High Court: किशोरों के खिलाफ पॉक्सो के हो रहे दुरुपयोग पर उच्च न्यायालय ने दिये निर्देश

 
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High Court: सहमति से संबंध बनाने वाले किशोरों के खिलाफ पॉक्सो का हो रहा दुरुपयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि किशोर वय में प्रेम और आपसी सहमति से वैवाहिक रिश्ता बनाने वालों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम का दुरुपयोग हो रहा है।

न्यायालयों को इस कानून का उपयोग बुद्धिमानी से करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पॉक्सो के प्रयोग से अनजाने में उन लोगों का नुकसान न हो, जिनकी रक्षा के उद्देश्य से इसे बनाया गया है। जस्टिस कृष्ण पहल ने सतीश उर्फ चांद की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की।

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कोर्ट ने कहा कि उत्पीड़न और सहमति से बने रिश्तों के बीच अंतर करने की चुनौती है। इसके लिए सूक्ष्म दृष्टिकोण से न्यायिक विचार की जरूरत है। कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस की जांच उचित नहीं रही और सीधे आरोपी पर पॉक्सो एक्ट लगा दिया गया।

देवरिया निवासी सतीश पर थाना बरहज में दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कराया गया है। सतीश पर आरोप लगाया गया है कि वह शिकायतकर्ता की नाबालिग बेटी को 13 जून, 2023 को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था। वह जेल में बंद है।

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उसने जमानत के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। याची के अधिवक्ता का कहना था कि आरोपी को झूठा फंसाया गया है। पीडि़ता ने अपने बयान में कहा है कि वह 18 वर्ष की थी। दोनों एक-दूसरे से प्यार करते थे और अपने माता-पिता के डर से भागकर एक मंदिर में शादी कर ली थी। 

सहमति से संबंध बनाने वाले किशोरों के खिलाफ पॉक्सो का हो रहा दुरुपयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पॉक्सो के दुरुपयोग पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि, सहमति से संबंध बनाने वाले किशोरों के खिलाफ पॉक्सो का दुरुपयोग हो रहा है।

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