि मामला सुनने योग्य है या नहीं।
बता दें कि ज्ञानवापी मामले में मिले कथित शिवलिंग के साइंटिफिक सर्वे और कॉर्बन डेटिंग के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में संभलकर चलने की जरूरत है। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में बारीकी से जांच करने की जरूरत है।